फिरोजाबाद। छोटी-छोटी बचत से बड़े-बड़े वाब दिखाकर हजारों निवेशकों का करोड़ों रुपया लेकर फरार संकल्प चिटफंड कंपनी का निदेशक परिवार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। गिरतार होने वालों में निदेशक के साथ उसकी पत्‍‌नी, बेटा और बेटी शामिल हैं। ये साी कंपनी में निदेशक हैं। एक बेटा फरार है। पुलिस ने गिरतार चारों आरोपियों को जेल ोज दिया।

तीन कंपनियां ाोलीं

उत्तर थाना क्षेत्र के लक्ष्मी नगर जैन नगर खेड़ा निवासी उमेश चंद्र शर्मा ने संकल्प इंफ्रा डेव्हलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, संकल्प हाइट्स रीयल एस्टेट लिमिटेड और सदगुरु निधि लिमिटेड के नाम से वर्ष 2013 में तीन कंपनियां खोलीं। उमेश के साथ ही उसकी पत्‍‌नी सरिता, बेटी काजल, दोनों बेटे विवेक और धीरज को निदेशक थे।

आगरा में बनाया हेड ऑफिस

आगरा के संजय प्लेस में कंपनी का हेड ऑफिस और निहारिका कॉप्लेक्स आगरा गेट, फिरोजाबाद में ब्रांच ऑफिस बनाया। ब्रांच आफिस में उमेश की बेटी काजल और बेटा विवेक शर्मा बैठते थे। कंपनी पांच सौ एजेंटों के माध्यम से जनता के पैसे आरडी और एफडी के रूप में जमा करवाती थी। जमा कराई गई धनराशि भूखंडों में निवेश करने और पांच साल में डेढ़ से दो गुनी रकम वापस करने का वादा करती थी।

रुपया वापस करने में आनाकानी

वर्ष 2018 में मेच्योरिटी का समय आया तो कंपनी के निदेशकों ने पैसा वापस करने में आनाकानी शुरू कर दी। 13 जून, 2018 को एजेंट गगन जैन निवासी जलेसर रोड ने मुकदमा दर्ज करवाया। इसकी भनक लगते ही कंपनी का निदेशक उमेश चंद्र शर्मा परिवार को लेकर फरार हो गया। गुरुवार सुबह नौ बजे पुलिस को सूचना मिली कि उमेश शर्मा अपनी पत्नी, बेटी काजल और बेटा विवेक के साथ अपने भाई राकेश शर्मा से मिलने फिरोजाबाद आया है। पुलिस ने चारों को गिरतार कर लिया। उमेश का छोटा बेटा धीरज आी फरार है।

एजेंट पहुंचे थाने

निदेशक की गिरतारी की जानकारी होते ही एक दर्जन से अधिक एजेंट थाने पहुंच गए। ये लोग निवेश की गई रकम की वापसी की मांग कर रहे थे। पुलिस ने समझाकर उन्हें वापस कर दिया।

अलीगढ़ और इटावा तक फैला था नेटवर्क

कंपनी ने आगरा के अलावा मथुरा, इटावा, एटा मैनपुरी, सादाबाद और अलीगढ़, कानपुर में भी ऑफिस खोलकर एजेंट बनाए थे। कंपनी में सबसे ज्यादा पैसा फिरोजाबाद जिले में जमा होना बताया गया।

झांसी में बनाया आलीशान मकान

शहर से फरार उमेश चंद्र शर्मा परिवार के साथ झांसी भाग गया। झांसी के सीपरी बाजार में आलीशन मकान बनवाया। दुकानें बनाईं। वहां परिवार के साथ रह रहा था।

कई एजेंट और निवेशकों की सदमे में गई जान

कंपनी के बंद होने के बाद निवेशक और एजेंट सदमे में आ गए। निवेशक एजेंटों पर दबाव बनाने लगे। इसी सदमे में चार एजेंटों की मौत हो गई, जबकि दो निवेशक जान गंवा बैठे। निदेशकों की गिरतारी को लेकर शहर में कई बार धरना प्रदर्शन हुए।

आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया था, जहां से उन्हें जेल भेज दिया है। वहीं फरार चल रहे आरोपी को भी जल्द गिरतार कर लिया जाएगा।

- सुशांत गौर, थाना प्रारी, दक्षिण

Posted By: Inextlive