यूपी बोर्ड का इंटरमीडिएट बायोलॉजी और मैथ सब्जेक्ट्स का क्वेश्चन पेपर गुरुवार को एग्जाम शुरू होने के एक घंटे बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. दोनों क्वेश्चन पेपर के फोटो स्कूल एसोसिएशन के एक व्हाट्सएप ग्रुप पोस्ट किए गए जो तत्कालीन डीआईओएस की ओर से तैयार कराया गया था.


अरूण पाराशर
आगरा(ब्यूरो)। बाद में जानकारी होने पर ग्रुप से क्वेश्चन पेपर डिलीट कर दिए गए, लेकिन तब तक ये सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके थे। जिस तरीके से स्कूल ऑफिशियल की ओर से व्हाट्सएप पर क्वेश्चन पेपर के फोटो पोस्ट किए गए, उससे आशंका जताई जा रही है कि पेपर आउट कराया गया था, लेकिन गलत ग्रुप पर फोटो जाने से सारा खेल बिगड़ गया।

छोड़ दिया ग्रुप, नंबर भी बंद
एग्जाम सेकेंड शिफ्ट में दोपहर दो बजे शुरू हुआ। दोपहर 3:11 बजे ऑल ङ्क्षप्रसिपल आगरा नामक ग्रुप पर विनय चौधरी नामक व्यक्ति ने व्हाट््सएप नंबर 9897525748 से दोनों क्वेश्चन पेपर की फोटो डाली। विनय चौधरी फतेहपुर सीकरी क्षेत्र के गांव रिझौली के अतर ङ्क्षसह इंटर कॉलेज में कंप्यूटर आपरेटर है। क्वेश्चन पेपर ग्रुप पर डालने के पांच मिनट बाद ही उन्हें विनय चौधरी ने डिलीट कर दिया। तब तक क्वेश्चन पेपर सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। इसकी भनक लगते ही विनय चौधरी ने तुरंत ग्रुप छोड़ दिया और अपना फोन नंबर भी बंद कर लिया।

ग्रुप में 991 मेंबर्स
बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि दोनों क्वेश्चन पेपर परीक्षा शुरू होने के सवा घंटे बाद वायरल हुए। स्टूडेंट्स सवा घंटे परीक्षा दे चुके थे। क्वेश्चन पेपर वायरल किया गया, उसकी हल आंसर कॉपी केंद्रों पर नहीं पहुंचीं। इसलिए इससे किसी परीक्षार्थी को कोई लाभ नहीं हुआ है। यदि परीक्षा प्रारंभ होने के पहले वायरल होता, तो क्वेश्चन पेपर लीक माना जाता। ऑल ङ्क्षप्रसिपल आगरा ग्रुप को पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार ने तैयार कराया था, जिसमें वर्तमान में 991 सदस्य हैं। उनके ट्रांसफर के बाद भी ग्रुप सक्रिय रहा और स्कूल मैनेजर्स के साथ इसमें शिक्षक, मीडियाकर्मी, स्कूलों से जुड़े लोगों के साथ अन्य लोग भी जुड़े हैं।

गलती से ग्रुप पर पोस्ट हो गए क्या?
ग्रुप से फोटो भले डिलीट कर दिए गए, लेकिन अन्य सदस्यों ने क्वेश्चन पेपर के फोटो अपने पास सेव कर लिए। उन फोटो में नीचे की तरफ लिखे वाटरमार्क में भी फोन के मॉडल के साथ विनय चौधरी का ही नाम प्रदर्शित हो रहा है। इससे आशंका है कि यह फोटो विनय चौधरी नामक व्यक्ति ने ही खींचे थे। चर्चा रही कि कहीं प्रश्नपत्र हल करने के लिए केंद्र के बाहर व्हाट्सएप के माध्यम से तो नहीं भेजा गया था, जो गलती से ऑल ङ्क्षप्रसिपल आगरा ग्रुप पर पोस्ट हो गया। गलती पता चलने पर जब तक उन्हें हटाया, यह वायरल हो गया। हकीकत क्या है, जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

इन सवालों के जवाब तलाशना जरूरी

1. यूपी बोर्ड परीक्षा को नकलविहीन कराने के लिए पुख्ता व्यवस्था के दावे किए गए। सीसीटीवी कैमरे, रिकॉर्डर की निगरानी में क्वेश्चन पेपर के पैकेट खोले गए। मोबाइल फोन केंद्र में प्रतिबंधित किया गया। ऐसे में क्वेश्चन पेपर का फोटो व्हाट्सएप ग्रुप पर कैसे आ गया?

