कूड़ा कलेक्शन को तैयार हो रहा रूटमैप, डलावघरों पर की जाएगी कूड़ा उठान की व्यवस्था
आगरा। प्रत्येक जोन के लिए इंस्पेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि वे रूटमैप तैयार करें। इस बारे में पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण ने बताया कि पहले हम संसाधनों को देख रहे हैं। कहां कितनी गाडिय़ां लगी हैं। उनका रूटमैप क्या है। कितनी गाडिय़ों को लगाना होगा। कितने हथठेले लगाने होंगे। कितने कर्मचारी कार्यरत हैं। इस सभी का ब्यौरा तलब किया गया है। अभी दो कंपनियां कर रही कूड़ा कलेक्शन
अभी शहर में दो कंपनियां कूड़ा कलेक्शन का काम कर रहीं हैं। इसमें एक स्वच्छता कॉरपोरेशन और दूसरी लॉइन सर्विसेज कंपनी डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का काम कर रही है। इसमें 94 वार्ड तो स्वच्छता कॉरपोरेशन डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन कर रही है। ताजगंज के 6 वार्डो मेें लाइन सर्विसेज कंपनी कूड़ा कलेक्शन कर रही है। शहर में 4200 सफाई कर्मचारी तैनात किए गए है।
इन बिन्दुओं पर होगा काम
- शहर में 200 अस्थाई डलावघरों को समाप्त किया जाएगा।
- उनके स्थान पर चूने का छिड़काव कर पौधरोपण कराया जाएगा।
- डलावघर वाले स्थान पर दोबारा कूड़ा न फेंका जाए। इसके लिए स्थानीय लोगों के अलावा क्षेत्रीय पार्षद का भी सहयोग लिया जाएगा।
- वार्ड स्तर पर कमेटी का गठन किया जाएगा। इसमें स्थानीय लोगों के अलावा पार्षद व जोनल अफसर को नामित किया जाएगा।
- चौराहों का सौंन्दर्यीकरण किया जाएगा।
- बल्क कूड़ा जनरेटर के पास खाद बनाने की व्यवस्था की जाएगी।
- अगर कोई बल्क जनरेटर खाद बनाने की व्यवस्था नहीें कर पाता है, तो उससे कूड़े का यूजर चार्ज लिया जाएगा।
- डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के बाद उसका सेग्रीगेशन किया जाएगा।
- ड्राई वेस्ट से पार्र्कांे को सजाया जाएगा।
कूड़े को किया जा रहा सेग्रीगेट
शहर के 100 वार्डो में कूड़े को सेग्रीगेट करने के लिए 121 वाहन लगाए गए है। इसके अलावा 1500 पैंडल ट्राई साइकिल बिद बिंस लगाए गए है। बता दें कि पहले कूड़ा कलेक्शन के लिए साढ़े तीन लाख हाउस में क्यूआर कोड लगाए गए थे। लेकिन मौजूदा समय में इनका कोई प्रयोग नहीं हो पा रहा है।
ये है वर्तमान स्थिति
गीला कूड़ा: गीले और सूखे कूड़े को अलग-अलग कर प्रोसेसिंग का कार्य किया जा रहा है। इसमें 334 एमटी कूड़े का खाद बनाया जा रहा है।
सूखा कूड़ा: सूखे कूड़े को अलग कर मैटेरियल रिकवरी फैसलिटी सेंटर भेजा जा रहा है। इसको 3.97 करोड़ की लागत से टेढ़ी बगिया पर स्थापित किया गया है।
कैपिंग क्लोजर: कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर आठ लाख टन से ज्यादा गारबेज की कैपिंग क्लोजर की जानी है। इसकी प्रोसेसिंग के लिए 27.35 करोड़ की धनराशि स्वीकृत हुई है। इसके लिए ड्रोन से सर्वे कर इसका निस्तारण कर दिया गया है। ऐसा दावा नगर निगम के अफसरों का है। वेस्ट टू- एनर्जी प्लांट: कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर 280 करोड़ की लागत से वेस्ट टू-एनर्जी प्लांट तैयार किया जा रहा है। इसमें 750 एमटी गारबेज से 10 मेगावाट बिजली तैयार की जाएगी। इसके बाद इसकी क्षमता को 15 मेगावाट तक बढ़ाया जाएगा। शुरुआत में 550 एमटी कूड़ा जलाया जाएगा। हालांकि अभी स्पॉक वर्जन कंपनी द्वारा इसको तैयार करने का काम किया जा रहा है। ट्रांसफर स्टेशन पर अलग हो रहा कूड़ाशहर में कूड़ा जमीन पर न बिखरे इसलिए आठ ट्रांसफर स्टेशन बनाए गए हैं। इन स्टेशन पर डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन कर ट्रांसफर स्टेशन पर लाया जाता है। इसके बाद इसको अलग-अलग किया जाता है।
ये हैं ट्रांसफर स्टेशन
स्थान
राजनगर लोहामंडी
पुरानी मंडी ताजगंज
ताज पूर्वी गेट
संजय प्लेस
ट्रांसपोर्ट नगर
ट्रांसपोर्ट नगर आईएसबीटी के पीछे
लोहामंडी 50
छत्ता 52
हरीपर्वत 39
ताजगंज 25
------------------------------ जोन वार्ड संख्या
हरीपर्वत 21
ताजगंज 23
लोहामंडी 26
छत्ता 30
चार जोन में 845 बीट हैं।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में भी कई योजनाएं बनी थीं। इसके बाद भी हम इस बार बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सके। योजनाएं सिर्फ फाइलों में न बनें, वे लोगों को जमीन पर दिखनी भी चाहिए।
शशि वर्मा, दयालबाग
नगर निगम के अधिकारी पहले भी कई स्थानों का भ्रमण कर चुके हैं। इसका कोई फायदा नहीं हुआ। अब इंदौर की तर्ज पर सफाई की बात कही जा रही है। पहले कूड़ा कलेक्शन और नियमित उठान तो शुरु हो।
दीपू सिंह, घटिया
पहले अधिकारी तो अपने ऑफिस से बाहर निकलें, तो बात बने। योजनाएं बनाकर अधिकारी भूल जाते हैं। रोड पर कूड़ा बिखरा रहता है। कोई देखने वाला नहीं है।
पारस, संजय प्लेस