गुजरात के मोरबी में केबल पुल पर हुए हादसे की चीखें अभी शांत भी नहीं हुई हैं. जितनों की जान निकलनी थी वो तो निकल ही गई अब चाहे प्रशासन और सरकार हजार एक्शन ले रही है. अगर पहले ही अधिकारी अपने काम के प्रति ईमानदार होते तो शायद मृतकों के परिजनों की सिसकियां इस कदर न गूंजती. यह तो बात रही मोरबी की. आगरा में भी मोरबी जैसा हादसा होने में देर नहीं लगेगी. यहां भी कई पुल की सुरक्षा सवालों के घेरे में हैं.

आगरा (ब्यूरो) । अगर समय रहते जिम्मेदार जाग जाएं तो फिर से ऐसी सिसकियां सुननी नहीं पड़ेंगी। अंबेडकर पुल पर 12 साल में लगभग 18 बार मरम्मत की जा चुकी है। अंबेडकर पुल आगरा के हाथी घाट से एत्माद्दौला को जोडऩे वाला महत्वपूर्ण पुल है। इस पुल से रोजाना 15 हजार से ज्यादा वाहन गुजरते हैं। इस पुल का निर्माण तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के शासनकाल में 2008 में किया गया था। उस वक्त इस पुल के निर्माण की लागत लगभग 30 करोड़ रुपए थी। इस पुल को इसलिए बनाया गया था ताकि वाटरवक्र्स चौराहे पर जाम न लग सके और वहां के हल्के वाहनों को पुल से गुजारा जा सके।

गुजरते हैं भारी वाहन
जब इस पुल को 2010 में आम लोगों को लिए खोला गया था, तभी से इस पुल में शिकायतें आना शुरू हो गई थीं। इस पुल को हल्के वाहनों के लिए बनाया गया था, लेकिन पास में ही रेलवे का यार्ड है। यार्ड में सीमेंट और लोहे के भारी-भरकम वाहन यहां से गुजरते हैं, जिसकी वजह से भी पुल जल्दी क्षतिग्रस्त हो जाता है।

मौजूदा स्थिति खतरनाक
अब तक 10 बार पुल को बंद किया जा चुका है। दो माह पूर्व सेतु निर्माण निगम ने 50 हजार रुपए की लागत से पुल की मरम्मत कराई थी। अब पुल के ज्वॉइंट सस्पेंशन गैप आधा फीट तक हो गए हैं। इससे यमुना नदी तक दिखती है। वाहनों को झटके लगते हैं। जगह-जगह यह पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। वाहनों को भी नुकसान पहुंचता है। अंबेडकर पुल पर ज्वाइंट सस्पेंशन गैप आधा फीट तक के होने के बावजूद वाहनों की आवाजाही जारी है। अनदेखी से कभी भी हादसा हो सकता है।

अंबेडकर पुल पर नजर
- वर्ष 2008 में हुआ निर्माण
- 30 करोड़ रुपए की थी लागत
- 2010 से आम लोगों के लिए खोला गया
- 10 बार अब तक पुल पर ट्रैफिक किया जा चुका है बंद
- 18 बार की जा चुकी है मरम्मत
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ईदगाह पुल पर भी कई जगह दरारें
43 वर्ष पूर्व लोक निर्माण विभाग, निर्माण खंड एक (ताज ट्रेपेजियम जोन) और आगरा रेल मंडल ने 17 करोड़ रुपए की लागत से सराय ख्वाजा आरओबी का निर्माण किया था। फरवरी 2019 में कई जगहों पर दरारें आने के बाद लोनिवि ने भारी वाहन प्रतिबंधित के बोर्ड लगवाए। रेलवे ने हाईट गेज का निर्माण करा दिया। फरवरी 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आगरा आगमन को देखते हुए सक्रिय हुए अधिकारियों ने तीन लाख रुपए खर्च कर दरारें भरकर मरम्मत कराई। अब भी पुल पर कई जगह दरारें हैं, इस कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

ईदगाह आरओबी पर नजर
- 17 करोड़ रुपए पुल की शुरूआती लागत
- 2020 में कराई गई मरम्मत
यूपीएसआईडीसी आरओबी
सिकंदरा इंडस्ट्रियल एरिया से हाईवे को जोडऩे वाले इस आरओबी पर सड़क जर्जर हालत में हैं। हालांकि विभाग की ओर से हाल ही में इसकी सड़क की मरम्मत कराई गई है। पैचिंग वर्क के बाद भी कई जगह सड़क पर गड्ढे हैं।


जिले में कोई जर्जर पुल नहीं है। विभाग की ओर से सभी पुल की निगरानी की जा रही है।
- आनंद कुमार, अधीक्षण अभियंता, लोनिवि

अंबेडकर पुल पर काफी चौड़ा गैप हो गया है। इस कारण कई बार वाहन के पहिये को नुकसान पहुंच चुका है। संबंधित विभाग के अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
भोला शर्मा

ईदगाह पुल से तो गुजरने से भी डर लगता है। पहले तो स्थिति बहुत खराब थी। फुटपाथ टूट गया था। इस कारण गिरने का भी डर रहता है।
दीपक शर्मा

Posted By: Inextlive