बच्चों को फिजिकल और मेंटल रूप से भी स्ट्रॉन्ग कर रही एनईपी
आगरा(ब्यूरो)। वह गुरुवार को एयरफोर्स स्टेशन परिसर स्थित केंद्रीय विद्यालय-1 में न्यू एजुकेशन पॉलिसी की थर्ड एनिवर्सिरी पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एजुकेशन में आए विभिन्न बदलावों और एक्टिविटी के बारे में बता रहे थे।
रटने के बजाय टॉपिक को समझेंगे बच्चे
डिप्टी कमिश्नर शैक ताजुद्दीन ने कहा कि एनईपी का विजन 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुकूल व्यापक, लचीली तथा बहु-विषयक शिक्षा के माध्यम से भारत को एक जीवंत सामाजिक और वैश्विक ज्ञान की महाशक्ति में बदलना, हर एक छात्र में छिपी क्षमताओं को सामने लाना, रटने के बजाय आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देना, अध्ययन के बजाय सीखने पर ध्यान केंद्रित करना एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रोत्साहन देना है। उन्होंने कहा कि एनईपी की सिफारिश के अनुरूप सभी केंद्रीय विद्यालयों में एजुकेशन सेशन 2022-23 से क्लास एक में एडमिशन के लिए एज को संशोधित कर छह से आठ वर्ष कर दिया गया है। डिप्टी कमिश्नर शैक ताजुद्दीन ने बताया कि एनईपी के तहत केंद्रीय विद्यालय संगठन 2022-23 के सेशन में बाल वाटिका के रूप में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है, इसमें 3 साल की आयु के बच्चों को बाल वाटिका-1, चार साल के बच्चे को बाल वाटिका-2, पांच साल के बच्चे को बाल वाटिका-3 में प्रवेश दिलाया जाएगा। अभी स्थायी भवन वाले 49 केंद्रीय विद्यालयों में बाल वाटिकाओं की तीनों क्लासेज में 5477 बच्चों को प्रवेश दिया गया है। सेशन 2023-24 में 450 केंद्रीय विद्यालयों में बाल वाटिका-3 क्लासेस का खंड शुरू किया गया है। इससे बाल वाटिका क्लासेस वाले केंद्रीय विद्यालयों की संख्या 500 तक पहुंच गई है। बाल वाटिका में एडमिशन होने के बाद आगे क्लासेस में एडमिशन की जरूरत नहीं होगी। स्टूडेंट अगली क्लासेस में प्रमोट होता जाएगा। बाल वाटिका-3 से पास आउट स्टूडेंट को क्लास-1 में प्रमोट होगा। आगामी वर्षों में क्लास वन के स्थान पर बाल वाटिका से एडमिशन प्रोसेस शुरू होगा।
खेलकूद के साथ बाल वाटिका में पढ़ेंगे बच्चे
बाल वाटिका कार्यक्रम की परिकल्पना क्लास 1 से पहले 3 साल के कार्यक्रम के रूप में की गई है, इसका उद्देश्य बच्चों को भाषाई दक्षताओं के साथ तैयार करता है। पढऩा-लिखना सीखने और खेल आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से संख्या बोध विकसित करने के लिए इसकी आवश्यकता है। बाल वाटिका में तीन वर्ष से अधिक के बच्चों को प्रवेश मिलेगा। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि बाल वाटिका में बच्चों के लिए विभिन्न तरह की एक्टिविटीज ऑर्गनाइज की जाएंगी। इसके साथ उनकी लर्निंग के लिए कई तरह के टॉयज भी बाल वाटिका में होंगे। बाल वाटिका की तरह क्लास-1 के छात्रों के लिए विद्या प्रदेश योजना शुरू की गई है। फरवरी में एनसीएफ एफएस पर आधारित जादुई पिटारा लर्निंग टीचिंग मेटेरियल (जादुई पिटारा) लॉन्च किया गया था। ये तीन से आठ साल के बच्चों के लिए तैयार की गई एक खेल आधारित शिक्षण सामग्री है। इस दौरान उन्होंने निपुण, विद्यांजलि पोर्टल, पीएम ई-विद्या, क्लास 11वीं और 12वीं के बच्चों के लिए शुरू किए टूरिज्म कोर्स, क्लास-6 से बच्चों को दी जा रही आर्टिफिशिल इंटेलिजेंसी के बारे में भी बताया।
सभी के लिए होंगे समान अवसर
जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रिंसिपल केशव देव गोस्वामी ने कहा कि देश के हर बच्चे में यूनिक टैलेंट है। बस आवश्यकता है इन बच्चों के टैलेंट को अवसर प्रदान करने की ताकि वह डायमंड बन सके। न्यू एजुकेशन पॉलिसी आज के दौर में इन बच्चों के लिए काफी मददगार साबित होगी। उन्हें अपने टारगेट को हासिल करने में मददगार बनेगी। एनईपी से सभी के लिए समान अवसर पैदा होंगे। इस अवसर पर केंद्रीय विद्यालय संगठन, आगरा संभाग के सहायक आयुक्त डॉ। एमएल मिश्रा एवं राजकुमार, केन्द्रीय विद्यालय क्र। 1, 2 व 3 के प्रिंसिपल राजेश पांडेय, अरुण कुमार एवं नीतू वर्मा, वाइस प्रिंसिपल केवी-1 रोहित सक्सेना, मीडिया को-ऑर्डिनेटर मनीष कुमार शर्मा एवं हर्ष कुमार शर्मा आदि उपस्थित रहे।