जमीन पर मरीज, घर से लाना पड़ रहा पंखा
आगरा। एसएन मेडिकल कॉलेज में मरीज को अपना उपचार कराने के लिए अपना साजो-सामान खुद लेकर आना पड़ता है। बेड की चादरों से लेकर गर्मी से बचाव के लिए पंखा भी खुद लेकर आओ तभी यहां पर उपचार संभव है। यह हाल ज्यादातर डिपार्टमेंट का है। लेकिन नई सर्जरी बिल्डिंग तो यह समस्या और ज्यादा गंभीर है। यहां इस बिल्डिंग में सीलिंग फैन ही नहीं है। बिल्डिंग में केवल एसी का ही प्रावधान है। लेकिन एसी का काम ही पूरी नहीं हुआ है। ऐसे में मरीजों गर्मी से बचने के लिए अपने घर से टेबल फेन लाना पड़ता है। ऐसी उमस भरी गर्मी में पंखा कितना काम कर रहा है। यह जग जाहिर है। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। प्रशांत गुप्ता ने बताया कि शासन को इसके लिए प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है।
कभी भी हो सकता है हादसा
एसएन मेडिकल कॉलेज में नई सर्जरी बिल्डिंग सबसे नई बिल्डिंग है। ये कुछ साल पहले ही बनकर तैयार हुई है। लेकिन हालत ऐसी है कि कभी भी इसकी सीलिंग गिर सकती है और कोई बड़ा हादसा हो सकता है। दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट की टीम जब बिल्डिंग में गई तो यहां पर थर्ड फ्लोर पर एसी का डक्ट गला हुआ मिला। यह कभी भी गिर सकता है। इसके साथ ही यहां पर काफी वायरिंग हो रही है। यदि यहां पर कोई शॉर्ट सर्किट हो गया तो कोई भी हादसा हो सकता है। इससे पहले भी इस बिल्डिंग में कई बार शॉर्ट सर्किट से आग लग चुकी है। हाल ही में मार्च 2022 में इस बिल्डिंग के बेसमेंट में आग लग गई थी। तब डॉक्टरों और मरीजों को बिल्डिंग से बाहर निकालना पड़ा था। लेकिन अब तक इस बिल्डिंग में कोई सुधार नहीं हो पाया है।
एसएन मेडिकल कॉलेज में मरीज को जमीन पर लिटाकर इलाज कराने के मामले में जब मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। प्रशांत गुप्ता ने कहा कि बेड की संख्या कम है और मरीजों की संख्या ज्यादा है। उन्होंने बताया कि ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट में 100 बेड की सुविधा है, जबकि यहां पर 150 मरीज एडमिट हैैं। उन्होंने बताया कि नई सर्जरी बिल्डिंग में 300 बेड हैैं और यहां पर 400 से ज्यादा मरीज हैं। उन्होंने कहा कि हम मरीजों को वापस नहीं कर सकते हैैं। मरीज आते हैैं तो हम उनका उपचार करते हैैं।
एसी के लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है। बेड कम और मरीज ज्यादा हैैं। ऐसे में कम सुविधाओं में मरीजों का उपचार करना पड़ रहा है।
-डॉ। प्रशांत गुप्ता, प्रिंसिपल, एसएनएमसी