शहर में अजगर की तरह से पैर पसार रहा इंक्रोचमेंट प्रॉपर मॉनीटरिंग और पब्लिक अवेयरनेस से रुक सकेगा. सोमवार को दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट द्वारा इंनक्रोचमेंट को लेकर हुए पैनल डिसक्शन में एक्सपर्ट ने कहीं. इस दौरान नगर निगम की टास्क फोर्स के अधिकारियों के समक्ष एक्सपर्ट और समाजसेवियों ने कई बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए शहर में इंक्रोचमेंट की समस्या को दूर करने के लिए अपने विचार रखे.


आगरा। पैनल डिसक्शन में नगर निगम टास्क फोर्स के रिटायर्ड कैप्टन जीएस चाहर ने कहा कि हम सिटी में लगातार एन्क्रोचमेंट की ड्राइव चलाते हैं। जुर्माना भी वसूलते हैं। उनको दोबारा एन्क्रोचमेंट न करने की चेतावनी देते थे। जो भी हमें कंप्लेन मिलती हैं। उनके आधार पर कार्रवाई करते हैं। इसके लिए रोस्टर बनाकर ड्राइव चलाई जाती है। इसमेें पब्लिक को भी अपनी भूमिका निभानी होगी।

स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रुम से हो निगरानी
ट्रैफिक के लिए कार्य करने वाले समाजसेवी सुनील खेत्रपाल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि जो स्मार्ट सिटी के तहत नगर निगम में इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर बना हुआ है। इसके माध्यम से शहर में एनक्रोचमेंट की मॉनीटरिंग की जा सकती है। शहर के चौराहों पर स्मार्ट सिटी के तहत 700 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इसके अलावा पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगे हुए हैं। उनसे बेतरतीब ढंग से जो ऑटो या ठेल-ढकेल खड़े रहते हैं। उन पर चालान की कार्रवाई की जा सकती है। इससे लोग सचेत रहेंगे। और एनक्रोचमेंट भी नहीं होगा। वहीं अभिनव यादव एडवोकेट ने कहा कि नगर निगम की टीम कार्रवाई तो करती है। लेकिन मॉनीटरिंग नहीं होती। इसके अलावा स्थानीय पुलिस, नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस आपसी सामंजस्य बनाकर कार्रवाई करे। दूसरे दिन ही उसका असर दिखेगा। चौराहे पर ऑटो को बेतरतीब ढंग से खड़ा कर देते हैं। ये भी अतिक्रमण की वजह है।

घर के सामने बनी रैंप भी अतिक्रमण की वजह
समाज सेविका रेनू यादव का कहना था कि घर के सामने लोग रैंप बना रखीं हैं इससे डे्रनेज सिस्टम चोक हो जाता है। इसके चलते सिटी में जलभराव की स्थिति बन जाती है। बड़ी समस्या ये आती है। कि कार्रवाई की जाती है, तो राजनीतिक हस्तक्षेप भी बाधा बन जाता है। रिटायर्ड प्राचार्य रामवीर यादव बोले सही तरीके से मॉनीटरिंग की जाए। इसके लिए जिम्मेदारी निर्धारित की जानी चाहिए। वहीं अर्चना यादव ने कहा कि पब्लिक को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी आरती मिश्रा ने पब्लिक को अवेयर करने के लिए जागरुकता अभियान चलाने की बात कही। अभिनव यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की रुलिंग हैं कि एनक्रोचमेंट नहीं होना चाहिए। अगर स्थानीय पुलिस अपनी भूमिका निभाएं तो अतिक्रमण को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोई ड्राइव जब चलाई जाती है, तो कभी नगर निगम की टीम नहीं पहुंचती, तो कभी स्थानीय पुलिस नहीं पहुंचती है। डेयरियों के खिलाफ भी अभियान राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण उसे रोक दिया गया।

Posted By: Inextlive