DEVDUTT पद्मश्री व पद्म विभूषण से सम्मानित पर्यावरणविद् डॉ. अनिल प्रकाश जोशी मुंबई से देहरादून की अपनी साइकिल यात्रा के दौरान शनिवार को आगरा के डॉ. एमपीएस इंस्टीट्यूट पहुंचे. यहां पर वह इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स से मुखातिब हुए. उन्होंने स्टूडेंट्स ने कहा कि प्रगति के साथ प्रकृति का भी ध्यान रखें. क्योंकि विकास की आंधी में हम प्रकृति का दोहन कर रहे हैैं. हमें प्रगति के साथ प्रकृति का भी ध्यान रखना होगा. डॉ. जोशी गढ़वाल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहे हैैं. जैसे एक टीचर अपने स्टूडेंट्स को डांटता है प्यार करता है ठीक उसी अंदाज में सभी को प्रकृति और मानव को बचाने का संदेश दिया.

आगरा। डॉ। जोशी ने स्टूडेंट्स से कहा कि आप सभी मुझे सुन रहे हैैं। यह आपको बाध्यकारी लग रहा होगा। उन्होंने इस बात को अपने बचपन के किस्से का उदाहरण देकर बताया। डॉ। जोशी ने कहा कि जब वे छात्र थे तब उनके गुरु ने आश्रम में आने वाले ज्ञानी के व्याख्यान को सुनने के लिए रोका। तब उन्हें लगा कि इस कारण वह खेलने नहीं जा पाएंगे। लेकिन ज्ञानी पुरुष ने जब व्याख्यान में कहा कि आज मैैं हूं कल नहीं रहूंगा। इन शब्दों से डॉ। जोशी के मन में चेतना जागी और उन्होंने ध्यान से उन ज्ञानी पुरूष की बातों को सुना।

हमने नदी में स्वच्छ जल भेजा था
डॉ। जोशी ने कहा कि मैैं पहाड़ का वासी हूं। मैंने बचपन से प्रकृति को देखा है। हम पहाड़ से स्वच्छ जल नदी में भेजते हैैं। आप यहां पर उस स्वच्छ व निर्मल जल को दूषित कर देते हैैं। गंगा हो या यमुना आप देखिए आज इनकी क्या हालत है। आपने इनको मैला कर दिया है। स्वच्छ जल को काला कर दिया है। आपको नदियों के नजदीक जाना चाहिए उनकी दुर्दशा को देखना चाहिए।

ईश्वर से पहले करें प्रकृति की पूजा
डॉ। जोशी ने कहा कि हम सभी ने खूब तरक्की कर ली है। अच्छे कपड़े, अच्छी गाडिय़ां हम सभी के पास है। विकास के पथ पर हम तेजी से दौड़ रहे हैैं। लेकिन क्या आप पंद्रह मिनट के लिए सांस लेना बंद कर सकते हैैं। दस मिनट या पांच मिनट भी सांस लेना छोड़ सकते हैैं। यदि आपको आपकी सबसे चहेती चीज दी जाए, फिर भी आप पांच मिनट भी सांस लेना नहीं छोड़ेंगे। क्योंकि यदि सांस बंद हो गई तो सारा विकास धरा रह जाएगा। डॉ। जोशी ने कहा कि हमने अपने ईश्वर को घरों में और पूजा आलयों में कैद कर लिया है। सुबह उनकी पूजना-अर्चना करते हैैं और सब उनके ऊपर ही छोड़ देते हैैं। लेकिन क्या आपने आपके सामने नजर आने वाली प्रकृति की कभी पूजा की है। उसको बचाने के प्रयास किए हैैं। यदि पेड़-पौधे, जल, साफ हवा नहीं रहेगी तो जीवन ही खत्म हो जाएगा। यदि यह खत्म हो गया तो सब कुछ खत्म हो जाएगा। इसलिए पहले नजर आने वाली प्रकृति की पूजा करें बाद में ईश्वर की पूजा करें।

यात्राओं से देश को समझा
डॉ। जोशी ने कहा कि यह उनकी चौथी यात्रा है। यात्राओं के जरिए ही उन्होंने देश को समझा और जाना है। उन्होंने पहली यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक की थी। इसके बाद कश्मीर से उत्तराखंड तक यात्रा की। इसके बाद सिलीगुड़ी से उत्तराखंड तक यात्रा की और अब मुंबई से उत्तराखंड तक की यात्रा कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि उनकी हर यात्रा पर्यावरण, पारिस्थितिकी और प्रकृति ही रही है। उन्होंने कहा कि यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी कमाई है।

मोबाइल के हो गए गुलाम
डॉ। जोशी ने डांटते हुए कहा कि आप सभी छोटे से डिब्बे (मोबाइल) के गुलाम हो गए हो। बिना मोबाइल के यदि आप चार दिन रहें तो हॉस्पिटल जाने की नौबत आ सकती है। आप हर काम गूगल से पूछकर कर रहे हैैं। तकनीकी ने आपको इतना अधिक जकड़ लिया है। कुछ समय मोबाइल को छोड़कर प्रकृति के साथ बिताइए। इससे आपका खुद का विकास होगा। सबसे ज्यादा तेज आपका खुद का दिमाग है। गूगल का नहीं।

जीपीएस नहीं पीपीके
डॉ। जोशी ने अपनी यात्रा का वाकया बताते हुए कहा कि मेरे साथी अपने मोबाइल में जीपीएस( ग्लोबल पॉजिशनिंग सिस्टम) का यूज करते हैैं। मैैं उनसे कहता हूं कि आप जीपीएस नहीं पीपीके (पूछ-पूछ-के) यूज करें। जीपीएस आपको भटका देगा, पीपीके नहीं। पीपीके यूज करने से आप रास्ते में आने वाले लोगों से मुखातिब हो पाएंगे। उनको जान और समझ पाएंगे।


डॉ। जोशी से प्रेरणा लेने की जरूरत
डॉ। एमपीएस ग्रुप के चेयरपर्सन स्क्वाड्रन लीडर डॉ। एके सिंह ने स्मृति चिन्ह देकर डॉ। अनिल प्रकाश जोशी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि डॉ। जोशी से हम सभी को प्रकृति सरंक्षण की प्रेरणा मिलती है। संस्कृति यूनिवर्सिटी के अधिष्ठाता डॉ। रजनीश त्यागी ने देश में यात्राओं के महत्व पर प्रकाश डाला। इस दौरान डॉ। अनूप गोयल, डॉ। एमपीएस वल्र्ड स्कूल की वाइस प्रिंसिपल रितु सिंह, डीन एकेडमिक विकास शर्मा, हिमांशु आर्या सहित अन्य मौजूद रहे। संचालन डॉ। प्रबल प्रताप सिंह ने किया।
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साइकिल दल में यह हैैं शामिल
मुकुल कुमार, राजीव कुमार, ऋषभ भट्टï, दिनेश रावत, गितांशु जोशी, चंदन सिंह बोरा, आकाश चतुर्वेदी, दीपिका, श्रुति रावत, शालिनी नेगी, अनिल डंगवाल, देवेश, प्रमोद।

Posted By: Inextlive