आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर 12 स्थित सत्यम कॉम्प्लेक्स में सस्ते ब्याज पर लोन दिलाने के नाम पर शातिर ठगी का अंतरराज्यीय काल सेंटर चला रहे थे. एसटीएफ की आगरा यूनिट ने शनिवार देररात जगदीशपुरा क्षेत्र में हलवाई की बगीची कॉल सेंटर पर छापामार कार्रवाई की. अब तक ये कॉल सेंटर हजारों लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी को अंजाम दे चुका है. बता दें दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने 14 नवंबर के अंक में फर्जी कॉल सेंटर को लेकर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी. जिसका संज्ञान लेते हुए एसटीएफ ने कार्रवाई की.

आगरा (ब्यूरो)। आरोपी प्रेम ङ्क्षसह ने एसटीएफ को बताया कि उक्त काल सेंटर अनुराग उर्फ चंद्रवीर उर्फ फौजी ने साझीदारी में खुलवाया था। चंद्रवीर अलीगढ़ के थाना इगलास के गांव फतेहपुर का रहने वाला है। वर्तमान में दहेज हत्या के मामले में अलीगढ़ जेल में निरुद्ध है। अनुराग ठगी का काम लंबे समय से कर रहा था। उसने सौरभ को 15 हजार रुपए व दीपक को दस हजार रुपए महीना वेतन पर रखा था। दोनों ठगी के खेल में शामिल थे। आरोपी अब तक दो हजार लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी कर चुका है।

हत्यारोपी के वीपंस का लाइसेंस रिन्यू
एसटीएफ को कॉल सेंटर लोन से संबंधित 220 फाइल, 20 सिम, एक स्कॉर्पियो, एक बाइक, एक पिस्टल, आधा दर्जन से ज्यादा सिम कार्ड और 65500 बरामद किए हैं। पिस्टल का लाइसेंस प्रेम ङ्क्षसह के नाम है। उसे अलीगढ़ पुलिस ने कई साल पहले हत्या व आम्र्स एक्ट के आरोप में जेल भेजा था। सवाल उठ रहा है कि इसके बावजूूद उसके शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण कैसे हो गया। गैंग का सदस्य दीपक धोखाधड़ी के मामले में अलीगढ़़ से पूर्व में जेल जा चुका है।

इस तरह ट्रैप में फंसाती थीं युवतियां
गैंग ने लोगों को लोन के जाल में फंसाने के लिए कॉल सेंटर पर 15 से 20 युवतियां को रखा हुआ था। जिन युवतियों की अंग्रेजी अच्छी होती, उन्हें 10 हजार रुपए महीने तक वेतन देते थे। एक युवती को एक दिन में 100 नंबर पर फोन करना होता था। शातिरों ने युवतियों को बताया था कि वे फाइनेंस कंपनी चलाते हैं। युवतियों के माध्यम से शिकार को जाल में फंसाने के बाद शातिर फाइल चार्ज समेत अन्य सारे काम अपने हाथों में ले लेते थे, जिससे कि युवतियों को उनके द्वारा की जा रही ठगी की भनक न लग सके।

शातिर करते थे सस्ते ब्याज पर लोन का प्रचार
संजय प्लेस से गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में कई अहम जानकारी हासिल की। इस दौरान ऐसे लोगों के नाम सामने आए, जिनकी गहनता से जांच की गई थी। इस मामले में जांच को आगे बढ़ते हुए सामने आया कि अलीगढ़ के प्रेम सिंह ने शहर में कॉल सेंटर खोल रखा है। 15 से 20 युवतियों को नौकरी पर रख रखा है। शातिर लोन के लिए सोशल मीडिया पर प्रचार करते है। शातिरों के पास मोबाइल डाटा है। जिसके जरिए एसटीफ ने नंबरों को ट्रैस कर उनकी लोकेशन का पता किया था।

रजिस्ट्रेशन के नाम पर तैयार करते हैं ट्रैप
युवतियां कॉल सेंटर से लोगों को फोन करती हैं। लोन के नाम पर लोगों को जाल में फंसाया जाता है। फाइल चार्ज और रजिस्ट्रेशन के नाम पर पैसा लिया जाता है। उसके बाद पीडि़त का नंबर ब्लॉक कर दिया जाता है।

एक सिम का एक बार इस्तेमाल
शातिर मास्टर माइंड ने पुछताछ पर बताया कि आरोपी एक बार फाइल चार्ज के नाम पर रकम वसूलने के बाद उसको फिर से अधिक रकम जमा करने के लिए प्रेशर डालते थे। अगर कस्टमर तैयार हो जाता है तो कोई बात नहीं होती, बात कंप्लेन तक पहुंचती है तो सिम को तोड़ देते हैं। आगरा यूनिट एसटीएफ प्रभारी हुकूम सिंह ने बताया कि एक कंप्लेन पर कॉल सेंटर पर कार्रवाई की गई है, शातिरों ने उनके खाते से 60 हजार रुपए निकाले थे।

Posted By: Inextlive