बीएड एंट्रेंस एग्जाम: न मास्क लगाया, न रखी सोशल डिस्टेंसिंग
- कोरोनावायरस का नहीं दिखा डर, झुंड में बैठे दिखे लोग
- सेंटर के अंदर मानकों का पालन होते दिखा, बाहर उड़ा मखौल आगरा में केंद्र - 42 रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स 19600 अनुपस्थित 8000 से ज्यादा आगरा। बीएड एंट्रेंस एग्जाम में कोरोनावायरस प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ा दी गई। न तो कैंडिडेट्स मास्क लगाए दिखे और न ही सोशल डिस्टेंसिंग दिखी। लखनऊ विवि के संयोजन में हुए इस एग्जाम में 42 केंद्रों पर 19600 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। इनमें से दोनों पालियों में 8235 अनुपस्थित रहे। सेंटरों को परीक्षा से पहले और दोनों पालियों के मध्य में सेनेटाइज किया गया। वहां मास्क और सेनेटाइजर भी रखे गए। किसी भी सेंटर पर किसी भी परीक्षार्थी का मानक से ऊपर तापमान दर्ज नहीं किया गया। नहीं दिखी सोशल डिस्टेंसिंगपरीक्षा से पहले स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि परिजन अगर स्थानीय हैं तो परीक्षार्थियों को छोड़कर घर चले जाएं। दूसरे शहरों से आने वाले परिजनों से कहा गया था कि वे केंद्रों के आसपास ही दूरी बनाकर बैठें। इधर-उधर न टहलें। बंदी के कारण दुकानें बंद थीं, इसलिए परिजन घूम तो नहीं पाए पर दूरी का पालन बिल्कुल भी नहीं किया। झुंड बनाकर बैठे परीक्षार्थी और परिजन हर सेंटर के बाहर दिखाई दिए। रविवार को ज्यादा परीक्षार्थी वाले सेंटर जैसे आगरा कॉलेज और खंदारी के बाहर तो भीड़ देखकर लग ही नहीं रहा था कि कोरोना का यहां कोई भय है।
थर्मल स्क्रीनिंग में भी कोताही पहली पाली नौ बजे से थी। परीक्षार्थी एक घंटा पहले ही अपने निर्धारित केंद्रों पर पहुंच गए। थर्मल स्क्री¨नग, सेनेटाइजेशन और मास्क की चेकिंग के बाद परीक्षार्थियों को अंदर जाने दिया गया। लेकिन, कई केंद्रों पर दूसरी पाली में थर्मल स्क्री¨नग नहीं हुई। परीक्षार्थियों को बिना थर्मल स्क्री¨नग के ही कक्षों में जाने दिया गया। हर सेंटर पर रखवाए गए थे मास्क हर परीक्षार्थी, शिक्षक और कर्मचारियों के लिए मास्क अनिवार्य था। इसके बाद भी हर सेंटर पर मास्क रखे गए थे, जिन परीक्षार्थियों का मास्क जल्दबाजी में कहीं गिर गया या वे भूल गए, उन्हें सेंटर में प्रवेश के समय ही मास्क उपलब्ध कराया गया। कम रही अनुपस्थिति प्रवेश परीक्षा में पहली पाली में 4127 और दूसरी पाली में 4108 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। हालांकि कोरोना के कारण इससे ज्यादा अनुपस्थिति की उम्मीद लगाई जा रही थी। आसान थे पेपरफीरोजाबाद की दीप्ति यादव को पेपर काफी आसान लगे। उनका कहना था कि समय मिल गया था, तैयारी की, इसलिए कोई समस्या नहीं हुई। मैनपुरी के शिवम यादव को भी जनरल नॉलेज और ¨हदी का पेपर काफी आसान लगा। आगरा की प्रियंका ने बताया कि पहली पाली में काफी आसान पेपर आया था।
आने में नहीं हुई दिक्कत शासन और प्रशासन ने दो दिनों के लिए आवागमन के साधन उपलब्ध कराए थे, जिससे परीक्षार्थियों को आने में कोई समस्या न हो। इसके बावजूद आगरा के आसपास से आने वाले परीक्षार्थी अपने परिजनों के साथ निजी वाहनों से केंद्रों तक पहुंचे। अछनेरा की सुमन सुबह पांच बजे ही अपने पिता के साथ निजी वाहन से ही घर से निकल आई थीं। एटा से आईं कृष्णा शर्मा बताया कि हम अपनी ही गाड़ी से आए हैं। इसलिए दिक्कत नहीं हुई। बोदला की सुप्रिया का सेंटर आगरा कॉलेज में था, वे भी अपने दोपहिया वाहन से केंद्र पहुंचीं। एटा से आईं शबनम ने बताया कि प्रवेश पत्र के साथ ही पास भी मिला था, इसलिए आने में समस्या नहीं हुई। अपने साथ लाए थे सेनेटाइजर अधिकतर परीक्षार्थी अपने साथ सेनेटाइजर लाए थे। केंद्रों के बाहर सेनेटाइजेशन कराने के बाद भी कुर्सी-मेज पर बैठते ही अपने आसपास के हिस्से को सेनेटाइजर से स्प्रे किया। अपने पेन, पाउच और पानी की बोतल के बाहरी हिस्से को भी सेनेटाइज करते रहे।परीक्षा शांतिपूर्वक संपन्न हुई है। कहीं से कोई नकलची नहीं पकड़ा गया। किसी भी परीक्षार्थी का तापमान मानक से अधिक नहीं मिला। केंद्रों के अंदर कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया गया।
- प्रो। संजीव शर्मा, बीएड परीक्षा को-ऑर्डिनेटर