हमारा सबकुछ बर्बाद हो चुका है. अब नए सिरे से जिंदगी शुरू करने का प्रयास कर रहे हैं. प्रशासन की ओर से जो आवास दिए जा रहे हैं वह काफी दूर हैं और अस्थाई तौर पर दिए जा रहे हैं. अधिकारी कह रहे हैं कि कुछ दिन बाद इन आवास को खाली करना पड़ेगा. गधापाड़ा स्थित शेल्टर होम में रह रहे टीला माईथान पीडि़तों ने कुछ ऐसा ही दर्द बयां किया.

आगरा(ब्यूरो)। टीला माईथान में हुए हादसे के बाद पीडि़तों को डूडा की ओर से शास्त्रीपुरम स्थित बीएसयूपी आवास आवंटित किए गए थे। जब पीडि़ता प्राची शर्मा, आरती शर्मा हाल ही में आवास पर गईं तो वहां मकान के कब्जेदारों ने कागज दिखाते हुए आवास को अपना बताया। इसके बाद वह लौट आर्ईं थीं। गुरुवार को वह डूडा विभाग व अन्य अधिकारियों के साथ दोबारा शास्त्रीपुरम स्थित बीएसयूपी आवास पर पहुंची। मृतक बच्ची रूशाली की मां प्राची शर्मा ने बताया कि अधिकारियों की ओर से जो आवास दिए हैं, वह अस्थाई रूप से दिए जा रहे हैं। कुछ समय बाद उन्हें इन आवास को खाली करना पड़ेगा। ऐसा अधिकारियों ने बताया।

शास्त्रीपुरम में जो आवास हैं उनकी कंडीशन खराब
पीडि़तों ने बताया कि शास्त्रीपुरम में जो आवास हैं, वह इस कंडीशन में नहीं हैं कि सीधा जाकर उनमें रहा जाए। वहां रहने से पहले उन आवासों में मरम्मत और अन्य कार्य कराने पड़ेंगे। आवास में पैसा भी लगा दिया जाए और बाद में खाली भी करना पड़े तो क्या फायदा। ऐसे में पीडि़तों ने आवासों में रहने से इंकार कर दिया।

नियमों में उलझ रही मदद
अधिकारियों की मानें तो टीला माईथान पीडि़तों के पास आवास थे, जो धराशाई हो गए हैं। उनके पास इन जमीनों की रजिस्ट्री भी होगी। जो परिवार हैं वह गरीबी रेखा से नीचे नहीं हैं। ऐसे में बीएसयूपी आवास के लिए जो क्राइटेरिया है, उसे पूरा नहीं करते हैं। उन्हें ये आवास अस्थाई रूप पर दिए जा रहे हैं। बाद में जब उन्हें उनकी जमीन या फिर मुआवजा मिल जाएगा तो उन्हें इन आवासों को खाली करना पड़ेगा।

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हमें यहां नहीं रहना
'शास्त्रीपुरम में फ्लैट आवंटित किए थे जो कि हमारे लिए बहुत दूर है। बच्चों की पढ़ाई और पति की जॉब, दोनों में परेशानी होगी। कृपया हमें रसोई किट देकर शेल्टर होम में रहने की अनुमति दी जाए.Ó पीडि़तों की ओर से दिए परियोजना अधिकारी, डूडा को लिखकर दिए गए लेटर।

टीला माईथान में क्या हुआ?
घटिया आजम खां रोड पर सिटी स्टेशन के पास सड़क किनारे एक धर्मशाला को तोड़ा जा रहा था। इसे तोड़कर कमर्शियल कॉम्पलैक्स बनाने की तैयारी थी। धर्मशाला को तोड़कर बेसमेंट की खोदाई की जा रही थी। तभी 26 जनवरी को अचानक से धर्मशाला के पीछे सटकर टीला माईथान पर बने छह आवास ढह गए। इनमें विवेक और उनकी बेटी वैदेही मलबे में दब गए थे। उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। जबकि एक बेटी रूशाली की मौत हो गई थी। पूरा टीला हिल गया था। मकानों में दरारें आ गईं थीं। मकानों पर लाल निशान लगाकर खाली करा लिए गए थे। हाल ही में मकानों में लोग वापस लौटे। मामले में पुलिस ने धर्मशाला में निर्माण करा रहे जिम्मेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। जिन लोगों के आवास धराशाई हुए उनमें से तीन परिवार अब गधापाड़ा स्थित शेल्टर होम में रह रहे हैं। जबकि अन्य परिवार अपने परिजनों और अन्य स्थानों पर शिफ्ट हो चुके हैं।

जख्म भरा, निशान अब भी कायम
हादसे में घायल हुए विवेक शर्मा को हॉस्पिटल से फस्र्ट वीक में छुट्टी मिली है। अब वह शेल्टर होम में परिवार के साथ रह रहे हैं। शोल्डर में जो चोट लगी है, वह अब भी ठीक नहीं हुई है। सिर पर जख्म भर गया है, लेकिन चोट का निशान अब भी साफ दिख रहा है।

शेल्टर में रह रहे परिवार
मुकेश शर्मा
मालती शर्मा
विवेक शर्मा
प्राची शर्मा
वैदेही
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आरती शर्मा
खुशबू
शिवम
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शांति
चिराग
प्रवीन
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पीडि़तों से कई बार आवास में जाने के लिए कहा गया है। पीडि़तों की हर संभव मदद की जाएगी।
आनंद कुमार सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट

Posted By: Inextlive