कलक्ट्रेट में हेल्प डेस्क की दरकार, पानी के लिए परेशान, बंदरों का आतंक भी मुसीबत
आगरा(ब्यूरो)। कलक्ट्रेट पहुंचने वाले अधिकतर लोग विभागों की खोजने में परेशान रहते हैं। किसी कार्य से कलक्ट्रेट पहुंचे रामनिवास ने बताया कि अब तो अधिकतर सरकारी विभागों में हेल्प डेस्क बन चुकी है। लेकिन जिला मुख्यालय में इसका अभाव है। जिले के आला अधिकारी जहां बैठते हो, वहां इस तरह की अव्यवस्थाएं को जल्द दूर किया जाना चाहिए।
पेंशन कार्य से पहुंची विमला देवी ने बताया कि गर्मी में गला सूख गया है। पीने के पानी के लिए परिसर में कोई नल दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसे में मजबूरन पानी की बोतल खरीदनी पड़ी है। रामसेवक ने बताया कि परिसर में जो सार्वजनिक टॉयलेट हैं, वह काफी गंदे पड़े हैं। इनका यूज करना मुश्किल है। जिला मुख्यालय में इस तरह गंदगी होने से लोगों को परेशानी का भी सामना करना पड़ता है।
पानी
कलक्ट्रेट परिसर में आम लोगों के पानी पीने के लिए सिर्फ एक जगह प्वॉइंट दिखा। चार नल लगे हुए थे, लेकिन पानी ठंडा नहीं था। कुछ नलों में पानी भी नहीं आ रहा था।
परिसर में दो टॉयलेट हैं। दोनों में ही गंदगी थी। इस दौरान सबसे अधिक परेशानी का सामना महिला फरियादियों को करना पड़ता है। महिला टॉयलेट में तो ताला लगा था।
पार्किंग
परिसर में एमजी रोड से एंट्री करते ही पार्किंग एरिया है। यहां वाहनों की पार्किंग के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां वाहन खड़े करने की प्रॉपर व्यवस्था है।
कलक्ट्रेट परिसर में कई विभाग हैं। ऐसे में अधिकारियों के केबिन के बाहर लोगों के बैठने के लिए कुछ सिटिंग रहती है। लेकिन कलक्ट्रेट परिसर में कोई वेटिंग एरिया नहीं है। दिव्यांग
कलक्ट्रेट परिसर में दिव्यांगों के लिए कहीं भी व्हील चेयर नहीं दिखी। न ही परिसर में लिफ्ट है। ऐसे में दूसरी मंजिल पर बने कार्यालयों में पहुंचने वाले दिव्यांगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। अधिकारियों का व्यवहार
कलक्ट्रेट पहुंचे बुंदू कटरा निवासी रोहित ने बताया कि पटल पर पहुंचे तो अधिकारी गायब थे। लेकिन कुछ समय बाद आने पर उन्होंने हमारी शिकायत का समाधान कर दिया। हेेल्ड डेस्क
परिसर में हेल्प डेस्क का अभाव है। विभागों की जानकारी के लिए फरियादी भटकते रहते हैं। न तो कोई साइनेज और न ही जानकारी देने के लिए किसी तरह का बोर्ड लगा है। साफ सफाई
परिसर में साफ-सफाई रहती है। लेकिन सीढिय़ों पर जगह-जगह पान मसाले की पीक के निशान भी दिखाई देते हैं। जिन्हें साफ करे जाने की जरूरत है।
पब्लिक के वर्जन
कलक्ट्रेट में सबसे बड़ी परेशानी विभागों को ढंूढऩे की है। किसी अधिकारी का ऑफिस कहां है, इसको लेकर पूरे परिसर में न तो कोई साइनेज और न ही बोर्ड लगे हैं।
परिसर में टॉयलेट से लेकर पानी के पानी तक की दिक्कत है। जिला मुख्यालय में इस तरह की अव्यवस्थाओं को दूर किया जाना चाहिए।
जिले के प्रमुख अधिकारी यहां बैठते हैं, उस लिहाज से यहां सुविधाओं का अभाव है। दिव्यांगों से लेकर महिलाओं तक के लिए यहां सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत है। सोशल मीडिया कमेंट जिला मुख्यालय में कई तरह की अव्यवस्थाएं हैं। पानी तो हमेशा खरीदकर पीना पड़ता है। टॉयलेट काफी गंदे रहते हैं।
अनिल अगर कोई दिव्यांग किसी कार्य से कलक्ट्रेट पहुंचे तो उसे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। परिसर काफी बड़ा है, उसे हिसाब से दिव्यांगों के लिए सुविधा होनी चाहिए।
मुकेश सबसे अधिक तो कलक्ट्रेट में बंदरों का आतंक है। जो फरियादियों को भी परेशान करते हैं। उन पर हमला बोल देते हैं। डॉक्यूमेंट्स को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
राजेश 20 करीब कार्यालय हैं कलक्ट्रेट परिसर में
1000 लोगों का औसतन रोज होता है आवागमन