टीबी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ सोसायटी के समृद्ध लोग भी आगे आकर हेल्प कर रहे हैैं. वह निक्षय मित्र बनकर पीएम मोदी के 2025 तक देश से टीबी के खात्मे के सपने को पूरा करने में लगे हुए हैैं. 2023 में शहर के 443 समाजसेवियों व अधिकारियों ने निक्षय मित्र बनकर अब तक ग्यारह हजार से अधिक टीबी मरीजों को गोद लिया है. इनमें से लगभग आधे मरीज स्वस्थ भी हो गए हैैं.

आगरा(ब्यूरो)। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ। सुखेश गुप्ता ने बताया कि जनपद में निक्षय मित्रों के सहयोग से जनवरी 2023 से अब तक 443 निक्षय मित्रों द्वारा पब्लिक एवं प्राइवेट क्षेत्र के 11129 टीबी मरीजों को गोद लिया जा चुका है। इनमें से 4889 टीबी के मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। डीटीओ ने बताया कि इन सभी को उपचार के दौरान प्रतिमाह पोषण किट वितरण भी किया गया है। पोटली में सोयाबीन, दालें, चने, रमांस की दाल, दलिया, सत्तू, मूंगफली, बोर्नबीटा पाउडर, देशी खांड आदि सामान उपलब्ध रहता है, जिसके सेवन करने से टीबी मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और मरीजों को दवाइयों को नियमित सेवन करने की शक्ति मिलती है।

टीबी को छिपाएं नहीं
सीएमओ डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि हमें समाज में ऐसा वातावरण तैयार करना होगा कि टीबी मरीज इस रोग को छिपाएं नहीं, बल्कि जांच कराएं। टीबी लक्षण वाले मरीजों को उनके बीच के ही लोग जांच व इलाज के लिए प्रोत्साहित करें। इलाज के दौरान मानसिक संबल प्रदान करें। ऐसा करने से टीबी का उन्मूलन संभव हो सकता है।

नाश्ते बाद ही लें टीबी की दवा
जिला क्षय रोग अधिकारी ने रोगियों को जरूरी बातें बताते हुए कहा कि टीबी के इलाज के दौरान दवाओं के साथ-साथ पोषण और भावात्मक सहयोग भी जरूरी है। इसलिए टीबी की दवा के साथ-साथ पोषण का भी ध्यान रखना चाहिए और परिवार व समाज के लोगों को टीबी मरीजों का भावात्मक सहयोग करना चाहिए। उन्होंने मरीजों को बताया कि टीबी की दवा नाश्ते के बाद ही लें। मरीज सुबह नाश्ते के बाद ही दवा खाएं। गर्म तासीर वाली चीजें जैसे चाय, कॉफी, खट्टी एवं मिर्च मसाले वाली चीजें खाने से बचें।

रोज करें व्यायाम
एसएन मेडिकल कॉलेज टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। जीवी सिंह ने बताया कि टीबी रोगी सुबह हल्का व्यायाम करें, खाने में फाइबर वाली चीजें जैसे हरी सब्जियां, मौसमी फल, दालें, सोयाबीन ज्यादा से ज्यादा लें। खाने के तुरंत बाद लेटें नहीं बल्कि थोड़ा टहलें। ध्यान रहे कि किसी भी स्थिति में टीबी की दवा बंद नहीं करनी है।

लक्षण होने पर जांच कराएं
एसएन मेडिकल कॉलेज के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ। संतोष कुमार ने बताया कि टीबी दो प्रकार की होती है, पल्मोनरी टीबी और एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी। यह नाखून और बाल को छोड़कर शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। इसके लक्षणों को पहचानकर अपनी जांच कराएं।

