बच्चों पर अटैक कर रहा पीलिया, बुखार और उल्टी के मरीज बढ़े
आगरा(ब्यूरो)। एसएन मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और प्राइवेट हॉस्पिटलों में गंभीर हालत में पहुंच रहे टाइफाइड से पीडि़त बच्चों को एडमिट करना पड़ रहा है। एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ। नीरज यादव ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से बुखार के साथ उल्टी और पेट दर्द के मरीज बढ़ रहे हैं। दूषित पानी और खाद्य पदार्थ का सेवन करने से टाइफाइड और पीलिया से पीडि़त बच्चों की संख्या बढऩे लगी है। वार्ड में एडमिट बच्चों में 20 परसेंट टाइफाइड से पीडि़त हैं। उन्होंने बताया कि बुखार आने पर बच्चों को पैरेंट्स पैरासीटामोल देते हैैं। बुखार कम हो जाता है, लेकिन उतरता नहीं है। इससे छह से सात दिन बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ रही है, उल्टी होने से पानी की कमी होने पर बच्चे एडमिट किए जा रहे हैं।
तीन दिन से ज्यादा बुखार हो तो दिखाएं
जिला अस्पताल में भी उल्टी और बुखार से पीडि़त बच्चे भर्ती हो रहे हैं। इंडियन एकेडमी ऑफ पिडियाट्रिक्स आईएपी आगरा के प्रेसिडेंट डॉ। अरुण जैन ने बताया कि टाइफाइड से पीडि़त बच्चों को एंटीबायोटिक दी जाती हैं। पैरासीटामोल देने से बच्चे ठीक नहीं होते है, तबीयत बिगडऩे लगती है। पीलिया में हल्का बुखार आता है पैरेंट्स इसे नजरअंदाज कर देते हैैं। इस मौसम में बच्चे को तीन दिन से ज्यादा का बुखार हो तो डॉक्टर से परामर्श ले लेना चाहिए।
- एक सप्ताह तक ज्यादा का बुखार
-उल्टी, पेट में दर्द और पेट फूलना
- जीभ सफेद होना, शरीर पर दाने निकलना, कमजोरी होना पीलिया के लक्षण
- हल्का बुखार और भूख नहीं लगना
- खाना देखते ही ऐसा लगना कि उल्टी हो सकती है
- आंख और पेशाब का रंग पीला
बच्चों को बुखार, पेटदर्द और उल्टी की समस्या बढ़ रही है। तबियत बिगडऩे पर बच्चों को एडमिट करना पड़ रहा है। जांच कराने पर टाइफाइड या पीलिया की पुष्टि हो रही है।
- डॉ। नीरज यादव, एचओडी, बालरोग विभाग एसएन मेडिकल कॉलेज बच्चों को तीन से ज्यादा समय तक बुखार आए तो डॉक्टर को दिखाएं। पैरेंट्स बुखार आने पर पैरासीटामोल दे देते हैैं। इससे बुखार में आराम होता है। लेकिन इंफेक्शन कम नहीं होता है। - डॉ। अरुण जैन, प्रेसिडेंट, आईएपी