मौसम विभाग की मानें तो बारिश कभी भी दस्तक दे सकती है. ऐसे में नगर निगम शहर के नालों की सफाई में जुटा है. नालों की सिल्ट निकाली जा रही है. सिल्ट दोबारा नाले में न जाए इसको लेकर भी पुख्ता व्यवस्था की है. नगर आयुक्त के निर्देश पर 24 घंटे में सिल्ट उठाई जा रही है.

आगरा(ब्यूरो)। मानसून से पहले शहर में नाला सफाई का अभियान चलाया जा रहा है। शहर करीब 400 छोटे-बड़े और अंडरग्राउंड नाले हैं। हर वर्ष की तरह इस बार भी नगर निगम तलीझाड़ सफाई का दावा कर रहा है। शहर में किसी भी तरह का जलभराव न हो इसके लिए शासन की ओर से भी सख्त निर्देश जारी गए है। शासन से निर्देश दिए गए थे नाला सफाई का माइक्रोप्लान तैयार किया जाए। साथ ही नाला सफाई के बाद ड्रोन कैमरों से सर्वे कराया जाए। जिससे नाला सफाई की हकीकत पता चल सके। स्थानीय निदेशालय ने नाला सफाई के ड्रोन सर्वे के फुटेज भेजने को कहा है। जिससे नाला सफाई में पारदर्शिता रहे।

24 घंटे में ही उठ रही सिल्ट
पहले नाला सफाई के बाद कई दिनों तक सिल्ट नाले के किनारे पड़ी रहती थी। कई बार तो ये स्थिति बन जाती थी कि बारिश होने से सिल्ट दोबारा नाले में चली जाती थी। लेकिन इस बार नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल ने 24 घंटे में सिल्ट उठाने के निर्देश दिए थे। इसके चलते नाला सफाई के 24 घंटे में ही सिल्ट उठाई गई। जिससे इस बार पूर्व के हालात न बनने की उम्मीद है। अब तक शहर में अधिकतर नालों की सफाई के बाद सिल्ट उठाई जा चुकी है।

शहर में हर वर्ष नाला सफाई होती है और हर वर्ष जलभराव होता है। इसको लेकर सरकारी विभाग कोई मंथन नहीं करते कि जब नाला सफाई होती है तो जलभराव क्यों होता है। साफ है कि कहीं न कहीं लापरवाही बरती जाती है।
विकास सक्सेना

शहर में नाला सफाई का दावा किया जाता है, लेकिन हकीकत ये है कि अब भी नालों में फ्लोटिंग कचरा दिख जाएगा। सफाई कभी पूरी नहीं हो सकती। ये लगातार निरंतर चलने वाला प्रयास है।
जसप्रीत कौर

बिजलीघर, राजामंडी, एमजी रोड-2 समेत शहर में कुछ ऐसे एरियाज हैं, जहां हर वर्ष जलभराव होता है। लेकिन यहां जलभराव रोकने के लिए नगर निगम की ओर से अब तक कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं हो सकी है।
बंटी झा

जलभराव के चलते शहर में कई बार हादसे हो चुके हैं। बावजूद इसके हालत जस के तस बने हुए हैं। इस ओर संबंधित विभागों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। सिर्फ दिखाने के लिए नहीं बल्कि जमीनी स्तर पर काम होने चाहिए।
स्वाति साहनी

शहर में अधिकतर नालों की सफाई हो चुकी है। दोबारा से फ्लोटिंग कचरा निकाला जा रहा है। नाला सफाई के साथ सिल्ट उठाई जा रही है।
सुरेंद्र प्रसाद यादव, अपर नगरायुक्त

शहर में जलभराव न हो इसके लिए प्रॉपर मॉनिटरिंग की जा रही है। सफाई एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। नालों में से फ्लोटिंग कचरा निकाला जा रहा है।
डॉ। अतुल भारती, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

शहर में जोन वाइज नालों की संख्या
जोन कुल नाले
हरीपर्वत 121
लोहामंडी 93
छत्ता 94
ताजगंज 102

शहर में इतने मीटर हैं नाले
जोन नाले
हरीपर्वत 91350
लोहामंडी 99280
छत्ता 73500
ताजगंज 83300


नोट:::आंकड़े मीटर में.

नाला सफाई में लगे संसाधन
10 बढ़ी चेन मशीन (पोकलेन)
13 छोटी और मझोली चेन मशीन
12 जेसीबी
20 लोडर
20 ट्रैक्टर ट्रॉली
250 कर्मचारी

Posted By: Inextlive