आगरा: स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने शनिवार को तीन पैरामेडिकल व नर्सिंग इंस्टीट््यूट पर छापे मारे. बिना मान्यता के संचालित किए जा रहे तीनों इंस्टीट््यूट को बंद करा दिया है. इंडियन स्कूल आफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल के निदेशक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. वेलफेयर नर्सिंग एंड पैरामेडिकल इंस्टीट््यूट और न्यू लाइफ हॉस्पिटल एंड पैरामेडिकल इंस्टीट््यूट से तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है. इनसे पूछताछ की जा रही है.

नहीं मिला कोई स्टूडेंट्स
सीएमओ डा। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि नर्सिंग और पैरामेडिकल पाठ्यक्रम की नियामक संस्था स्टेट मेडिकल फैकल्टी लखनऊ द्वारा इंडियन स्कूल आफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल, काङ्क्षलदी विहार के फर्जी होने की सूचना दी गई थी। भूमिगत तल में इंस्टीट््यूट संचालित हो रहा था, बोर्ड पर कॉलेज कोड 15509 दर्ज था। इंडियन पैरामेडिकल काउंसिल, भारत सरकार से संबद्ध, यूपी स्टेट मैडिकल फैकल्टी की मान्यता आइएसओ 9001, 2015 सर्टिफाइड लिखा हुआ था। एक कमरे में 30 कुर्सी पड़ी थीं। छात्रों की हाजिरी का रजिस्टर, फीस और प्रवेश कार्ड रखे हुए थे, इन्हें जब्त कर लिया। कोई छात्र नहीं मिला। एक कर्मचारी मिला, उसने बताया कि कानपुर में मुख्य कार्यालय है, यहां स्टडी सेंटर संचालित किया जा रहा था। मगर, स्टेट मेडिकल फैकल्टी की मान्यता के दस्तावेज नहीं दिखा सका। कर्मचारी द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं। एक छात्र से छह महीने का शुल्क 30 हजार रुपये लिए जा रहा था। पूछताछ में कर्मचारी ने दो और फर्जी इंस्टीट््यूट संचालित होने की जानकारी दी।


नहीं थी मान्यता
इसके बाद काङ्क्षलदी विहार स्थित वेलफेयर नर्सिंग एंड पैरामेडिकल इंस्टीट््यूट में छापा मारा गया, यहां भूतल पर हास्पिटल और प्रथम तल पर इंस्टीट््यूट संचालित था। संचालक ओपी राजपूत और प्रधानाचार्य वीरभान मिले। पैरामेडिकल के चार छात्र पढ़ रहे थे। इनके द्वारा अलवर के निजी विश्वविद्यालय की मान्यता दिखाई गई, स्टेट मेडिकल फैकल्टी की मान्यता नहीं थी। दस्तावेज जब्त करने के साथ ही दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इसके बाद न्यू लाइफ हास्पिटल एंड पैरामेडिकल इंस्टीट््यूट पर छापा मारा। यहां भी हास्पिटल और इंस्टीट््यूट संचालित हो रहा था। कोई छात्र नहीं मिला, संचालक जितेंद्र सेंगर कोई दस्तावेज नहीं दिखा सके, उसे भी हिरासत में लिया गया है। इन दोनों संस्थानों के खिलाफ जांच और पूछताछ के बाद मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। ये तीनों इंस्टीट््यूट एक से दो वर्ष पुराने बताए जा रहे हैं। इसमें सैकड़ों छात्र पढ़ चुके हैं।

---------------
कोरोना काल के बाद खुले, 37 पाठयक्रमों के नाम
पूछताछ में सामने आया है कि कोरोना काल के बाद बड़ी संख्या में शहर में पैरामेडिकल और नर्सिंग इंस्टीट््यूट और कॉलेज खुल गए हैं। इनमें लैब टेक्नीशियन से लेकर नर्सिंग पाठयक्रमों की डिग्री और डिप्लोमा दिया जा रहा है। 10वीं और 12वीं पास छात्रों को गुमराह कर प्रवेश दिया जा रहा है। हास्पिटल में अच्छे वेतन पर नौकरी दिलाने का लालच देकर प्रवेश करा रहे हैं। छह महीने का शुल्क 25 से 40 हजार रुपए तक लिया जा रहा है। एक वर्ष से तीन वर्ष तक के पाठयक्रम संचालित किए जा रहे हैं। बोर्ड पर 37 पाठयक्रमों के नाम दर्ज हैं।
---------------
इंस्टीट््यूट की डिग्री से छात्रों का नहीं होगा पंजीकरण
इन इंस्टीट््यूट से डिग्री और डिप्लोमा कर चुके छात्रों का यूपी स्टेट मेडिकल फैकल्टी में पंजीकरण नहीं होगा। बिना पंजीकरण के इन डिग्री के आधार पर हॉस्पिटल और लैब में छात्रों को नौकरी नहीं मिल सकती है।
----------------
इन पर मारे गए छापे
-इंडियन स्कूल आफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल, ई-5 निकट नारी निकेतन 100 फीट रोड काङ्क्षलदी विहार

-वेलफेयर नर्सिंग एंड पैरामेडिकल इंस्टीट््यूट 100 फीट रोड काङ्क्षलदी विहार
-न्यू लाइफ हास्पिटल एंड पैरामेडिकल इंस्टीट््यूट, कृष्णा एन्क्लेव, 100 फीट रोड काङ्क्षलदी विहार

--------------------
तीन फर्जी पैरामेडिकल व नर्सिंग इंस्टीट््यूट पर छापे मारे गए हैं। नर्सिंग और पैरामेडिकल पाठयक्रम संचालित करने के लिए नियामक संस्था स्टेट मेडिकल फैकल्टी की मान्यता होनी चाहिए। मगर, तीनों में से किसी पर मान्यता नहीं थी। इनका स्वास्थ्य विभाग में पंजीकरण नहीं होता है।
डॉ। अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ
- वेलफेयर हॉस्पिटल और न्यू लाइफ हास्पिटल पर कार्रवाई, दो मरीज भर्ती मिले, डाक्टरों को नोटिस

आगरा: फर्जी पैरामेडिकल व नर्सिंग इंस्टीट््यूट के भूतल में हॉस्पिटल संचालित हो रहे थे। मरीज भर्ती मिले, लेकिन कोई डाक्टर नहीं था। दो हॉस्पिटलों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं।

न कोई डॉक्टर न प्रशिक्षित स्टाफ
सीएमओ डा। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि वेलफेयर हास्पिटल, काङ्क्षलदी विहार में कोई डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ नहीं था। मरीज भी नहीं थे, बेड सहित अन्य उपकरण कबाड़ की तरह भरे हुए थे। सितंबर में हॉस्पिटल के पंजीकरण का नवीनीकरण हुआ है। लाइसेंस निरस्त कर दिया है। हास्पिटल में सेवाएं दे रहे डॉ। जय प्रकाश को नोटिस जारी किया जा रहा है। वहीं, न्यू लाइफ हास्पिटल, काङ्क्षलदी विहार में दो मरीज भर्ती मिले। इन दोनों के आपरेशन हुए थे। कोई डाक्टर और प्रशिक्षित स्टाफ नहीं था। संचालक जितेंद्र सेंगर ने डाक्टर से बात कराई, लेकिन उन्होंने इलाज करने से इन्कार कर दिया। मरीजों को शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं। लाइसेंस निरस्त कर दिया है। टीम में डा। नंदन ङ्क्षसह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive