17 अगस्त 1666 में छत्रपति शिवाजी महाराज आगरा से औरंगजेब की कैद से मुक्त होकर निकले थे. गुरुवार को इस अवसर पर वीर शिवाजी आगरा किला के सामने शिवाजी प्रतिमा स्थल पर याद किया गया लेकिन कई साल से अधूरे पड़े शिवाजी म्यूजियम को लोग भूल गए हैैं. यह म्यूजियम फंड के अभाव में गुमनामी में खो गया है और इसकी निर्माणाधीन बिल्डिंग धूल फांक रही है.


आगरा(ब्यूरो)। ताजमहल से करीब 1300 मीटर दूर शिल्पग्राम के पास सपा सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुगल म्यूजियम बनवाने की घोषणा की थी। उन्होंने पांच जनवरी 2016 को इसका शिलान्यास किया था। ये म्यूजियम 5.9 एकड़ जमीन पर बन रहा है। उस समय इसकी लागत 141.89 करोड़ रुपए आंकी गई थी। इसका निर्माण राजकीय निर्माण निगम ने टाटा प्रोजेक्टस को सौंपा था। काम भी तेज गति से चला। यहां पर बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर और फस्र्ट फ्लोर बनकर तैयार भी हो गया। 2018 के अंत तक इसका निर्माण पूरा होना था। मगर, 2017 में सत्ता परिवर्तन हो गया। इसके बाद से मुगल म्यूजियम का काम लटक गया।

पहले मुगल म्यूजियम था नाम:

साल 2020 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा मंडल की समीक्षा बैठक में मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर शिवाजी महाराज के नाम पर करने के निर्देश दिए। इसके बाद नाम बदलने को लेकर सियासत शुरू हुई। सपा ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा था। नाम बदलने के बाद उम्मीद जागी थी कि अब जल्द ही शिवाजी म्यूजियम बनकर तैयार हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। नाम बदलने के बाद भी म्यूजियम का काम रुका हुआ है।

खराब हो रही हैं इमारत
छत्रपति शिवाजी म्यूजियम की निर्माणाधीन इमारत में चारों तरफ झाडिय़ां हैैं। निर्माण के लिए लाए गए मार्बल व अन्य पत्थर धूल फांक रहे हैैं। करीब 99 करोड़ रुपए से बनी इमारत अब धूल फांक रही है। रखरखाव के अभाव में इमारत में क्रैक भी आने लगे हैं।
ये काम रह गया है अधूरा
-मार्बल फ्लोरिंग
-वॉल क्लेडिंग
-साइट डवलपमेंट
-विद्युतीकरण
-फायर फाइटिंग सिस्टम
-लिफ्ट का काम
यह होगा शिवाजी म्यूजियम में
-विभिन्न कालखंडों के अनुसार शहर के डिजिटल नक्शे और उत्खनन की जानकारी मिलेगी।
- महाभारत काल में अग्रवन से लेकर मुगल शासन तक की जानकारी मिलेगी।
-छत्रपति शिवाजी महाराज के आगरा से जुड़े तथ्यों को गैलरी में प्रदर्शित किया जाएगा।
-गैलरी की छत पर ग्लास प्रिंटेड पैनल लगे होंगे। इनकी प्रतिकृति नीचे फर्श पर पड़ेगी तो आगरा व आसपास के क्षेत्रों के नक्शे उभरेंगे।
-समय के साथ वास्तुकला में आए बदलावों को दिखाया जाएगा।
- ताजमहल, आगरा किला और अन्य स्मारकों के मॉडल होंगे।
- गुंबद, कलश, मेहराब, तोड़े, छतरी आदि के बारे में जानकारी मिलेगी।
- शहर के पेठा, दालमोंठ, चर्म उद्योग व मार्बल की पच्चीकारी के बारे में जानकारी दी जाएगी।
- पुराने शहर, फैशन, मौसम और जनसंख्या के बारे में जानकारी मिलेगी।
- शहर की शिल्पकलाओं, बर्तन, आभूषण, मार्बल, गलीचा, कपड़े, पेंटिंग की जानकारी मिलेगी।

म्यूजियम की प्रगति पर नजर
-2016- मुगल म्यूजियम का किया गया शिलान्यास हुआ
-2018 में मंडलीय बैठक में सीएम योगी ने म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी के नाम पर कर दिया
-2019 में प्रमुख सचिव पर्यटन जितेंद्र कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में आगरा के पर्यटन अधिकारियों को छत्रपति शिवाजी के लिए म्यूजियम में गैलरी बनाने के निर्देश दिए गए।
-2020-पर्यटन मंत्री डॉ.नीलकंठ तिवारी ने आॢकटेक्ट को बिजनेस प्लान उपलब्ध कराने के निर्देश दिए
- 172 करोड़ रुपए था म्यूजियम का बजट
- 94 करोड़ रुपए का हो चुका है काम
- 90 करोड़ रुपए नहीं हुए हैैं जारी


शिवाजी म्यूजियम का काम पूरा होने से आगरा के टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। ताजमहल देखने आने वाले टूरिस्ट म्यूजियम को देखेंगे।
- राकेश चौहान, प्रेसिडेंट, होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन

म्यूजियम में वीर शिवाजी और आगरा का इतिहास दर्शाया जाएगा। इससे टूरिस्ट भी आकर्षित होंगे। उनके लिए यह आकर्षण का केंद्र होगा।
- तेजवीर सिंह, होटल संचालक

आगरा में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नए स्पॉट डवलप करने चाहिए। शिवाजी म्यूजियम यदि तैयार हो जाता है। तो इससे टूरिज्म को काफी बढ़ावा मिलेगा।
- आदित्य, टूरिस्ट

Posted By: Inextlive