'पहले तीन आदर्श वार्ड बनाओ, फिर होगा भुगतान'
- डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन में मॉनिटरिंग नहीं होने से रोका गया भुगतान
- सिनर्जी टेलीमेटिक कंपनी कर रही टैग स्कैन करने का काम आगरा। नगर निगम में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है। इसके पीछे वजह ये है कि क्यूआर कोड टैग स्कैनर खराब पड़े हैं, जीपीएस काम नहीं कर रहा, सेंसरयुक्त डस्टबिन भी शोपीस बने हुए हैं। इस मामले में नगर आयुक्त निखिल टीकाराम फुंडे ने स्मार्ट सिटी कंपनी सिनर्जी टेलीमेटिक कंपनी का भुगतान रोक दिया है। कंपनी से तीन वार्डो को कूड़ा कलेक्शन को लेकर आदर्श वार्ड बनाने को कहा गया है। इसके बाद ही कंपनी को भुगतान किया जाएगा। डिवाइस स्कैनर फिर हो गए खराबनगर निगम के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत खरीदी गई 305 आरएफआईडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन डिवाइस) फिर से खराब हो गई। इससेघरों में लगाए गए क्यूआर कोड स्कैन नहीं हो पा रहे हैं। इसके चलते 3 लाख से ज्यादा घरों में लगे क्यूआर कोड कबाड़ साबित हो रहे हैं।
3 करोड़ से खरीदी गईआरएफआईडी तीन करोड़ रुपये से खरीदी गई थीं। शुरुआत में सॉफ्टवेयर के काम नहीं करने से बेकार साबित हुईं। इसके बाद इनको दोबारा सही कराया गया। फिर इसके बाद खराब हो गई। इसके चलते डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है।
कूड़ा कलेक्शन की मॉनिटरिंग के लिए व्यवस्था 440 डस्टबिन में चिप लगाए 144 गाडि़यों में जीपीएस सिस्टम 3 लाख से ज्यादा घरों में क्यूआर कोड लगे सभी व्यवस्थाएं हुई ध्वस्त शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए 18 करोड़ से मॉनिटरिंग व्यवस्था तैयार की गई। इसमें आरएफआईडी खरीदी गई। 305 डिवाइस एक महीने भी नहीं चल सकी। डेढ़ वर्ष में ये डिवाइस चार बार खराब हो चुकी है। इसके अलावा डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन कर कुबेरपुर लैंडफिल साइट जाने वाले वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया गया। डस्टबिन में चिप लगाई गई। कूड़े की मॉनिटरिंग के लिए सेनेटरी इंस्पेक्टर्स को रिस्ट वॉच दी गई। लेकिन, डिवाइस खराब होने से न तो क्यूआर कोड टैग हो सके और न ही जीपीएस कामयाब हो सका। डस्टबिन में चिप लगाई गई, लेकिन उसका लाभ नहीं मिल सका। दावा किया गया था कि उनमें कूड़ा उठने के बाद मोबाइल पर मैसेज से सूचना प्राप्त होगी। लेकिन, ये व्यवस्था धरातल पर नहीं आई। अब नगर निगम में सिनर्जी कंपनी का कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां कंपनी के इंजीनियर को बिठाया गया है। वर्जनअब आरएफआईडी में कोई खामी आती है, तो उसको कंट्रोल रूम में दिखाया जा सकता है। अब तीन वार्ड में ही कूड़ा कलेक्शन की मॉनिटिरंग की जाएगी। इनको आदर्श रूप में स्थापित किया जाएगा। इसके बाद अन्य वार्ड में कूड़ा कलेक्शन की मॉनिटरिंग की जाएगी।
आनंद मेनन, प्रोजेक्ट मैनेजर, स्मार्ट सिटी योजना किया गया खर्च (रुपये में) जीपीएस 1776029 क्यूआर टैग कमर्शियल 386287 सीसीटीवी कैमरा 22266950 आरएफआईडी रीडर 555341031 आरएफआईडी टैग कूड़ा 4241377 जीपीआरएस वेट ब्रिज 371486