आगरा. पिछले कुछ दिनों में ही सामान्य से अधिक बारिश हो गई है. गुरुवार शाम को शहर में झमाझम बारिश हुई. बारिश से शहर में जलभराव से पहले से ही लोग परेशान हैं. हालांकि बारिश से लोग खुश हैं कि उनको जगह- जगह हरियाली देखने को मिल रही है लेकिन बारिश के मौसम में सेहत की टेंशन बढ़ जाती है. मॉनसून के साथ सीजनल बीमारियां भी दस्तक देती हैं. जगह जगह जलभराव और गंदगी से डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया डायरिया जैसे तमाम रोगों का खतरा बढ़ जाता है. इस साल पहले से ही देश के अलग अलग राज्यों में चांदीपुरा वाइरस के मरीज मिल रहे हैं. वहीं शहर में भी डायरिया और वायरल जैसे मरीज बढ़ गए हैं. शहर में एसएन और डिस्ट्रिक हॉस्पिटल की ओपीडी में मरीज बढ़ गए हैं.

इस वजह से फैलती हैं बीमारियां
भारी बारिश में कभी कभी उमस भी बढ़ जाती है। बढ़ी हुई उमस और वॉटर लॉगिंग की वजह से बैक्टीरिया, वायरस ज्यादा पनपते और फैलते हैं। मानसून की बीमारियां अक्सर मच्छर गंदे पानी और ह्यूमिनिटी से फैलती हैं।

मच्छर- डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि मच्छर से फैलते हैं।
दूषित पानी- टाइफाइड, हैजा, पीलिया, डायरिया दूषित पानी की वजह से होते हैं।
ह्यूमिनिटी- हवा में नमी की वजह से नजला-ज़ुकाम, बुखार, खांसी, इंफ्लूएंजा के खतरे बढ़ जाते हैं।

शहर में बढ़ रहे मरीज

शहर में हो रही भारी बरसात के बीच डिस्ट्रिक हॉस्पिटल एसएन मेडिकल कॉलेज के अलावा सीएचसी और पीएचसी पर भी मरीजों की संख्या बढ़ गयी है। अधिकांश लोग वायरल फीवर का शिकार हैं। डिस्ट्रिक हॉस्पिटल की ओपीडी में करीब 1500 मरीज और एसएन की ओपीडी में हर रोज करीब तीन हजार मरीज ओपीडी के लिए पहुंच रहे हैं। बरसात के दिनों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। दाद ,खाज, खुजली, फंगल इंफेक्शन और डायरिया से संबंधित मरीज बढ़ते जा रहे हैं।

इन बीमारियों का रहता है खतरा

डेंगू- डेंगू फीमेल एडीज मच्छरों द्वारा फैलता है। ये मच्छर आमतौर पर दिन के समय या शाम होने से पहले काटते हैं। इस बीमारी के लक्षणों में तेज बुखार के बाद शरीर में दर्द हो सकता है। इससे प्रभावित व्यक्ति को अत्यधिक पसीना और सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मतली, उल्टी, थकान, चकत्ते और लो ब्लड प्रेशर का भी अनुभव हो सकता है।

चिकनगुनिया- ये बीमारी भी मच्छरों से ही फैलती है। ये मच्छर आमतौर पर ओवरहेड टैंक, कूलर, पौधों और पानी के पाइपों में पाए जाते हैं। यह संक्रामक रोग भी टाइगर मच्छर, एडीज द्वारा फैलता है। चिकनगुनिया के मरीज को जोड़ों में तेज दर्द, तेज बुखार, थकान और शरीर में ठंडक जैसे लक्षण महसूस होते हैं।

मलेरिया- मानसून में यह रोग भी मच्छरों के कारण होता है। बरसात के मौसम में जल जमाव मच्छरों के पनपने की जगह बनते हैं। इस बीमारी के लक्षण तेज बुखार, कंपकंपी और शरीर का ठंडा होना, अधिक पसीना आना और गंभीर एनीमिया हैं।

टायफाइड - मलेरिया भी मानसून से संबंधित अत्यधिक संक्रामक बीमारियों में से एक है। यह दूषित भोजन और पानी के कारण होता है और इसके लक्षणों में लंबे समय तक तेज बुखार, कमजोरी, पेट दर्द, भूख कम लगना शामिल हैं।

इन्फ्लूएंजा- मौसम में अचानक बदलाव और तापमान में उतार-चढ़ाव इन्फ्लूएंजा का कारण बन सकता है। यह एक वायरल संक्रमण है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। इस बीमारी के लक्षणों में बुखार, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, नाक बंद होना और सूखी, लगातार खांसी शामिल हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

-अधिक पौष्टिक फूड लें इसके अलावा जंक फूड के सेवन से बचें।
-हाइड्रेटेड रहें और गर्म और साफ पानी पिएं।
-इम्यूनिटी को दुरुस्त रखने के लिए विटामिन लीजिए।
-अपने आस-पास साफ -सफाई रखें और कूलर के पानी को रोज बदलते रहें
-मच्छर भगाने वाली क्रीम, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
-फ्लू और खांसी जैसी इंफेक्शियस बीमारियों से बचने के लिए बाहर निकलते समय मास्क पहनें।

-एसएन की ओपीडी में लगभग तीन हजार से अधिक मरीज हर रोज आ रहे हैं चूंकि बरसात का मौसम चल रहा है इसलिए वायरल फीवर के पेशेंट अधिक हैं।
डॉ प्रशांत गुप्ता प्रिंसिपल एसएन मेडिकल कॉलेज

-मानसूनी सीजन की लास्ट स्टेज में बीमरियों का खतरा अधिक रहता है इस समय डाइट का विशेष ध्यान रखें इसके अलावा कोई भी दवा बिना डॉक्टर के न लें।
डॉ विनय गोयल फिजीशियन डिस्ट्रिक हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive