आगरा: डेढ़ माह के बाद फिर से 100 सिटी बसों के पहिये थम गए. समय पर वेतन न मिलने और कटौती होने ड्यूटी लगाने के नाम पर पैसे लेने से नाराज चालकों और परिचालकों ने शुक्रवार सुबह पांच बजे फाउंड्रीनगर डिपो में प्रदर्शन किया. हड़ताल पर चले गए. हड़ताल की जानकारी होने पर भी अधिकारी अपने एसी चैंबर में बैठे रहे. फोन पर चालकों से चार से पांच बार बात की लेकिन मौके पर कोई नहीं पहुंचा. शाम छह बजे फाउंड्री नगर डिपो पहुंच प्रदर्शनकारियों से वार्ता की समस्या समाधान का आश्वासन दिया. इसके बाद चालक-परिचालकों ने हड़ताल खत्म कर दी. इस हड़ताल से अनुमानित 20 हजार यात्री परेशान रहे.


सिटी में संचालित होती हैं 100 इलेक्ट्रिक बसें
शहर में एमजी रोड सहित डेढ़ दर्जन रूट में 100 इलेक्ट्रिक बसें सुबह पांच से रात 11 बजे तक चलती हैं। कंपासी कंपनी द्वारा चालकों और परिचालकों को उपलब्ध कराया जाता है। इस माह अभी तक 350 चालकों और इतने ही परिचालकों को वेतन नहीं मिला। पिछले माह ड्यूटी लगने के बाद बसें नहीं मिलीं। इससे वेतन कटौती की गई। शुक्रवार सुबह चालकों और परिचालकों की फाउंड्रीनगर में बैठक हुई। चालकों ने हंगामा किया और हड़ताल पर चले गए। हड़ताल को खत्म कराने के लिए सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक केपी ङ्क्षसह, प्रभारी अधिकारी अभय ङ्क्षसह सहित अन्य अधिकारियों ने मौके पर जाने की जरूरत नहीं समझी। एसी चैंबर में बैठे-बैठे फोन से बात करते रहे। उच्च प्रशासनिक अधिकारियों के आदेश पर शाम छह बजे प्रभारी अधिकारी अभय ङ्क्षसह फाउंड्रीनगर पहुंचे। समय पर वेतन और ड्यूटी लगाने की समस्या का समाधान किया गया। 13 घंटे तक यात्री परेशान रहे। शाम साढ़े छह बजे सड़कों पर बसों का संचालन शुरू हुआ।


फाउंड्रीनगर डिपो से बसों के न निकलने से यात्री परेशान हो गए। एमजी रोड, आगरा कैंट रोड, यमुना किनारा रोड सहित अन्य रूट पर हजारों यात्री परेशान रहे। यात्री कंचन मिश्रा ने बताया कि सुबह छह बजे भगवान टाकीज चौराहा पहुंच गई थीं। आधा घंटे तक बस का इंतजार किया, फिर हड़ताल का पता चला। ई-रिक्शा का सहारा लेना पड़ा। यात्री रितेश बघेल ने बताया कि सूरसदन तिराहा में 45 मिनट तक बस की प्रतीक्षा में खड़ा रहना पड़ा, रिक्शा से जाना पड़ा। ---- पैदल या फिर गाड़ी से करनी पड़ी यात्राखेरिया एयरपोर्ट से तीन इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाता है। शुक्रवार को लखनऊ और बेंगलुरु फ्लाइट थी। 250 यात्रियों का आवागमन हुआ। बसें न होने पर यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई यात्रियों को सामान लेकर पैदल जाना पड़ा। कुछ को एयरपोर्ट प्रशासन की ओर से वाहन उपलब्ध कराया गया। यात्रियों ने नाराजगी जताई। एयरपोर्ट के अधिकारियों ने बसों को भेजने के लिए कहा लेकिन हड़ताल के चलते एक भी बस नहीं पहुंची। यात्री विक्रम ने बताया कि पहली बार अर्जुनगर गेट से लेकर एयरपोर्ट तक पैदल यात्रा करना पड़ा है। ---- 10 से 30 रुपए अधिक वसूला किराया

सिटी बसों की हड़ताल के चलते ई-रिक्शा, आटो रिक्शा, रिक्शा चालकों की चांदी हो गई। यात्रियों से 10 से 30 रुपए अतिरिक्त लिए गए। भगवान टाकीज चौराहा से दीवानी चौराहा के 20 रुपए लिए गए जबकि अन्य दिन 10 रुपए लिए जाते हैं। हरीपर्वत के 30 से 35 रुपए लिए गए। किराया को लेकर कई यात्रियों और चालकों में विवाद भी हुआ। ----------- कोई भी बताओ, कब आएगी बसभगवान टाकीज चौराहा हो या फिर हरीपर्वत, सेंट जोंस चौराहा सहित अन्य। हर चौराहा पर यात्री बसों के आने की राह देखते रहे। कई यात्रियों ने पुलिस कर्मियों से बस कब आएगी, इसे लेकर सवाल भी पूछे। कर्मियों ने हड़ताल की जानकारी दी। -- यह हैं जिम्मेदारप्रभारी अधिकारी अभय ङ्क्षसह, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक केपी ङ्क्षसह, बिजनेस हेड कंपासी कंपनी आशुतोष वर्मा। ------- कंपासी कंपनी पर दस लाख रुपए का जुर्मानासिटी बस सेवा के प्रभारी अधिकारी अभय ङ्क्षसह ने बताया कि कंपासी कंपनी के अधिकारियों की गलती का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ा है। कंपनी पर दस लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा रहा है। जल्द ही नोटिस जारी किया जाएगा।

Posted By: Inextlive