जिस क्षण की प्रतीक्षा थी उस पल से साक्षात्कार होते ही जनकपुरी जयश्रीराम के जयकारों से गुंजायमान हो उठी. जिसने सुना वह श्रीराम की बरात का स्वागत करने को दौड़ा चला आया.

आगरा (ब्यूरो)। जिस क्षण की प्रतीक्षा थी, उस पल से साक्षात्कार होते ही जनकपुरी जयश्रीराम के जयकारों से गुंजायमान हो उठी। जिसने सुना, वह श्रीराम की बरात का स्वागत करने को दौड़ा चला आया। जनमासा में पहुंचकर प्रभु श्रीराम की एक झलक पाकर सभी निहाल हो गए। खुशी, उत्साह और उमंग से भरे श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य की आरती उतारकर स्वागत किया। राजा जनक स्वरूप ने बरात की आगवानी कर राजा दशरथ को गले लगाकर स्वागत किया।

पुष्पमाला पहनाकर किया स्वागत
राम बरात सुबह सबसे पहले ताज मोटर्स स्थित जनमासा में पहुंची, जहां राम बरात का पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया गया। इसके बाद बरात जनक आवास आवास बने लोहामंडी स्थित महाराजा अग्रसेन भवन पहुंची। प्रभु श्रीराम के जनकपुरी आगमन से हर मन आनंदित था। बरात की अगवानी करते-करते राजा जनक भी रानी सुनयना संग बेटी सिया के वर श्रीराम को देखकर खुशी से झूम उठे। प्रभु श्रीराम के दर्शन व चरण स्पर्श करने को हर मिथिलावासी व्याकुल दिखा। उनके आगमन पर बरातियों और घरातियों, दोनों ने बैंडबाजों की सुमधुर धुन पर खूब नृत्य किया। दोपहर में प्रभु श्रीराम तीनों भाईयों, पिता राजा दशरथ (संतोष शर्मा), रानी कौशल्या (ललिता शर्मा), गुरु वशिष्ठ व विश्वामित्र संग जनक आवास पहुंचे, तो श्रद्धालु उनके दर्शन पाकर धन्य हो गए। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, रामलीला कमेटी अध्यक्ष विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल व श्री जनकपुरी महोत्सव आयोजन समिति महामंत्री मुनेंद्र जादौन आदि ने स्वजन संग श्रीराम व अनुज स्वरूपों की आरती की और पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।


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सतरंगी पुष्पों से सजा जनमासा विवाहोत्सव का आमंत्रण दे रहा था। माता सीता स्वरूपा तुलसीजी लाल चुनरी ओढ़े सोलह शृंगार कर दुल्हन सी सजी थीं, तो श्रीराम स्वरूप शालिग्राम दूल्हा बनकर सुंदर आभा बिखेर रहे थे। बराती सिर पर पगड़ी सजाए विवाहोत्सव में शामिल हुए। उनके स्वागत-सत्कार में घराती में लगे थे। यह सुंदर ²श्य जनकपुरी महोत्सव में रविवार को न्यू शाहगंज स्थित श्रीकृष्ण गोशाला परिसर में आयोजित कार्यक्रम में दिखा।

विधि-विधान से संपन्न हुआ विवाह
जनकपुरी में वैदिक मंत्रोच्चारण व विधि विधान संग तुलसी- शालिग्राम विवाह संपन्न हुआ। पिता जनक व माता सुनयना ढोल नगाड़ों के बीच तुलसी जी को दुल्हन रूप में सजाकर जनक आवास से श्रीकृष्ण गोशाला में सजे विवाह स्थल पर पहुंचे। साथ में झूमते-गाते मिथिलावासी व श्रीजनकपुरी महोत्सव आयोजन समिति के पदाधिकारी व सदस्यगण भी थी। तुलसी-शालिग्राम विवाह विधि-विधान से संपन्न हुआ। सतरंगी पुष्पों से आयोजन स्थल पर सर्व प्रथम पंचदेवों के साथ मां तुलसी और भगवान विष्णु का पूजन हुआ। इसके बाद विधि-विधान से तुलसी-शालिग्राम विवाह कराया गया। विवाह एकादश ब्राह्मणों पूजा प्रभारी आचार्य राहुल रावत, डॉ। देवस्वरूप शास्त्री, राजेश शर्मा, अकुर दत्त गौड़, कपिल शर्मा, कुणाल शर्मा, विजय उपाध्याय, बृजगोपाल तिवारी व 11 बटुक ब्राह्मणों ने संपन्न कराया। रामलीला कमेटी के पुरोहित देव प्रकाश प्रचेता गौरी उपाध्याय, नीतू अग्रवाल, प्रीति उपाध्याय मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive