यमुना नदी से गायब रिवर पुलिस......
आगरा। यमुना में पूजा की सामग्री, फूल-पत्ती, कूड़ा, मृत जानवर और लावारिस शव प्रवाहित किए जा रहे हैं। लोग यमुना किनारे शौच कर रहे हैं। इस पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट ने वर्ष 1998 को एसएसपी को रिवर पुलिस का गठन करने के आदेश दिए थे। इसके अंतर्गत रिवर पुलिस में एक सबइंस्पेक्टर एक एचसीपी और छह कांस्टेबल नियुक्त किए गए। रेणुका धाम में एक अस्थाई चौकी का गठन किया गया था। पुलिसकर्मियों के रहने के लिए एक कक्ष भी निर्धारित किया गया।
रिवर पुलिस के यमुना में कार्य
पुलिस चौकी के पास लोगों की जानकारी के लिए रिवर पुलिस का बोर्ड लगाया गया। रिवर पुलिस की जिम्मेदारी पूजा की सामग्री, फूल-पत्ती, कूड़ा-करकट, मलबा, मृत जानवर, लावारिस शव प्रवाहित करने और यमुना किनारे शौच करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना था। यमुना जल को दूषित करने वालों के चालान करने था।
सर्किल के अधिकारी की जिम्मेदारी
रिवर पुलिस को यमुना के एक घाट से दूसरे घाट तक गश्त करनी थी। इसके साथ ही इमरजेंसी में रिवर पुलिस की संबंधित थाना और चौकी की पुलिस को सहयोग करना है। इसकी मॉनीटरिग का कार्य सर्किल के अधिकारी को सौंपा गया है।
गतिविधियों पर निगरानी रखना
रिवर पुलिस जो भी कार्रवाई करती है, उस कार्रवाई का विवरण भी यमुना कार्ययोजना की होने वाली बैठक में रिवर पुलिस को प्रस्तुत करना होता है। रिवर पुलिस सक्रियता से यमुना किनारे लोगों का मूवमेंट रहता है। वहीं कोई सामग्री यमुना में नहीं डाली जा रही थी। अगर, कोई व्यक्ति यमुना के आसपास मूवमेंट करता है तो रिवर पुलिस द्वारा संदिग्ध लगने पर उससे पूछताछ की जाती है कि वह किस कार्य से आया है। स्थिति स्पष्ट होने पर ही उसको जाने दिया जाता है।
रिवर पुलिस कागज पर आज भी गठित है। मगर, कार्य नहीं कर रही है। रिवर पुलिस की निष्क्रियता से यमुना किनारे अतिक्रमण भी किए जा रहे हैं। इससे यमुना का भंडार क्षेत्र भी कम हो रहा है। आए दिन डूब कर होती हैं मौत
यमुना किनारे जिम्मेदार रिवर पुलिस के नहीं होने से आए दिन यमुना में डूब कर मौत के मामले सामने आ रहे है। सोमवार को बटेश्वर धाम में यमुना में पूजा, अर्चना करने गए तीन दोस्त डूब गए, मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि चार दोस्त यमुना में नहाने के लिए गए थे, जिसमें से तीन डूब गए।
यमुना के किनारे अनैतिक गतिविधि की जिम्मेदारी रिवर पुलिस की होती है, लेकिन शनिदेव घाट, रेणुका धाम, कैलाश घाट, पोइया घाट पर रिवर पुलिस को नहीं देखा गया है। जिससे यमुना गंदा तो किया जा रहा है, साथ ही डूबने मौत के मामले भी सामने आ रहे है।
डॉ। देव आशीष भट्टाचार्य, पर्यावरणविद