आगरा ब्यूरो यूं तो कानून के हाथ लंबे होते हैं लेकिन साइबर क्रिमिनल्स तक पहुंचने में छोटे पड़ जाते हैं. पुलिस के इन हाथों को साइबर बल मजबूती देगा. दरअसल जिले में साइबर को लेकर सिपाही से लेकर एसीपी तक के अधिकारियों क्रिमिनल्स की गतिविधियों से निपटने के टिप्स शेयर किए जा रहे है. इसको लेकर ऑनलाइन एग्जाम का आयोजन किया गया है जिसकी पुलिस कमिश्नर स्तर से मार्किंग की जाएगी.


लिंक के जरिए पुलिस को कर रहे अपडेट
साइबर क्राइम कंट्रोल करने के लिए पुलिस को तकनीकि रूप से मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है। इस संबंध में पुलिस कमिश्नर डॉ। प्रीतिंदर सिंह के आदेश पर पुलिसकर्मी और अधिकारियों को एक लिंक शेयर किया गया है, जिसमें साइबर से जुड़े प्रश्न पूछे गए हैं, जिसमें आरआई, एचसीपी समेत अन्य पुलिस अधिकारी साबित रहे। एग्जाम का समय 12.40 से 1.10 बजे तक रखा गया है। तय समय में लिंक को सबमिट किया गया है। इस एग्जाम का मुख्य उद्देश्य पुलिस को एक्टिव करना है। जिससे वे थाने पर आने वाले फरियादियों की समस्या को आसानी से सॉल्व कर सकेंगे।


कंप्लेंन सुन, कर सकेंगे सॉल्व
पुलिस डिपार्टमेंट में शेयर किए गए ग्रुप्स में साइबर से जुडी बेसिक जानकारी दी गई हैं, इसके आंसर पुलिस स्टॅाफ को देने होंगे। जिससे थाने पर आने वाले फरियादियों की कंप्लेंन को सॉल्व कर सकेंगे। अक्सर देखा गया है कि साइबर क्राइम के बाद जब फरियादी थाने पहुंचते हैं तो पुलिसकर्मी ही नहीं अधिकारी इस मामले में असहज नजर आते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, टेस्ट के जरिए बेसिक जानकारी से वे खुद को अपडेट कर सकेंगे, साथ ही थाने पर आने वाले फरियादियों की कंप्लेंन भी सॉल्व कर सकेंगे।

शातिर बदल रहे क्राइम का तरीका
तकनीक के इस दौर में क्राइम का तरीका बदला है। हर साल साइबर क्राइम बढऩे की आशंका है, इस तरह की चुनौती से निपटने के लिए पुलिस आगरा कोई प्लान तैयार करती है तो साइबर क्रिमिनल्स दूसरा तरीका निकाल लेते हैं, कभी ओटीपी, वीडियो कॉल तो कभी ऑनलाइन खरीदारी को लेकर लोगों के अकाउंट खाली कर रहे हैं।

साइबर लैब से मिलेगी राहत
हर जिले में लैब के प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने के बाद पब्लिक को काफी राहत मिल सकेगी। साइबर क्राइम के मामलों में अभी तक लखनऊ की लैब को डाटा भेजा जाता है। वहां से जांच रिपोर्ट आने में काफी समय लगता है। हर जिले में लैब बनने के बाद साइबर क्राइम का डाटा डीकोड कर लिया जाएगा। लैब में फोरेंसिक कंप्यूटर के अलावा अन्य उपकरण भी लगाए जाएंगे। जिले में फिलहाल हर महीने वाली शिकायतों को साइबर सेल के हवाले कर दिया जाता है।


साइबर क्राइम कंट्रोल करने के लिए पुलिस द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, पुलिस स्टाफ को भी बेसिक जानकारी दी गई हैं। जिससे वे थाने पर आने वाले साइबर क्राइम के मामलों को हैंडिल कर सकते हैं।
डॉ। प्रीतिंदर सिंह, पुलिस कमिश्नर

Posted By: Inextlive