मीडियम फ्लड लेवल से छह सेंटी मीटर ऊपर बह रही नदी
आगरा(ब्यूरो) वहीं 800 बीघा की फसलें जलमग्न हो गई हैं। सदर तहसील क्षेत्र के कई गांव का संपर्क मार्ग टूट गया है। तनौरा और सुरैरा के बीच में टापू बन जाने से 48 घंटे से फंसे 13 लोगों को एनडीआरएफ ने रेस्क्यू कर निकाला।
कैलाश गांव की गलियों में पानी भरने से यहां आवागमन के लिए नाव का संचालन हुआ। क्षेत्र के 25 परिवारों ने सुरक्षित स्थानों पर पलायन किया। कैलाश मंदिर के गर्भ गृह में भी दूसरे दिन भी जलभराव के बीच लोगों ने जलाभिषेक किया। दयालबाग क्षेत्र के तनिष्क राजश्री एस्टेट का मार्ग दो फीट पानी भरने से अवरुद्ध हो गया है। इसमें रह रहे 33 परिवार में 12 लोगों दूसरे स्थानों पर चले गए हैं। वहीं अन्य अभी इसके लिए तैयार नहीं है।
पोइया घाट मोक्षधाम बंद
पोइया घाट मोक्षधाम पूरी तरह बंद हो गया है। वहीं ताजगंज मोक्षधाम में तीसरे प्लेट फॉर्म तक भी पानी पहुंचने से संस्कार के लिए नए बने प्लेटफॉर्म का सहारा लेना पड़ रहा है। बल्केश्वर के लोहिया नगर में पानी पहुंचने और वाटर वक्र्स की कृष्णा कॉलोनी के 12 से अधिक घरों में पानी घुसने से क्षेत्रीय लोगों को भय सताने लगा। वहीं दूसरे स्थानों पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं एत्माद्दौला क्षेत्र की होती बाबा गली में चार फीट तक जलभराव होने से 15 से अधिक घरों का सामान खराब हो गया लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। कुछ ने घरों की छत एवं ऊपरी मंजिल में सामान पहुंचा दिया है। हाथीघाट स्थित स्ट्रैची ब्रिज के नीचे पानी भरने से आसपास के ट्रांसपोर्टर्स ने गोदामों को खाली कर दिया है। एत्माद्दौला स्मारक की निचली कोठरियों में पानी भर गया है, जबकि ताजमहल की दीवारों से भी यमुना टकरा रही है। 499.2 फीट पर पहुंची यमुना मंगलवार दोपहर से स्थिर हो गई है। ङ्क्षसचाई विभाग के अधिशासी अभियंता शरद सौरव गिरी ने बताया यमुना जलस्तर स्थिर है। ओखला बैराज नोएडा और गोकुल बैराज मथुरा से जलनिकासी घट गई है। अब यमुना जलस्तर में गिरावट आएगी।
यमुना जलस्तर स्थिर है। ओखला बैराज नोएडा और गोकुल बैराज मथुरा से जलनिकासी घट गई है। अब यमुना जलस्तर में गिरावट आएगी।
शरद सौरव गिरी, एक्सईएन, ङ्क्षसचाई विभाग
घाट डूबा, खेतों में घुसा पानी
दयालबाग क्षेत्र में दोपहर एक बजे पोइया घाट से यमुना को निहारने के लिए भीड़ जुटी थी। मोक्षधाम को जलमग्न कर चुका यमुना जल लोगों को डरा रहा था। पास के खेत में भी जलभराव हो चुका है, तो वहां से पानी दूसरे खेतों की ओर बढ़ रहा है। दयालबाग क्षेत्र के खासपुरा, नगला तल्फी, सिकंदरपुर के खेतों में पानी पहुंच चुका है। किनारे पर बनी गलियों में भी पानी पहुंच गया है। इससे क्षेत्रीय लोगों में भय का माहौल बना हुआ है।
ताजगंज शमशान घाट के प्लेटफार्म डूबे
जलस्तर बढऩे से ताजगंज शमशान घाट के दो प्लेटफॉर्म पानी में पूरी तरह डूब गए, जबकि तीसरे प्लेटफॉर्म में पानी प्रवेश कर गया। इस कारण वहां अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहे। अंतिम संस्कार करने के लिए लोग ऊपर बने नए प्लेटफॉर्म और सामने स्थित उद्यान विभाग के पार्क का प्रयोग कर रहे थे। यमुना का दायरा बढ़ाने से शमशान घाट को जाने वाले रास्ते पर स्थित आश्रम में पानी एंटर हो गया। इस कारण साधु-संतों को आश्रम से निकलकर सड़क पर बैठना पड़ा। विद्युत शवदाह ग्रह के पास सड़क पर यमुना जल एकत्र होने से आवागमन प्रभावित हुआ। ताज कॉरिडोर क्षेत्र में बने उद्यान में भी यमुना जल प्रवेश कर गया।
पानी बना आफत, रोजगार प्रभावित
