जेल में बंद भाइयों के लिए लिफाफे में राखियां लेकर पहुंची बहनें
रक्षाबंधन पर जेल में बंद भाइयों को बहने नहीं बांध पाएंगी राखी
कोरोना संक्रमण को लेकर लिफाफे में भेजी जा रही है राखी और रोली आगरा। रक्षाबंधन पर इस बार जेल में बंद भाइयों को बहनें राखी नहीं बांध पाएंगी। कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए शासन की ओर से यह निर्णय लिया गया है। बहनों की राखी और रोली लिफाफे में लेने के आदेश जेल प्रशासन को दिए गए हैं। गुरुवार को आगरा जिला जेल में कई बहनें परिसर में बैठे पुलिसकर्मियों को लिफाफे में राखी देते हुई नजर आई। जेल में राखी देने पहुंची बहनेंलिफाफे पर बंदी का नाम, बैरक नंबर और पता लिखा जा रहा है। गुरुवार को दर्जनों महिलाएं लिफाफे में राखी देने पहुंची। इस दौरान संक्रमण को देखते हुए उनके हाथों को भी सेनेटाइज किया जा रहा था। पूर्व में बहनें खुद जेल में बंद भाइयों के राखी बांधतीं थी, लेकिन कोरोना संकट को देखते हुए इस बार ऐसा नहीं है। इस बार में जिला जेल पहुंची कुछ महिलाओं का कहना था कि हर साल भाई को रक्षाबंधन के त्यौहार पर राखी बांधी थी, लेकिन इस बार वह जेल में बंद है। इस कारण राखी देने आए हैं।
एक अगस्त तक ली जाएंगी राखियांरक्षा बंधन से पहले बहन जेल में बंद अपने भाईयों को राखी पहुंचा रहीं हैं। एक अगस्त तक बहनों से जिला जेल पर राखी ली जाएगी। सभी बंदियों की राखी एकत्रित कर जेल में रख ली गई हैं। जेल प्रशासन के अनुसार तीन अगस्त को रक्षाबंधन पर हर बैरक में बंदियों की राखी पहुंचा दी जाएगी। जिससे वह बहनों की राखियों को अपनी हाथ की कलाई पर बांध सकेंगे।
शासन से मिले आदेश का पालन किया जा रहा है। राखियों को अभी से जमा किया जा रहा है, जो एक अगस्त तक ही ली जाएंगी। इसके बाद तीन अगस्त को यही राखियां सेनेटाइज करने के बाद बंदियों को दे दी जाएंगी। सभी लिफाफों पर बंदी का नाम और बैरक नंबर डाला गया है। शशिकांत मिश्र, जिला जेल अधीक्षक