शहर में बढ़ते हुए अतिक्रमण को लेकर सिस्टम की खामोशी लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है. अफसरों के अतिक्रमण हटाने के दावों हवा हवाई दिखाई दे रहे हैं. क्योंकि न तो अतिक्रमण दूर हो रहा है और न ही लोगों की समस्याएं दूर हो रही हैं. बुधवार को दैनिक जागरण -आईनेक्स्ट की टीम ने बोदला चौराहे का जायजा लिया. तो अतिक्रमण की कई वजह निकलकर सामने आईं.

आगरा. बोदला चौराहे से बिचपुरी, शाहगंज, सिकंदरा और लोहामंडी को रास्ता जाता है। जब शाम ढलती है, मार्केट बंद होता है तो रोड डबल लेन दिखाई पड़ती है, जैसे ही मार्केट ओपन होता है, तो रोड सिंगल लेन बन जाती है। बोदला मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष रामस्वरूप लोधी इसकी बड़ी वजह ठेल-ढकेल और थ्री-व्हीलर समेत पुलिस चौकी के सामने खड़ी बाइक को मानते हंै। इसके अलावा स्थानीय दुकानदार जब दुकान खोलते हैं, तो अपनी तिरपाल को फुटपाथ से भी आगे कर देते हैं।

ये अतिक्रमण के कारण
- चौराहे से चंद कदमों की दूरी पर ऑटो रोड को घेरकर खड़े हो जाते हैं।
- चौराहे पर बोदला पुलिस चौकी बनी है। चौकी के सामने रोड पर बाइक खड़ी रहती हैं।
- राहुल नगर से आनी वाले ठेल-ढकेल वाले रोड को कब्जा लेते हैं।
- नगर निगम ने ठेल-ढकेल के दुकानदारों को एक जगह बैठाने पर के लिए स्ट्रीट वेंडर मार्केट स्थापित नहीं हो सका है।

ये भी एक वजह है।
- दुकानदार दुकान को आगे बढ़ाकर फुटपाथ को दबा लेते हैं।
- जो भी कस्टमर खरीददारी करने आते हैं, वे भी दुकान के आगे वाहनों को पार्क कर देते हैं।
- सिकंदरा, शाहगंज और बिचपुरी की ओर से लोडिंग वाहन गुजरते हैं।
- चौराहे के आसपास डे्रनेज सिस्टम टूटा पड़ा है। निकलने को रास्ता नहीं
= बिचपुरी की ओर रोड खुदी पड़ी है। गिट्टियों की ओर जाने में परेशानी होती है।

इतने स्थानों को कनेक्ट करता है चौराहा
बोदला चौराहा कई मार्केट को कनेक्ट करता है। इसमें लोहामंडी, सिकंदरा, बिचुपरी, जगदीशपुरा, शाहगंज, अवधपुरी, राहुल नगर, एमजी रोड-2 मानस नगर, मारुति एस्टेट आदि स्थानों को कनेक्ट करता है।

शहर में ऑटो भी अतिक्रमण की एक बड़ी वजह
शहर में 13 हजार से ज्यादा पैसेंजर्स ऑटो हैं। इसमें देहात के ऑटो अलग हैं। वे भी लाल रंग से हरा रंग करवाकर सिटी में बेखौफ दौड़ाते हुए नजर आते हैं। ये एमजी रोड को छोड़कर छीपीटोला, बिजलीघर, सेवला, शाहगंज, बोदला, भगवान टॉकीज, रामबाग चौराहा पर ट्रैफिक रुल्स को ताक पर रखकर चौराहों और सड़कों को बेतरतीब ढंग से खड़ा कर देते हैं। इससे सड़क पर अतिक्रमण तो होता ही है। साथ ही जाम भी लग जाता है।


नगर निगम अतिक्रमण के स्थानों को चिन्हित कर कार्रवाई का रोस्टर तैयार करता है। पहले नोटिस दिया जाता है। इसके बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है, तो ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाती है।
- अनुपम शुक्ला सहा। नगर आयुक्त


अतिक्रमण हटाने को कई बार प्रयास किए गए हैं। पहले हर महीने बाजार कमेटी के पदाधिकारियों के साथ एसएसपी मीटिंग करते थे। चौराहे पर अवैध अतिक्रमण की मॉनीटरिंग होती थी। अब ये बंद है। इसमें ऑटो रोड को घेर कर खड़े हो जाते हैं। कई ठेल ढकेल खड़ी हो जाती हैं।
- रामस्वरुप लोधी अध्यक्ष बोदला मार्केट व्यापारी एसोसिएशन


चौराहे से चंद कदमों की दूरी पर ऑटो रोड को घेरकर खड़े हो जाते हैं। ये बेलगाम हैं। कोई देखने वाला नहीं है। इसके अलावा ठेल-ढकेल वाले खड़े हो जाते हैं। जिम्मेदार मूकदर्शक बने हुए हैं।
- नितिन जैन

फैक्ट फिगर
- 200 दुकानें बोदला चौराहे और बाजार में
- चौराहा 12 मार्केट को कनेक्ट करता है
- 13 हजार ऑटो सिटी में
- लाइट मोटर व्हीकल-90428
- लाइट पैसेंजर्स व्हीकल-8387
- मीडियम गुड्स व्हीकल-983
टू-व्हीलर- 356757
- थ्री व्हीलर-13988
- कुल- 482278

ये हैं अतिक्रमण के जिम्मेदार
अतिक्रमण को पनाह देनेे में तीन विभाग अव्वल हैं। इसमें स्थानीय पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती है। ट्रैफिक पुलिस की जिम्मेदारी होती है। ट्रैफिक से सही तरीके से संचालन कराए। साथ ही यह भी देखे कि चौराहे पर वाहन बेतरतीबी ढंग से तो नहीं खड़े हैं। वहीं नगर निगम की जिम्मेदारी है कि अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाने के बाद उसकी मॉनीटरिंग भी करें।

Posted By: Inextlive