कृष्णा कॉलोनी में रहने वाली विमलेश अपने घर की छत पर खड़ी कभी उफनती यमुना को देख रही थीं, कभी नाली के सहारे घर में लगातार घुसते पानी को देख सहम जातीं। उन्होंने बताया कि सुबह पांच बजे से घर में पानी घुसना शुरू हुआ, जो बढ़ते-बढ़ते एक फीट हो गया है। पानी इससे ज्यादा बढ़ा, तो परिवार को छत पर जाना पड़ेगा। पति की मृत्यु के बाद मोमोज की ठेल लगाकर परिवार का भरण-पोषण जैसे-तैसे हो रहा था। अब घर में पानी भरने से वह परेशान हैं कि पहले इस समस्या से निपटे या कमाने की सोचें। पड़ोसी विजय का परिवार भी घर में कैद हो गया। कालोनीवासियों का कहना है कि कालोनी के घरों में पानी घुस गया है। मगर, अभी तक प्रशासन ने सुध नहीं ली है।
किसी के लिए आफत तो किसी के लिए मनोरंजन
यमुना किनारा रोड स्थित ट्रांसपोर्ट कंपनी संचालकों और व्यापारियों की लगातार बढ़ते जलस्तर पर पैनी नजर है। ट्रांसपोर्टरों के यहां से व्यापारी ई-रिक्शा और टेंपो से अपना माल निकलवाने में जुटे रहे। कई ट्रांसपोर्टरों ने यमुना जल को गोदाम में घुसने से रोकने के लिए नाली ईंट लगाकर बंद कर दी है। साथ ही गेट पर दो फीट ऊंची दीवार बनवा दी है। यमुना किनारे रहने वाले लोग जहां बढ़ते जलस्तर से परेशान हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से दूर है, उनके लिए यह मनोरंजन का साधन बन गया। लोग परिवार के साथ टेंपो, ई-रिक्शा व दो व चार पहिया वाहनों पर सवार होकर हाथीघाट से यमुना का नजारा देखते दिखे। शमशान घाट, आगरा किला के पीछे, एत्माद्दौला व्यू प्वाइंट, आंबेडकर पुल आदि स्थानों भी ऐसे लोगों की भीड़ थी।
तनिष्क राजश्री एस्टेट के प्रवेश द्वार के सामने दोपहर तीन बजे दो फीट से अधिक पानी था। कॉलोनी के मुख्यद्वार पर खड़े यमुना को निहार रहे विनेश साथ खड़े लोगों से चर्चा कर रहे थे कि दो दिन में जलस्तर उतर जाएगा, तब राहत होगी। किनारे के निकट खाली पड़े मैदान से यमुना को निहारने वालों की भीड़ लगी थी। निकट की बस्तियों के बच्चे सड़क पर भरे जल में आनंद ले रहे थे। इसी बीच कोरियर डिलीवरी करने पहुंचे विक्रांत ने कॉलोनी के रहने वाले परिवार को फोन किया। दोनों में काफी समय तक बहस होती रही। कॉलोनी में अंदर बुलाकर डिलीवरी का दबाव बनाया जा रहा था, जबकि विक्रांत पानी के इस पार डिलीवरी लेने के लिए बुला रहे थे। डिलीवरी ब्वॉय ने स्पष्ट कह दिया मैं बाहर ही खड़ा हूं, लेकिन पानी के पार हूं। बल्केश्वर में मकान की दीवार गिरी, लोगों ने किया पलायन
बल्केश्वर क्षेत्र के लोहिया नगर में भी यमुना का पानी दो फीट तक पहुंच गया। इससे किनारे के निकट रहने वाले आठ से अधिक घरों में ताले डाल लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। किनारे के निकट स्थित रामबाबू के मकान की दीवार गिर जाने से क्षेत्र में खलबली मच गई। मकान में रह रहे किरायेदार ने सामान को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया। रात तक कई अन्य मकान स्वामी सुरक्षित स्थानों पर जाने की तैयारी कर रहे थे। कई घरों में पानी घुस जाने से सामान खराब हो गया है। बल्केश्वर क्षेत्र के ही टीलेश्वर नाथ महादेव मंदिर को पार कर मुख्य मार्ग के निकट यमुना जल आ जाने से बैरीकेङ्क्षडग कर रास्ता रोक दिया गया है। मंदिर की बिजली भी काट दी गई है। 150 लोग फंसे, 24 घंटे से कटी है बिजली
एत्माद्दौला क्षेत्र स्थित होती बाबा की गली में चार फीट पानी भर जाने के कारण 150 से ज्यादा लोग घरों में कैद हो गए। 24 घंटे से बिजली काट दी गई है। उमस भरी गर्मी और आपदा के समय में प्रशासन ने क्षेत्रीय लोगों की सुध नहीं ली है। गली में स्थित नित्यानंद जूनियर हाईस्कूल में सोमवार से अवकाश कर दिया गया है, जिससे 400 बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई है। जलभराव के कारण लोगों को पुराने बने मकानों के गिरने की आशंका सता रही है। क्षेत्रीय निवासी राकेश, सुमित, दाती, हबीब, इमरान, पवन कुमार, ममता, मुन्नालाल, साहब ङ्क्षसह, मंजू, स्वरूपानंद, प्रेम नारायन ने प्रशासन के प्रति आक्रोश जताया है।