आगरा. ब्यूरो ताजनगरी में मेट्रो निर्माण के दौरान लापरवाही बरतना यूपीएमआरसी को भारी पड़ सकता है. टीबीएम के दौरान यूटिलिटी लाइन से निकली मिट्टी को सीवर लाइन में डालने पर जलकल की ओर से सख्त रुख अख्तियार किया गया है. जलकल विभाग की ओर से सीवर लाइन की सफाई के लिए यूपीएमआरसी से साढ़े पांच लाख रुपए की डिमांड की गई है. इस राशि को जमा कराने के लिए सात दिन का समय दिया गया है.

जेई के निरीक्षण में हुई पुष्टि
आरबीएस क्रॉसिंग के पास एक अप्रैल को सड़क पर बही मिट्टी को मेट्रो की टीम ने सीवर लाइन बहा दिया गया था। जलकल जेई के निरीक्षण में भी इसकी पुष्टि हुई। जलकल अधिकारियों का कहना है कि टनल बोरिंग व अन्य कार्यों से निकली मिट्टी को सीधे सीवर लाइन में बहाया गया, जो उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों के विरुद्ध है। इससे सीवर लाइन चौक हो गई। बारिश के दौरान जलभराव होगा। इसको तत्काल साफ करने की आवश्यकता है। जिसमें 5.44 लाख का खर्चा आएगा। इस राशि को जमा करने के लिए यूपीएमआरसी को एक सप्ताह का समय दिया गया है।

हुआ क्या था
शहर में 30 किमी लंबा मेट्रो कॉरिडोर होगा। सिकंदरा तिराहा से टीडीआई मॉल तक पहला कॉरिडोर 14 किमी लंबा होगा। इसमें साढ़े सात किमी अंडरग्राउंड और साढ़े छह किमी एलिवेटिड ट्रैक होगा। यूपीएमआरसी की टीम ने एक महीने पहले खंदारी चौराहा के समीप स्थित उप निदेशक समाज कल्याण कार्यालय के पास से दो टनल बोङ्क्षरग मशीन को लॉन्च किया था। यह मशीनें 70 से 75 फीट की गहराई पर खोदाई कर रही हैं। टनल का व्यास छह मीटर है। 730 मीटर लंबे ट्रैक के अप लाइन में अब तक 580 मीटर और डाउन ट्रैक में 300 मीटर की खोदाई हो चुकी है। अप लाइन में 14 में 12 बोरवेल और रेन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग के पाइप, डाउन लाइन में दो बोरवेल हैं। छह माह पूर्व इन सभी को टीम ने बंद कर दिया है। शुक्रवार को शिवाजी टीबीएम से अप लाइन में खोदाई हो रही थी। लाजपत कुंज, सिविल लाइंस स्थित वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ। रवि सभरवाल के घर की रेन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग के पाइप से मटमैला फव्वारा फूट गया। यह 20 फीट की ऊंचाई तक गया। कई टन मिट्टी निकलने से पाइप से दो मीटर की दूरी पर खड़ी एक बुलेट और एक बाइक गिर पड़ीं। परिसर में मिट्टी फैलने लगी। डॉ। रवि ने टीम को इसकी जानकारी दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पाइप से इतनी अधिक मिट्टी निकली की रोड पर बहने लगी। यूपीएमआरसी की टीम पहुंच गई और मिट्टी की सफाई कराई गई। कंकरीट से पाइप को भर दिया गया। रात में टीम डेरा जमाए रही। शनिवार सुबह नौ बजे खोदाई चल रही थी। वरिष्ठ न्यूरो फिजीशियन डॉ। विकास बंसल के घर के बोरवेल से मिट्टी निकलने लगी। इससे टाइल्स टूट गई। कई टन मिट्टी परिसर में बहने लगी। चार इंच के बोरवेल से निकली मिट्टी बहकर रोड पर आ गई। एक घंटे तक मिट्टी निकलती रही। टीम ने आधे हिस्से की रोड को बंद कर दिया। इससे खंदारी-आरबीएस कॉलेज रोड पर बीस मिनट के लिए जाम लग गया। कई मरीज और तीमारदार गिरने से बच गए। भरतपुर हाउस सोसाइटी के अध्यक्ष अजय कंसल ने इसकी शिकायत पार्षद शरद चौहान से की। शरद चौहान नगर निगम और वबाग कंपनी की टीम के साथ मौके पर पहुंचे। सीवर लाइन में मिट्टी बहाने का विरोध किया। अधिकारियों से इसकी शिकायत की।

इसलिए निकली मिट्टी
भूमिगत मेट्रो ट्रैक के एलाइनमेंट में जो भी मकान, दुकानें या फिर मल्टीस्टोरी बिङ्क्षल्डग आती हैं। उन सभी को चिन्हित कर लिया जाता है। यह कार्य चार महीने पहले होता है। प्रत्येक मकानों या फिर अन्य में छह से 10 सेंसर लगाए जाते हैं। बोरवेल या फिर रेन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग के पाइप को बाहर निकाल दिया जाता है। कंकरीट की मोटी परत से पाइप को भर दिया जाता है। उसके समीप सेंसर भी लगाया जाता है। लाजपत कुंज के घरों में यह ठीक तरीके से नहीं किया गया। यूपीएमआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि 90 मीटर लंबी टीबीएम प्रेशर से मिट्टी का कटान करती है। विशेष तरीके का केमिकल और फोम का छिड़काव मशीन के कटर पर लगातार किया जाता है। पाइप ठीक से न भरा होने के चलते तेजी से मिट्टी बाहर निकलने लगी।

आसान नहीं होगी आगे की खोदाई
यूपीएमआरसी की टीम चार टीबीएम से भूमिगत ट्रैक की खोदाई कर रही है। आरबीएस कॉलेज से राजा की मंडी, आगरा कॉलेज होते हुए ट्रैक बिजलीघर बस डिपो के सामने स्थित मन:कामेश्वर मेट्रो स्टेशन से जाकर मिलेगा। राजा की मंडी और आगरा कॉलेज, एसएन मेडिकल कॉलेज और इनके आसपास के क्षेत्र में पुराने भवन हैं। ऐसे में इस हिस्से में खोदाई आसान नहीं होगी। खासकर इन क्षेत्रों से पानी की पुरानी पाइप लाइन भी गुजरी हैं।


हमारे संज्ञान में ऐसा कोई नोटिस नहीं है। नोटिस मिलने पर जवाब दिया जाएगा।
पंचानन मिश्रा, डीजीएम, जनसंपर्क

उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों के विरुद्ध कार्य चल रहा था। क्षेत्रीय जेई द्वारा निरीक्षण किया गया। सीवर लाइन में मिट्टी डालने, चोक करने की पुष्टि की गई। सीवर लाइनों को साफ करने की आवश्यकता है। ऐसा नहीं हुआ तो बारिश में क्षेत्र में जलभराव होगा। मेट्रो रेल कारपोरेशन के उप मुख्य अभियंता को पत्र लिखकर 800 मीटर लाइन की सफाई में व्यय होने वाली धनराशि 5.44 लाख की मांग की गई है।
कुलदीप सिंह, जीएम, जलकल


मेट्रो निर्माण में कई बार लापरवाही आई सामने

1. 31 अक्टूबर 2022
फतेहाबाद रोड स्थित मुगल पुलिया के पास निर्माणाधीन मेट्रो ट्रैक पर सुबह बड़ा हादसा टल गया। पोर्टल बीम के जैक से छल्ला निकलकर कई फुट नीचे आ गिरा। नजदीक ही स्थित एटीएम के दरवाजे का कांच भी टूट गया, जिससे एक युवक घायल हो गया। इस घटना से लगभग 10 मिनट तक अफरातफरी का माहौल बना रहा। गनीमत रही हादसे सुबह के समय हुआ था। रोड पर सामान्य की अपेक्षा कम फुटफॉल था। उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) अधिकारियों ने घटना की जांच कराने की बात कही थी।


2. 11 मार्च 2024
फतेहाबाद रोड स्थित एलिवेटेड मेट्रो ट्रैक के पिलर से रात में बिजली का तार टूट गया। टूटे तार में एक युवक की बाइक का हैंडल उलझ गया। करंट के झटके से युवक 25 फीट दूर जाकर गिरा और 15 फीट से अधिक दूरी तक घिसट गया। घटना से युवक के पैर और कमर में चोट आइ। लोगों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं टूटे तार में करंट आने से छह लोगों को झटका लगा। इससे मौके पर चीख पुकार मच गई। दो लोगों के हाथ भी झुलस गए। तार के पास बैरीकेङ्क्षडग की गई। लोगों ने घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल करते हुए उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) द्वारा कराए गए कार्य पर सवालिया निशान लगाए थे।

3. 29 मार्च 2024
टीबीएम की खोदाई के दौरान आरबीएस चौराहे के पास जमीन से मटमैला फव्वारा फूट पड़ा। मकानों और सड़क पर मिट्टी जमा हो गई। मौके पर पहुंची टीम ने मिट्टी को ही सीवर लाइन में बहा दिया। इससे सीवर लाइन चौक हो गई। जलकल ने इसी को लेकर मेट्रो को लेटर जारी किया है।

Posted By: Inextlive