नो रिटिन, नो इंटरव्यू सीधे करें ज्वॉइनिंग
आगरा(ब्यूरो)। आजकल जॉब के नाम पर काफी फर्जीवाड़ा हो रहा है। लोगों को नौकरी दिलाने और मोटी सैलरी दिलाने का झांसा दिया जाता है। उससे बाद उनसे क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड की डिटेल्स मांगी जाती है। डिटेल मिलने के बाद ठग अकाउंट साफ कर सकते हैं।
सरकारी नौकरी के नाम पर किया गुमराहअभिषेक पुत्र सुरेश निवासी राजपुर चुंगी ने ठगी की शिकायत थाना सदर में की थी। पीडि़त ने बताया कि वो जनवरी में रामवीर सिंह के संपर्क में आया था। रामवीर सिंह ने उसे अमित सिंह का नंबर दिया था, इसका सही नाम दानिस है। रामवीर ने बताया कि दानिस गवर्मेंट जॉब लगवाता है। दानिस से मुलाकात करने पर उसने मनोज का नंबर दिया मनोज ने बातों में बरगलाते हुए बताया कि हमने पूर्व में भी दो लड़कों की जॉब लगवाई है।
ज्वॉइनिंग लेटर देकर कराया फर्जी वेरिफिकेशन
शातिर मनोज ने कांस्टेबल की भर्ती का फर्जी ज्वॉइनिंग लेटर दिखाया और अपने खाते में एक लाख रुपए पेटीएम करवाया और ढाई लाख रुपए नगद ले लिए। मनोज कुमार अपने साथ एक अन्य व्यक्ति राजकुमार को भी लाया था, इसके बारे में मनोज ने बताया कि यह शिक्षा विभाग में जॉब लगवाता है। शिक्षा विभाग में जॉब के नाम पर चार लाख पचास हजार का चेक भी लिया था। मनोज ने फर्जी ज्वॉइनिंग लैटर दिया और फर्जी वेरिफिकेशन भी कराया। लेकिन कुछ दिन बाद ही स्थिति स्प्ष्ट हो गई। पीडि़त ने तगादा करना शुरू कर दिया। रुपया वापस नहीं मिलने पर आरोपियों के खिलाफ थाना सदर में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया, जिस पर पुलिस ने ममाले की जांच शुरू कर दी।
आरोपियों के खिलाफ ठगी का मुकदमा दर्ज होने पर पुलिस जांच शुरू कर दी। आरोपियों को लोकेशन ट्रैस करने के बाद पुलिस उनको अरेस्ट कर लिया। थाना प्रभारी सदर ने बताया कि मंगलवार को पुलिस टीम गश्त कर रही थी तभी मनोज इस समय ताल फिरोज खां पानी की टंकी के पास कहीं जाने की फिराक में खड़ा है। जिसे घेराबंदी कर पुलिस टीम ने अरेस्ट कर लिया। एयरफोर्स में जॉब, ठगी के मामले में जा चुका है जेल
पुलिस टीम के पूछने पर आरोपी ने बताया कि उसका भाई जिनेन्द्र एयरफोर्स में फर्जी नौकरी लगाने के मामले में पहले ही जेल में है। वो और उसका भाई मनोज, उसकी पत्नी व दोस्त शक्ति सिंह मिलकर ऐसे ही नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी करते है।
फर्जी वेरिफिकेशन 20 हजार में
शातिर ने बताया कि इस मामले में उसने साढ़े तीन लाख रुपए ठगे हैं। उसने एक लाख रुपए लिए, जिसमें से बीस हजार रुपए शक्ति सिंह को दिए क्योंकि उसके द्वारा फर्जी वेरिफिकेशन किया गया था। जेल में दानिश से मिलने के बाद तभी से फर्जी नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी का काम कर रहे हैं। थाना प्रभारी सदर नीरज शर्मा ने बताया कि मनोज पूर्व में ठगी के मामले में फरार चल रहा था। जिसमें उसका भाई जेल में हैं।
-पैसा मांगना
कोई भी कं पनी नौकरी के लिए पैसा नहीं मांगती, जॉब पोर्टल भी पैसा नहीं मांगते हैं लेकिन ठगी करने वाले मांगते हैं। -क्रेडिट कार्ड, आधार, पेन की डिटेल मांगना नौकरी के नाम पर कोई आपसे पर्सनल डिटेल जैसे क्रेडिट कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट, सीवीवी नंबर या फिर आधार, पेन नंबर, याद रखें नौकरी के लिए डिटेल्स की नीड नहीं है। -आसान हायरिंग क्राइटेरिया
किसी भी कंपनी में जॉब के लिए आपको एक प्रोसेस से गुजरना पड़ता है। अधिकतर टेस्ट और इंटरव्यू होता है। उसके बाद जॉब ऑफर की जाती है। फर्जी जॉब कंपनी ऐसा नहीं करती हैं।
-उम्मीद से अधिक सैलरी
आपको यह बात दिमाग में अच्छी तरह बिठा लेनी चाहिए कि कहीं भी सैलरी के नाम पर पैसों अधिक का लालच देते हैं। हर जॉब में पद के हिसाब से जॉब मिलती है।
ठगी करने वाले लोग बड़े शातिर होते हैं। वे फर्जी पोर्टल का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन वह पोर्टल देखने में असली लगता है। इसलिए ऑफर के बाद पोर्टल का ध्यान रखें। आरोपी के कब्जे से बरामदगी
-1,500 रुपए, 2 मोबाइल
-फर्जी नियुक्ति पत्र किए बरामद नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गैंग के एक आरोपी को अरेस्ट किया गया है। उसके पास से फर्जी लेटर बरामद किया था, उसके साथी पूर्व में जेेल जा चुके हैं। एक अभी जेल में हैं।
विकास कुमार, डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस