दो महिलाओं पर तेंदुआ ने बोला हमला, घायल
आगरा(ब्यूरो)। चंबल नदी के बीहड़ किनारे बसे गांव में बीते दिनों से तेंदुआ का आतंक लगातार बना हुआ है। एक माह से लगातार चंबल बीहड़ किनारे बसे गांव में तेंदुआ रात के अंधेरे में ग्रामीण और पशुओं को अपना शिकार बनाता है। लगातार यह तीसरी घटना है कि लोग घायल हुए हैं। महंगोली, करकौली, पडुआपुरा, रेहा, मनसुखपुरा, रनूपुरा, मेदीपुरा आदि गांव में तेंदुआ और दर्जनों पशुओं को अपना शिकार बनाकर मौत के घाट उतार चुका है। गांव के ग्रामीणों में भारी दहशत व्याप्त हो गई थी।
डीएफओ ने की थी कांबिंग
सूचना पर डीएफओ आगरा आयुषी मिश्रा सहित रेंजर बाह उदय प्रताप सिसोदिया ने वन विभाग की टीम के साथ चंबल के बीहड़ में पिछले दोनों कांबिंग की थी। कई जगह वन विभाग की ओर से तेंदुआ को पकडऩे के लिए जाल लगाकर सीसीटीवी कैमरे ड्रोन कैमरे की मदद ली गई थी। लेकिन विभागीय टीम को कोई कामयाबी नहीं मिल सकी थी। बृहस्पतिवार की देर शाम को महिला सुधा (30) पत्नी राकेश एवं सोनम (35) पत्नी रामपाल गांव पलोंखरा थाना मनसुखपुरा पिनाहट गांव के ही पास खेतों में शौच के लिए गई थी। तभी शौच के दौरान तेंदुआ ने दोनों पर हमला बोल दिया। और खेत में खींचने का प्रयास किया। जानवर से अपने आप को बचाने के लिए महिलाएं भिड़ गईं। इस पर तेंदुआ ने महिलाओं के शरीर पर पंजे मार दिए इससे वह घायल हो गईं। आवाज सुनकर गांव के ग्रामीण और परिजन एकत्रित हो गए। लाठी-डंडे लेकर तेंदुआ को जंगल की तरफ खदेड़ दिया और महिलाओं की जान बचाई। परिजनों ने घायल अवस्था में दोनों महिलाओं को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया जहां उनका इलाज किया गया है। लगातार हो रहे तेंदुए के हमले से ग्रामीण दहशत व्याप्त है।
मौके पर पहुंंचे वनकर्मी
मामले में वन विभाग को सूचना दी गई वनकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी दी और आसपास के खेतों एवं जंगल में कांबिंग की गई मगर जानवर हाथ नहीं लग सका है। वनकर्मियों द्वारा ग्रामीणों को रात के समय घर से बाहर खेतों की तरफ एवं जंगल की तरफ नहीं जाने के लिए चेतावनी दिए हैं। लगातार जागरूक किया जा रहा है। वहीं ग्रामीणों ने खतरनाक जानवर को पकड़वाने की मांग की है।