नए भवनों पर नियम, पुरानों का नहीं ध्यान
आगरा(ब्यूरो)। सरकारी विभागों से लेकर प्राइवेट बिल्डिंग में अब रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर जागरूकता बढ़ी है, लेकिन अब भी ये नाकाफी है।
लोगों में भी आई अवेयरनेस
रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर लोगों में जागरूकता आई है। सरकारी विभागों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के निर्माण के साथ अब प्राइवेट बिल्डिंग में भी इस सिस्टम को डेवलप किया जा रहा है। 300 स्क्वायर मीटर या इससे अधिक क्षेत्र में भवन निर्माण कराने के लिए नक्शा पास कराने को एडीए में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का सिक्योरिटी मनी डिपोजिट किया जाता है। जो इसकी गारंटी होता है कि मकान स्वामी की ओर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम डेवलप किया जाएगा। निर्माण पूरा होने के बाद उसे ये सिक्योरिटी मनी वापस मिल जाता है। वहीं, पुराने भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को लेकर कोई कार्रवाई नहीं होती। एडीए की ओर से नक्शा पास के लिए आने वाले आवेदनों पर ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग सुनिश्चित किया जाता है।
इन सरकारी विभागों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग
- नगर निगम
- कमिश्नरी
- कलेक्ट्रेट
- आगरा कॉलेज
- आरबीएस आदि
300 स्क्वायर मीटर या उससे अधिक के भवन निर्माण में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण जरूरी है। इस नियम का सख्ती से पालन भी कराया जाता है। नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई भी की जाती है।
चर्चित गौड़, वीसी, एडीए
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण सिर्फ नियमों के पालन के लिए नहीं, बल्कि इसे हमें अपनी जिम्मेदारी समझना चाहिए। हम अपने सभी प्रोजेक्ट में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण कराते हैं। डेवलपमेंट के साथ नेचर को साथ लेकर चलना हम सबकी जिम्मेदारी है। क्रेडाई के सभी सदस्य इसे फॉलो कर रहे हैं।
शोभिक गोयल, प्रेसिडेंट, क्रेडाई 300 स्क्वायर मीटर या उससे अधिक क्षेत्र में भवन निर्माण पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग जरूरी होती है। इसके सिक्योरिटी मनी भी डिपोजिट कराना होता है। निर्माण के बाद ये सिक्योरिटी मनी वापस मिल जाती है।
सतीश कुशवाह, आर्किटेक्ट इस तरह देना होता है शुल्क एरिया फीस
300-500 स्क्वायर मीटर 2.25 लाख
500-1000 स्क्वायर मीटर 3 लाख
1000 स्क्वायर मीटर से अधिक 3.75 लाख
150 करीब नक्शे हर वर्ष 300 स्क्वायर मीटर से अधिक के होते हैं पास
1200 करीब नक्श भवनों के हर वर्ष प्राधिकरण से होते हैं पास
एरिया रिचार्ज हेतु अवेलेबल रेन वॉटर
100 80 हजार
200 1.6 लाख
300 2.4 लाख
500 4 लाख
1000 8 लाख नोट:: एरिया स्क्वायर मीटर में व रेन वॉटर लीटर प्रतिवर्ष दिया गया है.
क्या होता है पीजो मीटर
पीजो मीटर की सहायता से मानसून से पहले मानसून के बाद भूजल स्तर का मापन किया जाता है। भूजल स्तर मापने के लिए पीजो मीटर की खुदाई की जाती है। वह स्थान के अनुसार तय होती है। क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग गहराई होती है। लाइम स्टोन क्षेत्र में गहराई ज्यादा होती है, जबकि सपाट सतह और मैदानी इलाकों में यह कम हो सकती है।
भूजल की जानकारी आसानी से मिल सके इसके लिए भूगर्भ जल विभाग की ओर से डिजिटल वॉटर लेवल रिकॉर्डर का यूज किया जा रहा है। शहर में 16 स्थानों पर डिजिटल वॉटर लेवल रिकॉर्डर लगाए गए हैं। डिजिटल वॉटर लेवल रिकॉर्डर प्रेशर सेंसर तकनीक पर आधारित है। यह तकनीक भूजल स्तर के दबाव को उसकी गहराई में परिवर्तित करके आंकड़े देती है। मशीन में लगी चिप से वॉटर लेवल की ऑनलाइन जानकारी मिल जाती है।
हाईडोग्राफ स्टेशन प्री मॉनसून-22 पोस्ट मॉनसून-22 प्री मानसून-23
बुराना प्री स्कूल 24.31 18 18.33
कंकारपुरा प्री स्कूल 9.10 8.45
तोरा प्री स्कूल 34.81 33.95 34.64
जिला उद्योग केंद्र नुनिहाई 11.76 11.56 12.35
पीडब्ल्यूडी कॉलोनी, करिअप्पा मार्ग 13.36 11.72 13.85
मुफीद ए आम इंटर कॉलेज, विजय नगर 14.16 14.34
सेंट कोलंबस पब्लिक स्कूल, कमला नगर 37.74 37.62
राजकीय नलकूप कॉलोनी 29.37 29.35
बीडी शर्मा इंटर कॉलेज, अमरपुरा 46 45.94 45.82
आगरा कॉलेज 25.09 23.91 23.92
डीएडी डिग्री कॉलेज कुंडौल 52.84 57.92 52.85
प्री मानसून
मई-जून पोस्ट मानसून
अक्टूबर-नवंबर