Police Recruitment News पुलिस भर्ती: तीसरे दिन 7,771 अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ी
पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा का रविवार को तीसरा दिन था। पांच दिवसीय परीक्षा का दूसरा चरण अब 30 और 31 अगस्त को होगा। साल्वर और फर्जी अभ्यर्थियों पर शिकंजा कसने के लिए इस बार त्रिस्तरीय चेङ्क्षकग व्यवस्था की गई है। पुलिस और परीक्षा कराने वाली एजेंसी ने इस बार पूर्व में परीक्षा दे चुके अभ्यर्थियों का डाटा रखा हुआ है। साथ ही पूर्व में पकड़े गए साल्वर का डाटा भी रखा है। इस बार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की मदद फर्जी अभ्यर्थियों को पकडऩे में ली जा रही है। पहले दिन पहली पाली में एआई की मदद से ही सादाबाद के विवेक को पकड़ा गया था। वह नए नाम दोबारा बारहवीं करके परीक्षा में शामिल हुआ था.आगरा कॉलेज, आरबीएस कॉलेज, एमडी जैन, राजकीय इंटर कॉलेज, नगर निगम इंटर कॉलेज समेत 27 केंद्रों पर रविवार सुबह सात बजे से ही अभ्यर्थियों की लाइन लगनी शुरू हो गई थी। अधिकांश मैनपुरी, एटा, फिरोजाबाद, हाथरस समेत आसपस जिलों के थे। राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश से भी अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होने आए थे। पुलिस ने चेङ्क्षकग के बाद आठ बजे से ही अभ्यर्थियों को प्रवेश देना शुरू कर दिया था। साढ़े नौ बजे के बाद उन्हीं को प्रवेश दिया गया, जो लाइन में लगे थे। डीसीपी मुख्यालय सैयद अली अब्बास ने बताया कि तीसरे दिन परीक्षा में 7,771 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। कोई फर्जी अभ्यर्थी नहीं पकड़ा गया। ----------------------महिला अभ्यर्थियों को हुई समस्या पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा में छोटे बच्चों के साथ पहुंची महिला अभ्यर्थियों को समस्या का सामना करना पड़ा। कई महिला अभ्यर्थियों के चेङ्क्षकग के लिए लाइन में लगते समय बच्चे रोने लगे। साथ आए परिजन ने बच्चों को किसी तरह शांत कराया। बच्चों को रोता देख कुछ महिला अभ्यर्थी विचलित भी हो गईं, लेकिन परिजन ने उन्हें जाने को कहा। -----------------गणित के प्रश्न लगे कठिनप्रश्न पत्र में सामान्य ज्ञान, तार्किक शक्ति, गणित, रीजङ्क्षनग और ङ्क्षहदी के प्रश्न हैं। परीक्षा के दूसरे और तीसरे दिन अधिकांश अभ्यर्थियों को गणित के प्रश्नों ने उलझाया। इसमें उन्हें अधिक समय देना पड़ा। ---------------------गणित के कुछ प्रश्न कठिन थे। मगर, जिन्होंने नियमित अध्ययन किया है, उनके लिए प्रश्नपत्र मुश्किल नहीं था।शिवानी, मैनपुरी
गणित के प्रश्न कुछ मुश्किल थे। उन्हे हल करने में समय लगा, बाकी प्रश्न नियमित अध्ययन करने वालों के लिए आसान थे।विष्णु, मथुरा