घर का खाना खाएंगे, तो हॉस्पिटल नहीं जाएंगे
आगरा(ब्यूरो)। पिछले 15 दिनों से गर्मी और उमस बढ़ गई है। इससे खुले में रखे खाद्य पदार्थ, रखे हुए खाने में फंगस पनप रहा है। इस मौसम में प्यास ज्यादा लग रही है। ऐसे में दूषित पानी और भोजन का सेवन करने से फूड प्वॉइजङ्क्षनग और पीलिया की समस्या हो रही है। फूड प्वॉइजङ्क्षनग होने पर उल्टी-दस्त बंद नहीं हो रहे हैं, पेट में दर्द हो रहा है।
इसी तरह से पीलिया से संक्रमित मरीजों को भूख नहीं लग रही है, उल्टी बंद नहीं हो रही हैं। जिला अस्पताल के 30 बेड का वार्ड फुल हो गया है, इसमें 80 प्रतिशत बच्चे फूड प्वॉइजङ्क्षनग और पीलिया से पीडि़त हैं। एसएन के बाल रोग वार्ड में 110 मरीज भर्ती हैं, इसमें 55 बच्चे पीलिया और फूड प्वॉइजङ्क्षनग के कारण उल्टी-दस्त बंद न होने पर भर्ती कराए गए हैं। निजी क्लीनिक और अस्पताल में भी उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। उल्टी-दस्त न बंद न होने पर शरीर में इलेक्ट्रोलाइट और पानी की कमी हो रही है। चक्कर आने के साथ ही बेचैनी और घबराहट हो रही है। जिला अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक डॉ। अनीता शर्मा ने बताया कि उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। गंभीर मरीजों को भर्ती किया जा रहा है।
इन तीन बैक्टीरिया से फूड प्वॉइजङ्क्षनग घातकक्लोस्ट्रीडियम डिफिसाइल, बैसिलस सीरियस और बाटूलियम बैक्टीरिया बैक्टीरिया से फूड प्वॉइजङ्क्षनग होने पर मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती किया जाना चाहिए। शरीर में पानी की कमी होने लगती है जो जानलेवा हो सकती है। ये न करें
रखा हुआ खाना न खाएं
दूषित पानी का सेवन न करें
कटे हुए फल, बाजार में खुले में बिक रही चाट न खाएं
खराब गुणवत्ता की आइसक्रीम का सेवन न करें ये करें
उल्टी-दस्त होने पर ओआरएस का घोल लें
पानी को उबाल कर पी सकते हैं
तरल पदार्थों का सेवन अधिक करें
गर्मी और उमस में कटे हुए फल, रखे हुए खाने से फूड प्वॉइजङ्क्षनग हो रही है। इसमें उल्टी और दस्त बंद नहीं होते हैं। तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
- डॉ। नीरज यादव, अध्यक्ष बाल रोग विभाग एसएन मेडिकल कालेज
दूषित भोजन और पानी के सेवन से पीलिया के मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है। पीलिया से पीडि़त मरीजों की उल्टी बंद नहीं हो रही हैं, इन्हें भर्ती करना पड़ रहा है।
-डॉ। अरुण जैन, अध्यक्ष इंडियन एकेडमी आफ पिडियाट्रिक्स (आईएपी) आगरा
- डॉ। ओपी यादव, आईएमए प्रेसिडेंट
फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा पटना-कोटा एक्सप्रेस के पैसेंजर्स का विसरा
आगरा: पटना-कोटना एक्सप्रेस में रविवार को मृत यात्रियों कुमारी नीताम और रामा निषाद की मौत का कारण पोस्टमार्टम में स्पष्ट नहीं हो सका है। दोनों का विसरा सुरक्षित रखवाया गया है। इसे जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा। सोमवार की शाम को राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने दोनों के शव परिजन को सुपुर्द कर दिए।
धर्मशाला में रुके थे
छत्तीसगढ़ के जिले धमतरी की रहने वाली 60 वर्षीय कुमारी नीताम और 65 वर्ष के रामा निषाद पटना-कोटा एक्सप्रेस से समूह के आ रहे थे। इसमें 70 महिलाएं और 20 पुरुष थे। समूह में कोई बच्चा नहीं था। कुमारी नीताम के साथ उनकी बेटियां सुनीति, अनीता और पुत्रवधू भगवती भी थीं। सुनीति ने बताया कि सभी लोग वाराणसी में एक धर्मशाला में रुके थे। रास्ते के लिए खाना धर्मशाला में बनाया था। ट्रेन में बैठने के दो घंटे बाद सभी ने खाया था। सुनीति ने बताया कि उनकी मां नीताम समेत परिवार के किसी सदस्य ने खाना नहीं खाया था। मां की ट्रेन में बैठने के आधा घंटे बाद ही हालत बिगडऩे से दस्त होने लगे थे। रेलवे अधिकारियों का अनुमान है कि यात्रियों की हालत बिगडऩे और रामा निषाद एवं कुमारी नीताम की मौत का कारण फूड प्वॉइजङ्क्षनग था। सोमवार को दोनों के शवों का पोस्टमार्टम किया गया। रामा निषाद और कुमारी नीताम की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका। डॉक्टर्स ने दोनों का विसरा सुरक्षित रखवाया है।
विसरा को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जाएगा।
- देवेंद्र द्विवेदी, प्रभारी निरीक्षक जीआरपी कैंट