हद दर्जे की लापरवाही, सुरक्षा को किया नजरदांज
आगरा। शनिवार को पुलिस और पीएसी ने संयुक्त रुप से आयोजन स्थल को अपने कब्जे में ले लिया। हादसे के बाद लाइटिंग स्टैंड, कुर्सियां पर्दे लाइटिंग आदि सामान तहां का तहां पड़ा नजर आया। पुलिस ने किसी को मंच तक नहीं जाने दिया।
भीमनगरी आयोजन कमेटी के कोषाध्यक्ष श्याम जरारी ने पूरे हादसे के लिए तीन विभागों को जिम्मेदार ठहराया है। इसमें नगर निगम, टोरंट और एडीए के अफसरों को जिम्मेदार ठहराया है। नगला पदमा में भीमनगरी का आयोजन था। शुक्रवार को पहले दिन केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शुभारंभ किया। रात साढ़े नौ बजे आंधी आने से लाइङ्क्षटग स्टैंड गिर गया था। इसके नीचे दबकर पूर्व प्रधान राजू की मौत हो गई। दर्जनभर लोग घायल हो गए। केंद्रीय मंत्री बाल-बाल बचे थे।
लाइटिंग स्टैंड गाडऩे में लापरवाही
आयोजन कमेटी के सदस्य श्याम जरारी ने पूरे घटनाक्रम के लिए नगर निगम, टोरेंट कंपनी, विकास प्राधिकरण अफसरों को जिम्मेदार ठहराया है। कहा कि लाइङ्क्षटग स्टैंड को गाड़ा नहीं गया था। न ही कोई सपोर्ट लगाई गई थी। व्यवस्था के लिए समिति के सदस्य इन विभागों के अधिकारियों के चक्कर काटते रहे। सफाई नहीं कराई गई, लाइटों की व्यवस्था नहीं की गई। 25 लाइट मांगी गई थीं।
भीमनगरी में मंच बनाने का कार्य दस दिन पूर्व शुरू हुआ था। लाइङ्क्षटग, साउंड और टैंट लगाए जाने की अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई थी। लाइटिंग का काम ठेकेदार प्रवेश को दिया गया था। लाइङ्क्षटग स्टैंड के पोल जमीन में नहीं गाड़ेे गए। न ही लाइङ्क्षटग स्टैंड की सपोर्ट के लिए बल्ली आदि लगाईं गई थीं। प्रशासन की टीम ने भी इसे संज्ञान नहीं लिया। पूर्व प्रधान के परिजनों को मिलेगा लाभ
नगला पदमा निवासी पूर्व प्रधान राजू के परिजनों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा। एडीएम सिटी अंजनी कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि तहसीलदार सदर रजनीश कुमार से पात्रता की रिपोर्ट मांगी गई है। होगी जांच
इस पूरे मामले की मजिस्ट्रेटी जांच होगी। इस बारे में एडीएम सिटी अंजनी कुमार ने बताया कि डीएम जांच के लिए अधिकारी को नामित करेंगे। इसके बाद जांच होगी। उन्होंने बताया कि डीएम के आने के बाद जांच के लिए कमेटी गठित की जाएगी। इसके बाद ही जांच होगी। शासन स्तर से जो भी मदद होगी। वो मुहैया कराई जाएगी।
इस लापरवाही का कौन जिम्मेदार
शुक्रवार की रात नगला पदमा में मंच पर लाइट स्टैंड गिरने से हुए हादसे का कौन जिम्मेदार है। जिम्मेदारों को इस बात की जानकारी थी कि कार्यक्रम में वीवीआईपी आएंगे। इतनी भीड़ जुटेगी, तो सुरक्षा कारणों को नजरदांज करते हुए कार्यक्रम की अनुमति किस आधार पर जारी कर दी गई है।
नियमानुसार जब भी कोई बड़ा सामाजिक कार्यक्रम होता है तो आयोजन कमेटी की ओर जिला प्रशासन को अनुमति के लिए पत्र दिया जाता है। इस पत्र को संबंधित थाना क्षेत्र से व एलआईयू से रिपोर्ट ली जाती है। इसके बाद फायर बिग्रेड विभाग और पुलिस से अनुमति मिलने पर प्रशासन कार्यक्रम के लिए अनुमति प्रदान करता है। जब इतनी जांच पड़ताल होती है, तो किस स्तर पर लापरवाही बरती गई। इस मामले की जांच होनी चाहिए।
यहां बरती गई लापरवाही
- मंच के पास जो लाइटिंग स्टैंड लगाया गया, उसे प्रॉपर तरीके से लॉक नहीं किया गया।
- मंच के पास मिट्टी धूल की तरह भुरभुरी थी, कोई पक्की मिट्टी नहीं थी। स्टैंड को जमीन में नहीं गाड़ा गया।
- मौसम विभाग ने 16-17 अप्रैल को धूल भरी आंधी चलने का पूर्वानुमान बताया था।
- जब मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जता दिया था। तो लापरवाही क्यों बरती गई।
- जब आयोजन में इतनी भीड़ जुटनी थी, वीआईपी आने थे, तो सुरक्षा की पड़ताल क्यों नहीं की गई।
- लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, कि घायलों को ले जाने के लिए एम्बुलेंस तक की व्यवस्था नहीं थी।
- नियमानुसार पूरी पड़ताल करने के बाद ही अनुमति प्रदान की जाती है।
- जहां मंच बनाया गया था, वहां लगभग 300 लोगों का सीटिंग अरेजमेंट था।
पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। डीएम के आने के बाद कमेटी गठित कर जांच कराई जाएगी। जो भी शासन से सहायता मिलेगी। उसे मुहैया कराया जाएगा।
- अंजनी कुमार, एडीएम सिटी