शहर में अवैध कॉलोनियां नहीं काटी जा सकेंगी. इसको लेकर सरकार ने कड़ा कदम उठाया है. इसके तहत विकास प्राधिकरण की सीमा में स्थित कृषि भूमि की दूसरी कार्यों में उपयोग के लिए प्राधिकरण की अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है. यानी कृषि भूमि यदि प्राधिकरण की सीमा में है तो उस पर प्लॉटिंग करने या मकान बनाने से पहले आगरा विकास प्राधिकरण की अनुमति लेनी होगी. इसको लेकर शासनस्तर से आदेश जारी किए गए हैं.

आगरा(ब्यूरो)। शहर के विस्तार के साथ ही तेजी से अवैध कॉलोनियों का जाल फैला है। आगरा विकास प्राधिकरण(एडीए) से बिना नक्शा पास कराए ही कॉलोनी डेवलप की गईं। कई कॉलोनियों पर एडीए की ओर कार्रवाई की गई। बावजूद इसके अवैध कॉलोनियों पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लग सका है। अब हाल ही में शासनस्तर से इस पर संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किए हैं।

अभी तक क्या होता है?
कॉलोनाइजर्स या डेवलपर्स द्वारा अवैध रूप से बसाई जा रहीं कॉलोनियों में कृषि भूमि को उप्र। राजस्व संहिता-2006 की धारा-80 (1) की आड़ लेकर संबंधित क्षेत्र के उप जिलाधिकारी से ही कृषि भूमि को गैर कृषि घोषित कराके प्लॉट बेचने का खेल किया जा रहा है। महायोजना में चिह्नित भू-उपयोग के विरुद्ध कृषि भूमि को अकृषि भूमि में बदलवा दिया जाता है। धारा 143 के तहत आबादी क्षेत्र घोषित कर कॉलोनी डेवलप कर दी जाती हैं। शहर के आसपास ग्रामीण क्षेत्र से सटे इलाकों में तमाम इस तरह की कॉलोनी देखने को मिल जाएंगी। इन प्रोजेक्ट पर बैंकों की ओर से लोन भी प्रोवाइड कर दिया जाता है।

अब क्या बदलाव होगा?
अब आगरा विकास प्राधिकरण की सीमा में लैंड यूज बदलने से पहले एडीए की अनुमति लेनी होगी। इसके बाद तहसील में आवेदन करना होगा। हालांकि ये प्रावधान पहले से है, लेकिन अब इस पर प्रमुखता से अमल के निर्देश दिए हैं। महायोजना-2031 में भूमि की स्थिति देखी जाएगी। अगर महायोजना में भूमि कृषि होगी तो रिहायश प्रोजेक्ट डेवलप करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।


क्या होगा असर?
अगर इस पर सख्ती से अमल किया गया तो अवैध कॉलोनियों पर पूरी तरह से अंकुश लग जाएगा। कृषि भूमि को धारा 143 के तहत पास कराकर कॉलोनी डेवलप नहीं की जा सकेंगी। अगर कोई बिना अनुमति के कॉलोनी डेवलप करता भी है तो बैंक से लोन नहीं हो सकेगा।

जमीन के तीन तरह के यूज हैं। इनमें एग्रीकल्चर, कमर्शियल और रेसीडेंशियल हैं। अगर किसी कृषि भूमि का लैंड यूज बदलवाते हैं तो उसको धारा 143 में आबादी घोषित किया जाता है। इसपर स्टैंड ड्यूटी भी दी जाती है।
रवि चौबे, वकील

बिल्डर हो या फिर कॉलोनाइजर्स, सभी को नियमों का पालन करना चाहिए। जिससे प्रोजेक्ट ओनर के साथ खरीदार को भी किसी तरह की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
शोभिक गोयल, प्रेसीडेंट, क्रेडाई

अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई जारी है। अब तक कई अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। शासन से जो भी निर्देश मिलते हैं तो उन पर सख्ती से अमल किया जाता है।
चर्चित गौड़, वीसी, एडीए

Posted By: Inextlive