कीठम झील : ईको सेंसिटिव जोन के नाम पर मजाक, अवैध निर्माण पर वन कटान पर लग सकेगा अंकुश
आगरा(ब्यूरो)। पर्यावरण एक्टिविस्ट डॉ। देवाशीष भट्टाचार्य ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने दो महीने पहले ही सूर सरोवर पक्षी विहार का क्षेत्रफल निर्धारण कर दिया था। भारत सरकार एवं उप्र सरकार को निर्देश दिया था कि नया क्षेत्रफल लागू करते हुए नए ईको सेंसिटिव जोन का निर्धारण किया जाए। नया क्षेत्रफल और सेंसिटिव जोन लागू हो जाता है तो अवैध निर्माण पर पूरी तरह अंकुश लग जाएगा। इसके साथ ही वन्य जीवों को शिकारियों का खतरा भी दूर हो सकेगा। वनों के किए जा रहे अवैध कटान पर भी रोक लग जाती। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं। इससे काफी नुकसान हो रहा है।
ये मिला जवाब
उप वन संरक्षक सूर सरोवर राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी प्रोजेक्ट ने 28 नवंबर 2022 को जवाब दिया कि सूर सरोवर पक्षी विहार कीठम का क्षेत्रफल 403.09 हेक्टेयर है। इसमें कोई संशोधन नहीं किया गया है। कीठम का ईको सेंसिटिव जोन पक्षी विहार के चारों ओर एक किमी में स्थित है। आगरा ट्रेड सेंटर ग्राम सींगना सूर सरोवर पक्षी विहार कीठम के ईको सेंसिटिव जोन में स्थित है।
10 किमी का होगा ईएसजेड
डॉ। देवाशीष भट््टाचार्य ने बताया कि वाइल्ड लाइफ बोर्ड जब तक ईको सेंसिटिव जोन का निर्धारण नहीं कर देती, तब तक ईको सेंसिटिव जोन 10 किमी होगा, क्योंकि अभी निर्धारण नहीं हुआ है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट का निर्देश भी है।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से सूर सरोवर पक्षी विहार का क्षेत्रफल निर्धारण कर दिया गया था। केंद्र और प्रदेश सरकार को इस पर गंभीरता दिखाते हुए नए ईको सेंसिटिव जोन का निर्धारण कर देना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसमें वनों का अवैध कटान जारी है। साथ ही अवैध शिकार हो रहे हैं। इस संबंध में मैंने प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखा है। मामले में तत्काल एक्शन लेने की मांग की है।
- डॉ। देवाशीष भट््टाचार्य, पर्यावरण एक्टिविस्ट