2. जब सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता थी, केंद्र व्यवस्थापक के साथ अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक और स्टेटिक मजिस्ट्रेट के साथ पुलिसकर्मी भी तैनात थे, तो वह क्वेश्चन पेपर के फोटो कैसे क्लिक कर लिए गए?

3. क्या पूर्व के एग्जाम में भी क्वेश्चन पेपर के फोटो इसी तरह क्लिक किए गए?

4. नकल कराने के लिए क्वेश्चन पेपर के फोटो कहीं और भेजे जाने थे? गलती से ग्रुप पर पोस्ट हो गए?

यह रही चर्चा
क्वेश्चन पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो चर्चा होने लगी कि क्वेश्चन पेपर लीक हो गया। लेकिन क्वेश्चन पेपर की फोटो में विनय चौधरी के नाम का वाटर मार्क देखकर चर्चा होने लगी कि क्वेश्चन पेपर को बाहर से हल कराने के उद्देश्य से वाट््सएप के माध्यम से भेजा जा रहा था, जो गलती से ऑल ङ्क्षप्रसिपल आगरा ग्रुप पर पोस्ट हो गया। गलती पता चलने पर जब तक उसने उन्हें हटाया, यह वायरल हो गया। हकीकत क्या है, जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

हमने पूरी मेहनत की थी और परीक्षा भी अच्छी हुई लेकिन प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्र वायरल होने के बाद डर लग रहा है कहीं परीक्षा रद न कर दी जाए।
एकता कश्यप, परीक्षार्थी, इंटर.

इतनी मेहनत से हमने तैयारी की थी। अब परीक्षा रद होगी, तो अगली परीक्षा और अधिक मुश्किल होगी। इसमें हमारी क्या गलती है। परीक्षा रद नहीं होनी चाहिए।
दीप्ति, परीक्षार्थी, इंटर.

यदि सीसीटीवी कैमरों और इतने तामझाम के बाद भी प्रश्नपत्र लीक हो रहे हैं, तो फिर किस पर भरोसा करें। मेहनत करने वाले विद्यार्थी प्रभावित होंगे।
अरुण, परीक्षार्थी, इंटर.

अपनी मेहनत के दम पर परीक्षा देने वाले विद्यार्थी ही परेशान होंगे। जिन्होंने मेहनत नहीं की, उन्हें अधिक फर्क नहीं पड़ेगा। अब आगे क्या होगा, समझ नहीं आ रहा।
विभांशु चौधरी, परीक्षार्थी, इंटर।

आरोपी विनय चौधरी के साथ अतर ङ्क्षसह इंटर कॉलेज के केंद्र व्यवस्थापक राजेंद्र ङ्क्षसह, अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक गंभीर ङ्क्षसह (सहायक अध्यापक जीएसके इंटर कॉलेज किरावली), स्टेटिक मजिस्ट्रेट डॉ। गजेंद्र ङ्क्षसह (पशु चिकित्सा अधिकारी) के खिलाफ थाना फतेहपुरसीकरी में मुकदमा दर्ज कराया है।
दिनेश कुमार, डीआईओएस

आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें भेजी गई है। वहीं बीएसए जितेंद्र कुमार, जीआईसी प्रिंसिपल मानवेंद्र ङ्क्षसह, एडीआईओएस संदीप ङ्क्षसह की तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है।
सोनम कुमार, डीसीपी पश्चिम

Posted By: Inextlive