100 मरीजों को लिया गोद
एसएन मेडिकल कॉलेज स्थित मुस्कान परिवार के गोविंदम भोजनालय द्वारा शनिवार को 100 टीबी मरीजों को गोद लिया गया। इस अवसर पर टीबी मरीजों को पोषण पोटली का वितरण किया गया। डीटीओ ने कहा कि शनिवार को गोविंदम भोजनालय द्वारा गोद लिए गए 100 टीबी मरीजों में से 23 मरीज बच्चे और 77 मरीज 20 से 60 वर्ष के हैं। इस दौरान मुस्कान परिवार के गोविंदम भोजनालय की फाउंडर रश्मी मगन ने बताया कि वह 2007 से कैंसर मरीजों की सेवा कर रही हैं। मेरी डॉक्टर बहन ने मुझे प्रेरणा दी कि मैं टीबी मरीजों के पोषण पर काम करूं। इसलिए मैैंने टीबी मरीजों को गोद लिया है। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ। अरुण श्रीवास्तव, डीटीओ डॉ। सुखेश गुप्ता, एसएन मेडिकल कॉलेज के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। जीवी सिंह, प्रोफेसर डॉ। संतोष कुमार, हेल्प आगरा संस्था से जगबीर सिंह, पुष्पा पोपटनी व जिला क्षय रोग केंद्र के सदस्य मौजूद रहे।

टीबी मरीजों को दवा के साथ में बेहतर पोषण की आवश्यकता होती है। निक्षय मित्र बनकर कई समाज सेवी टीबी मरीजों को हर माह पोषण पोटली दे रहे हैैं। इससे मरीज स्वस्थ हो रहे हैैं।
- डॉ। अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ

जनवरी 2023 से अब तक 443 निक्षय मित्रों द्वारा पब्लिक एवं प्राइवेट क्षेत्र के 11129 टीबी मरीजों को गोद लिया जा चुका है। इनमें से 4889 टीबी के मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
- डॉ। सुखेश गुप्ता, डीटीओ


443 निक्षय मित्रों ने टीबी मरीजों को लिया गोद
11129 टीबी मरीजों को गोद लिया जा चुका है 2023 में
4889 टीबी के मरीज 2023 में हुए स्वस्थ
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सात सालों में टीबी के मरीज
वर्ष 2017 में
कुल टीबी मरीज -5707
सरकारी अस्पताल -4617
निजी अस्पताल -1090

वर्ष 2018 में-
कुल टीबी मरीज- 11614
सरकारी अस्पताल -7845
निजी अस्पताल -3919
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वर्ष 2019 में
कुल टीबी मरीज- 23072
सरकारी अस्पताल -9683
निजी अस्पताल -13389
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वर्ष 2020 में
कुल टीबी मरीज- 16864
सरकारी अस्पताल -7582
निजी अस्पताल -9282
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वर्ष 2021 में
कुल टीबी मरीज- 21275
सरकारी अस्पताल -9762
निजी अस्पताल -11513
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वर्ष 2022 में
कुल टीबी मरीज- 21059
सरकारी अस्पताल -11369
निजी अस्पताल -9690
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वर्ष 2023 में अब तक
कुल टीबी मरीज- 19460
सरकारी अस्पताल -9594
निजी अस्पताल -9866
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ये किए जा रहे प्रयास
-टीबी मुक्त पंचायत बनाने के लिए प्रति 1000 की आबादी पर प्रति वर्ष 30 से 50 संभावित मरीजों की अनिवार्य रूप में जांच की जा रही है.
-प्रत्येक टीबी मरीज के परिवार के किसी भी एक व्यक्ति को फैमिली केयर गिवर नियुक्त किया जा रहा है
- प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत सभी टीबी मरीजों को किसी न किसी निक्षय मित्र के साथ जोड़कर हर माह पोषण आहार पोटली का वितरण कराना.
-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर टीबी की जांच और दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करना.
-निक्षय पोषण योजना के बारे में टीबी मरीजों को जानकारी उपलब्ध कराना और पंजीकरण कराना।
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Posted By: Inextlive