विश्व फूड सेफ्टी डे : स्वास्थ्य रहना है तो बेहतर रखें खान-पान
आगरा.( ब्यूरो) : भोजन विटामिन, कार्बोहाइड्रेट्स, आयरन और पोषक तत्वों से भरपूर होना चाहिए। कच्चा लहसुन भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में एलिसिन, जिंग, सल्फर, सेलेनियम और विटामिन ए व ई पाए जाते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए ताजा फलों का सेवन करना चाहिए। मौसम के अनुसार दिनचर्या और खानपान में बदलाव जरूरी है। उम्र बढऩे के साथ कुछ-कुछ अंतराल पर स्वास्थ्य की जांच करवानी चाहिए।
अपनी डाइट में कम करें सैच्युरेटेड फैट्ससैच्युरेटेड फैट्स बैड फैट के तौर पर भी जाने जाते हैं, क्योंकि इनकी वजह से कार्डियोवेस्कुलर डिजीज जैसे कि ओबिसिटी, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हार्ट अटैक जैसी समस्याएं हो सकती हैं। चिप्स, पिज्जा, बर्गर, फ्र ंच फ्र ाइज, पास्ता आदि में सैच्युरेटेड फैट ज्यादा मात्रा में होते हैं, इसलिए इन्हें सीमित मात्रा में लेना ही बेहतर है। इससे आपकी हेल्थ बहुत हद तक अच्छी रहेगी।
संतुलित आहार से रहे सेहतमंद
कोशिश करें कि अपनी डाइट में हर तरह के फूड आइटम शामिल करें। बैलेंस डाइट में तीन मैक्रोन्यूट्रिएंट होने जरूरी हैं-कार्बोहाइट्रेड्स, प्रोटीन और विटामिन्स। ये तीनों ही जरूरी हैं और सही मात्रा में लिए जाने चाहिए। अगर ये न्यूट्रिएंट्स कम मात्रा में लिए जाएं तो इससे कुपोषण की समस्या हो सकती है। इसके लिए आप न्यूट्रिशनिस्ट की मदद ले सकती हैं और उनकी सलाह पर अपना डाइट प्लान बना सकती हैं। लिक्विड डाइट ज्यादा लें।
शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा बेहद जरूरी
डायटीशियन उपासना शर्मा ने बताया कि हमारे शरीर की मेटाबॉलिक एक्टिविटी बनाए रखने के लिए शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा जाना बेहद जरूरी है। इसके लिए कोशिश करें कि ज्यादा मात्रा में लिक्विड डाइट लें। सूप, रसीली सब्जी, सांभर, दाल, खिचड़ी जैसी चीजें इस लिहाज से काफी अच्छी हैं। इसके अलावा दिन में 7-8 गिलास पानी भी पिएं। पानी खाना खाने के कुछ देर बाद पिएं और धीरे-धीरे पिएं। इससे आपका शरीर पानी को बेहतर तरीके से एब्जॉर्ब कर पाएगा। इसके अलावा आप जूस और ड्रिंक्स भी ले सकती हैं, जिससे शरीर की पानी की कमी पूरी होती है।
अधिक नमक से कार्डियोवेस्कुलर डिजीज
अगर डाइट में नमक और चीनी का संतुलन ना हो तो इससे भी आप कई तरह की लाइफस्टाइल डिजीज की शिकार हो सकती हैं। एक तरह का कार्बोहाइट्रेड्टस है, वहीं नमक एक मिनरल है, जो शरीर के लिए महत्वपूर्ण है। ज्यादा चीनी लेने से डायबिटीज हो सकती है, जबकि ज्यादा नमक लेने से हाइपरटेंशन और दूसरी कार्डियोवेस्कुलर डिजीज हो सकती है।
.खराब खानपान से सेहत से खिलवाड़
जंक फूड आपके लिए क्यों खराब हैं?
जंक फूड के लगातार सेवन से अतिरिक्त वसा, सामान्य कार्बोहाइड्रेट और प्रसंस्कृत चीनी का सेवन बढ़ जाता है इससे मोटापा और हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है। परिणामस्वरूप मोटापा धमनियों का रुकना शुरू कर सकता है जिसकी वजह से दिल का दौरा पड़ सकता है। यह भी सुझाव दिया गया है कि जंक फूड खाने से मस्तिष्क उसी तरह प्रभावित होता है जैसे नशे की दवाओं का सेवन करने से।
जिन खाद्य पदार्थों में ट्रांस-वसा, परिष्कृत अनाज, नमक और उच्च फ्र क्टोज कॉर्न सिरप शामिल होता है उन्हें घर लाने से बचना चाहिए। उन खाद्य पदार्थों से बचें जिनके लेबल पर कॉर्न स्वीटनर, कॉर्न सिरप, कॉर्न सिरप ठोस, आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत या हाइड्रोजनीकृत
क्या कहती हैं एक्सपर्ट
सुरभि उपाध्याय डायटीशियन कहना है कि इन आसान और स्मार्ट ट्रिक्स को अपनाने से आप अपनी डाइट को काफी हद तक बेहतर बना सकती हैं। डाइट का खयाल रखने के साथ-साथ स्पोर्ट्स या दूसरी फिजिकल एक्टिविटी में भी शामिल होना चाहिए, इससे आप हेल्थ और हैप्पी लाइफ जी सकती हैं। इसके साथ ही हम आपको सलाह देंगे कि आप जब भी किसी नई डाइट को शुरू करें, तो पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
हो रही शरीर में पोषण की कमी
फूड एक्सपर्ट उपासना शर्मा के अनुसार जंक फूड या खराब, खान-पान के कारण बीमारियां बढ़ गई हैं, तीन दशक के बाद इनमें 10 फीसदी से 25 फीसदी तक की वृद्धि हुई है। जंक फूड की लत से फल, सब्जियां, सलाद आदि जैसे स्वास्थ्यप्रद खाद्य विकल्पों को खाने का मन नहीं करता है, इसके कारण शरीर में पोषण की कमी हो जाती है।