ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ की उदासीनता के चलते ट्रैक्टर ट्रॉली शहर में मौत बनकर दौड़ रहीं हैं. विभाग की इस लापरवाही का खामियाजा आम जन को अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा है.

आगरा(ब्यूरो)। Agra news : सड़कों पर हजारों की संख्या में ट्रैक्टर ट्रॉली बेलगाम हैं लेकिन विभाग में मात्र दस फीसदी ट्रैक्टर ट्रॉली का रजिस्टे्रशन है। इसी लापरवाही के कारण शमसाबाद में शुक्रवार को ट्रैक्टर-टॉली में सवार तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि ग्यारह से अधिक घायल हो गए।


इस तरह से रजिस्टर्ड हैं ट्रैक्टर ट्रॉली
ट्रैक्टर का परिवहन विभाग में दो तरह से रजिस्ट्रेशन है। कृषि के लिए 600 रुपए, व्यावसायिक के लिए 1500 रुपए फीस है। वहीं ट्रैक्टर की फिटनेस के लिए 11500रुपए फीस तय है। जिले में तीन सौ से अधिक ट्रैक्टर ट्राली व्यावसायिक के लिए रजिस्टर्ड हैं लेकिन इसके बाद सड़कों पर इनकी संख्या हजारों में नजर आती है। विभाग की लापरवाही से बेलगाम ट्रैक्टर ट्रॉली चालक बेखौफ दौड़ रहे हैं।

10 हजार रुपए का वसूला जाएगा जुर्माना
अपर पुलिस आयुक्त ट्रैफिक अरुन कुमार के निर्देश पर कई बार ट्रैफिक पुलिस की ओर से कार्रवाई के लिए अभियान चलाया जाता है लेकिन इसके बाद भी शहर और देहात में ट्रैक्टर ट्रॉली चालक बेलगाम हैं। ट्रैफिक इंस्पेक्टर आनंद ओझा का कहना है कि समय-समय पर मानकों को ताक पर रख चलने वाले वाहनों पर कार्रवाई की जाती है। अगर ट्रैक्टर की ट्रॉली में सवारियों को बैठाया जाता है तो दस हजार रुपए का जुर्माना वसूला जाता है।

ये है विभाग के निर्देश
ट्रैफिक इंस्पेक्टर आनंद ओझा ने बताया कि जिले में लोडिंग वाहनों, ट्रैक्टर ट्राली, डाला, डंपर पर सवारियों के लिए न इस्तेमाल किया जाए इसके लिए जागरूकता अभियान के साथ-साथ प्रवर्तन संबंधित कार्रवाई का निर्देश दिया गया। बिना परमिट के वाहन चलाने पर मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माना वसूलकर कार्रवाई की जाती है।


रजिस्ट्रेशन से अधिक सड़कों पर ट्रैक्टर-ट्रॉली
कृषि कार्य के बजाय कामर्शियल यूज में लगे ट्रैक्टर हादसे का कारण बन रहे हैं। परिवहन विभाग के अधिकारी धड़पकड़ के नाम पर खानापूर्ति करते हैं। शमसाबाद में हुए हादसे ने एक बार फिर परिवहन विभाग के प्रवर्तन दस्ते की लापरवाही उजागर कर दी है। जनपद की बात करें तो यहां रजिस्ट्रेशन से अधिक ट्रैक्टर शहर और देहात की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। वहीं इससे कई गुना अधिक ट्रैक्टर कृषि कार्य के बजाय बिल्डिंग मटेरियल सप्लाई कर रहे हैं। पुलिस और परिवहन विभाग की मिलीभगत से ये ट्रैक्टर राहगीरों के लिए हादसे का कारण बन गए हैं।


ट्रैक्टर ड्राइव के लिए रुल्स
-चालक पर हो भारी वाहन का लाइसेंस
-बिना सिक्योरिटी नंबर के दौड़ रहे ट्रैक्टर-ट्रॉली
-कृषि कार्य में कराना होगा ट्रैक्टर का रजिस्टे्रशन
-व्यावसायिक के लिए अलग से रजिस्ट्रेशन
-ट्रैक्टर के साथ ट्रॅाली का देना होता है ब्यौरा

ट्रैक्टर रजिस्ट्रेशन का शुल्क
-कृषि कार्य में इस्तेमाल करने पर
600 रुपए
-व्यावसायिक के लिए ट्रैक्टर का रजिस्टे्रशन
1500 रुपए
-ट्रैक्टर फिटनेस के लिए जमा शुल्क
11,500 रुपए
-जिले में रजिस्टर्ड ट्रैक्टर-ट्रॉली
300 से अधिक
-परिवहन विभाग में कृषि के लिए रजिस्टर्ड ट्रैक्टर
5000 से अधिक


मानकों की अनदेखी करने वाले वाहन चालकों पर समय-समय में कार्रवाई के लिए अभियान चलाया जाता है। नियमों का पालन नहीं करने वाले चालकों से जुर्माना वसूला जाता है।
अरुण कुमार, अपर पुलिस आयुक्त ट्रैफिक

Posted By: Inextlive