आगरा. ताजनगरी के आसमान में मंगलवार को लड़ाकू विमानों की गर्जना सुनाई दी. युद्ध अभ्यास करते हुए भारतीय वायु सेना के जवानों ने शौर्य का दम दिखाया. इसको देखने के लिए खुद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आगरा पहुंचे. यहां उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यहां जब मैं एक प्लेटफ ॉर्म पर सबको एक्सरसाइज करते देख रहा हूं. मुझे अच्छा महसूस हो रहा है. अब आप सब नवनिर्माण की राह में आगे बढ़ रहे हैं. पिछले कुछ समय में भारत की ताकत लगातार बढ़ रही है.दुनिया में आपदा से निपटने में भारत गुरु बनेगा. राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर नाव में बड़ी संख्या में लोग सवार हैं और उसमें छेद हो जाता है तो किसी एक की जिम्मेदारी नहीं है कि वह बचाव कार्य करे. बल्कि हर किसी की जिम्मेदारी है कि वह नाव के छेद को भरने का कार्य करे. भारत हर तरीके की आपदा से निपटने में पूरी तरह से सक्षम है. आसियान देशों की भी हर तरीके से मदद कर रहा है. संयुक्त रूप से कार्य करने से आपदा से निपटने में आसानी रहती है. भारत में सुरक्षा लगातार बढ़ रही है क्योंकि वर्तमान परिवेश में किसी भी तरीके की दैवी आपदा से निपटने का पुख्ता प्लान होना जरूरी. सुनामी हो या फिर भूकंप या अन्य किसी तरीके की आपदा सभी देशों की हर तरीके से मदद करेगा. इसकी वजह यह है कि अगर समय रहते आपदा की जानकारी प्राप्त हो जाएगी तो बचाव कार्य शुरू किया जा सकता है.

इन देशों के डेलीगेट्स रहे मौजूद
- इंडोनेशिया
- मलेशिया
- फिलीपींस
- थाईलैंड
- म्यांमार
- वियतनाम
- ब्रूनेई
- लाओस
- कंबोडिया
देशों के डेलीगेट्स भी मेगा शो देखने पहुंचे हैं। आकाश गंगा की टीम ने 1000 फीट से ऊपर ऊंचाई पर जाकर और पैराशूट की मदद से जंप की। आपदा के व1त कैसे रेस्क्यू करना है, ये भी अभ्यास किया जा रहा है.

इन एयरक्राफ्ट ने दिखाए करतब
- सुखोई
- चिनूक
- चीता हेलीकॉप्टर
- आईएल-76
- एएन-32
- सी-17 ग्लोबमास्टर
- सर्विलांस हेलीकॉप्टर डॉनियर
- प्रचंड लाइट कॉमबैट हेलीकॉप्टर
- सी1- 30 मालवाहक विमान

आगरा एयरफोर्स स्टेशन में 28 से 30 नवंबर तक समन्वय-2022 आयोजित किया जा रहा है। इसमें विभिन्न सशस्त्र बलों और विभिन्न एजेंसियां के अधिकारी व विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं। अभ्यास के दूसरे दिन मंगलवार को दैवीय आपदा से निपटने के तरीके पर भी चर्चा की जाएगी। ये आयोजन करीब डेढ़ घंटे चलेगा। एक ही छत के नीचे आपदा राहत का प्लान तैयार किया गया। इसमें भूकम्प, बाढ़ और भूस्खलन शामिल होगा। मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) पर भी विचार विमर्श हुआ। इस दौरान उप्र राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ले। जनरल रविंद्र साही सहित अन्य मौजूद रहे।

ये विभाग भी कर रहे पार्टिसिपेट
- नागरिक प्रशासन
- सशस्त्र बल
- एनडीआरएफ
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम)
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ)
- सीमा सड़क संगठन (बीआरओ)
- भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी)
- भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआइएस)

Posted By: Inextlive