प्रोफेसर साहब, फेस रीडिंग के लिए हो जाओ तैयार
आगरा। डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के दीक्षा समारोह पर शिरकत करने खंदारी कैंपस पहुंची राज्यपाल आनंदी बेन ने टीचर्स और कर्मचारियों को सुधरने की हिदायत दी थी, वहीं मन से समर्पित होकर कार्य करने के लिए प्रेरित भी किया था, कार्य में सुधार को लेकर इस बार राजभवन से फेस रीडर मशीन शैक्षिक संस्थानों मेंं लगाने के निर्देश दिए हैं। मई महीने के लास्ट वीक से इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा।
कर्मचारियों के लिए लगी थी बायोमेट्रिक
इससे पहले कार्यालय में बायोमेट्रिक हाजिरी का सिस्टम कर्मचारियों के लिए लागू किया गया था, इसमें अंगुली लगाकर हाजिरी लगती थी। लेकिन कोरोना के कारण इसे सभी सरकारी दफ्तरों मेें बंद कर दिया गया था। अब अटेंडेस के लिए नगर निगम द्वारा फेस रीडर अटेंडेंस मशीन लगाई जाएगी। इसके बाद किन्ही कारणों के चलते मशीन भी खराब हो गई। कर्मचारियों के विरोध के चलते यह प्रस्ताव भी पेंडिंग है। वर्तमान में कर्मचारियों की हाजरी रजिस्टर पर लगती है।
अटेंडेंस शॉर्ट होने पर शिकंजा
फेस रीडर अटेंडेंस मशीन में सबसे पहले सभी टीचर्स का फेस फीड किया जाएगा, जिसके बाद ही फेस रीडर अटेंडेंस मशीन से अटेंडेंस लगेगी। फेस रीडर अटेंडेंस मशीन से गैर हाजिर रहने वाले टीचर्स पर भी शिकंजा कसेगा। अटेंडेंस की सीधी रिपोर्ट राज्यपाल आनंदी बेन को भेजी जाएगी।
ऐसे काम करती हैं फेस रीडर मशीन
चेहरे की पहचान बायोमेट्रिक सॉफ्टवेयर की एक श्रेणी है जो किसी व्यक्ति के चेहरे की विशेषताओं को गणितीय रूप से मैप करती है और डाटा को फेसप्रिंट के रूप में संग्रहित करती है। इस सिस्टम में कर्मचारियों की फोटो को स्कैन करके उसके आधार नंबर से लिंक कर दिया जाता है, इससे हर टीचर्स की अलग पहचान सुनिश्चित हो जाती है। जैसे ही कर्मचारी अपना चेहरा स्क्रीन के सामने करता है, उसे फोटो से मैच करके उसकी हाजिरी लगती है।