पीएम की पहल कोविड काल में आई मंदी होगी दूर
आगरा। इनले आर्ट यानि पच्चीकारी का काम आगरा में मुगलकालीन दौर से शुरू हुआ था। बादशाह अकबर ने फतेहपुर सीकरी में इसका प्रयोग किया तो ताजमहल इनले आर्ट का अद्भुत नमूना बन गया। एंपोरियम कारोबारी प्रहलाद अग्रवाल बताते हैं कि ताजमहल के कारीगर आगरा में ही बस गए थे। उन्होंने अपने वशंजों को पच्चीकारी का काम सिखाया। यह पुश्तैनी काम है। तब से ये लगातार आगरा में हो रहा है। स्टोनमैन क्राफ्ट्स के डायरेक्टर रजत अस्थाना बताते हैैं कि आगरा में इनले आर्ट के लगभग 50 हजार कारीगर हैैं।
कोविड काल के बाद स्थिति बदहाल
प्रहलाद अग्रवाल बताते हैैं कि इनले आर्ट को हाथ से बनाया जाता है और यह काफी महीन काम है। इसे बनाने में काफी समय लगता है। इस कारण यह काफी महंगी होती है। इसे ताजमहल देखने आने वाले विदेशी टूरिस्ट्स ही खरीदते हैैं। कोविड संक्रमण के आने के बाद विदेशी टूरिस्ट्स का आना बंद हो गया। इसके बाद सभी एंपोरियम पर ताला लग गया। तभी से कारोबार में मंदी चल रही है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा इटली के प्रधानमंत्री को इनले टॉप देने से आगरा की पच्चीकारी एक बार फिर से सुर्खियों में आई है। इससे मंद पड़े कारोबार में फिर से तेजी आ सकेगी। उन्होंने कहा कि अब विदेशी टूरिस्ट्स का आना शुरु हुआ है। अक्टूबर से कारोबार शायद पहले की तरह पटरी पर आने लगेगा।
इटली के प्रधानमंत्री को दिए गए इनले टेबल टॉप को बनाने वाले स्टोनमैन क्राफ्ट के डिजाइनर हिमांकी सेकिया ने बताया कि इस टेबल टॉप में छह देशों से आए स्टोन लगाए गए हैैं। इसमें काफी बारीकी से काम किया गया है। इसी तरह इनले आर्ट महंगी होती है। लेकिन हम इस आर्ट को हर आम लोगों की पहुंच तक भी लाना चाहते हैैं कि इसके लिए हमने इनले आर्ट को छोटे-छोटे प्रोडक्ट बनाकर पहुंचाया जा रहा है। इसकी कॉस्ट बड़े इनले आर्ट की अपेक्षा कम होती है।
इनले आर्ट हाथ से की जाती है। इस कारण यह काफी महंगी पड़ती है। इसके काफी कम ग्राहक होने के कारण यह कारोबार उतना बड़ा नहीं है। लेकिन मोदी जी की पहले के बाद इस कारोबार को एक नई ऊंचाई मिलेगी।
- रजत अस्थाना, डायरेक्टर, स्टोनमैन क्राफ्ट्स
कोविड-19 के संक्रमण आने के बाद इनले आर्ट का कारोबार ठप हो गया था। यह महंगा होता है इस कारण इसे ज्यादातर विदेशी टूरिस्ट्स ही खरीदते हैैं। विदेशी टूरिस्ट्स कोविड काल के बाद अब आना शुरू हो रहे हैैं। प्रधानमंत्री जी की पहल के बाद कारोबार में नई जान आएगी।
- प्रहलाद अग्रवाल, एंपोरियम कारोबारी
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-2500 करोड़ रुपए का हैं वार्षिक हैंडीक्राफ्ट कारोबार
-500 एंपोरियम, शोरूम व दुकानें हैं आगरा में
- 50 हजार इनले कारीगर हैं आगरा में
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