आगरा. ब्यूरो ऐसा कोई वर्ष नहीं गया जब यहां जलभराव नहीं हुआ. इस कदर भीषण जलभराव होता है कि घरों तक में पानी भर जाता है. नगर निगम की टीम पिछले काफी समय से नाला सफाई तो कर रही है. ऐसे में उम्मीद है कि पिछली बार की तरह इस बार हालात न बनें. ये उम्मीद सिर्फ काजीपाड़ा निवासी राम मोहन को ही नहीं है बल्कि बारिश में जलभराव से राहत की उम्मीद सभी शहरवासियों को है.

अप्रैल में शुरू होता है विशेष अभियान
नगर निगम की ओर से अप्रैल महीने से ही नाला सफाई की कवायद शुरू कर दी गई थी। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। अतुल भारती ने बताया कि एक अप्रैल से नाला सफाई के विशेष अभियान के दौरान सिल्ट हटाने के साथ ही फ्लोटिंग कचरा भी हटाया जाता है। वर्ष के अन्य महीनों में भी फ्लोटिंग कचरा हटाया जाता है। ये प्रक्रिया जारी रहती है। शहर में 21 स्थान ऐसे हैं, जिनको चिह्नित किया गया। वहां पंप लगी हुई हैं। इसमें खेरिया मोड़, सूरसदन, बिजलीघर आदि एरियाज में शामिल हैं। यहां विशेष रूप से फोकस किया गया है।

यहां होता है भीषण जलभराव
वीआईपी रोड, बिजलीघर, रोशन मोहल्ला, शिवाजी मार्केट, नाला काजीपाड़ा, महावीर नाला, गोकुलपुरा, सुंदरपाड़ा, नगला मोहन, केदार नगर, शंकरगढ़ की पुलिया, आजमपाड़ा, साकेत कॉलोनी, हसनपुरा, तोता का ताल, राजामंडी, कैलाशपुरी रोड, आवास विकास कॉलोनी, शास्त्रीपुरम, उखर्रा, इंद्रापुरम, शमसाबाद रोड, यमुना किनारा, बल्केश्वर, न्यू आगरा, दयालबाग, एमजी रोड, सूरसदन, सेंट जॉन्स, राजामंडी बाजार, एमजी रोड, टीपी नगर, लॉयर्स कॉलोनी, खंदारी, सूरसदन, राम नगर कॉलोनी चर्च रोड, बल्केश्वर, लंगड़े की चौकी, पीर कल्याणी, दयालबाग, न्यू आगरा, नगला पदी, सिकंदरा, कैलाशपुरी रोड, तोता का ताल, सेंट जॉन्स, गोकुलपुरा, अशोक नगर, आवास विकास, शास्त्रीपुरम, दहतोरा, मानस नगर, साकेत कॉलोनी, केदार नगर, शंकरगढ़ की पुलिया, आजमपाड़ा।


शहर में जलभराव वाले स्थल

जोन स्थायी अस्थायी कुल
छत्ता 07 04 11
हरीपर्वत 00 12 12
ताजगंज 08 08 16
लोहामंडी 04 03 07
-----------------------------------------------आधे शहर में सीवर और डे्रनेज ही नहीं
शहर में नाला और सीवर सिस्टम ध्वस्त हो चुका है। 300 से अधिक नाले हैं तो सीवर 1100 किलोमीटर है। जबकि शहर में करीब 2000 किमी सीवर लाइनों की जरूरत है। पिछले वर्ष मानसून से पहले सर्वे में करीब 400 प्वॉइंट्स पर नाले क्षतिग्रस्त मिले थे.

मास्टर प्लान बनने से हो सकता है सुधार
बीते दो दशक में सीवेज पाइप लाइन बिछाने और पानी का डे्रेनेज सिस्टम बनाने के लिए 2000 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं पर काम हो रहा है। इसके बावजूद सीवेज और डे्रेनेज का मास्टर प्लान नहीं होने की वजह से कॉलोनियों और सड़कों में जलभराव हो रहा है.

कई लोग नालों में गिरने से गंवा चुके हैं जान
मानसून के दौरान नालों में गिरकर कई लोग जान गंवा चुके हैं। 2021 में ताजगंज में नाले में गिरकर छह वर्षीय बालिका की मौत हो गई थी। 2019 में सुल्तानगंज की पुलिया पर बालक सोनू नाले में समा गया था। यूपीएसईडीसी के खुले नाले में गिरकर पांच लोगों की जान चली गई थी।

खुला पड़ा है नाला काजीपाड़ा
काजीपाड़ा नाला पर 30 करोड़ रुपए वर्ष 2008-09 में खर्च हुए। नाले को कवर करना था लेकिन अभी तक अधूरा पड़ा हुआ है। इस नाले में एक बालक की मौत हो चुकी है। नाला हाल में चोक होने पर देवरी रोड पर काम चल रहा है.

मरम्मत मांग रहा नाला
नरीपुरा धनौली रोड की जलभराव की समस्या के समाधान के लिए नाला बन रहा है। लेकिन अभी तक करीब 30 फीसदी काम अधूरा पड़ा हुआ है। इसकी वजह से सड़क पर पानी भरता है। आए दिन हादसे हो रहे हैं.

20 वर्षों में सीवर डे्रनेज के लिए बनी योजनाएं
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- वेस्ट जोन में सीवर लाइन बिछाई जा रही है। अमृत योजना के तहत करीब 395 करोड़ की लागत से 251 किमी सीवर लाइन बिछ रही है।
- स्मार्ट सिटी के एबीडी एरिया में जलभराव और सीवर की समस्या के निस्तारण के लिए आगरा स्मार्ट सिटी योजना के तहत करीब 135 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
- ताजमहल के गंदे नाले के सुधार और आसपास होने वाले जलभराव को रोकने के लिए आगरा स्मार्ट सिटी ने पूर्वी गेट नाले पर करीब 26.10 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
- शहर में खुले में बह रहे नालों को टेप करने के लिए जल निगम ने करीब 1400 करोड़ रुपए की योजना बनाई।


इन नालों पर हो चुके हैं हादसे
- 2021 में ताजगंज में बारिश के दौरान एक मासूम बालिका की मौत
- 2019 में लंगड़े की चौकी पुलिया पर नाले में समा गया था मासूम
- 2018 में कोठी मीना बाजार नाले में एक साइकिल सवार गिरा था
- 2017 में काजीपाड़ा नाले में मां के साथ जा रहा बच्चा गिर गया था


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नाला खिड़की काले खां क्षेत्र में बारिश में हमेशा पानी भर जाता है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है नाला की प्रॉपर सफाई नहीं होती है। निगम की टीम ऊपर से कचरा उठाकर चली जाती है।
हिमांशु

बचपन से इस समस्या को देख रहे हैं, लेकिन जलभराव से राहत अब तक नहीं मिली है। अधिकारियों से लेकर कई जनप्रतिनिधि बदल गए, लेकिन कोई भी समाधान नहीं करा सका।
बलवीर

शहर को विकास के तमगे मिलते गए। अब शहर में स्मार्ट सिटी भी बन गया। बावजूद इसके जलभराव से आगरा को मुक्ति नहीं मिल सकी है। इस बारिश में भी व्यवस्थाओं की पोल खुल जाएगी।
अरुण

शहर में 85 परसेंट से अधिक नालों की सफाई हो चुकी है। इसकी प्रॉपर मॉनिटरिंग भी की जा रही है।
सुरेंद्र प्रसाद यादव, अपर नगरायुक्त

शहर में नाला सफाई जारी है। नालों से सिल्ट निकालने के साथ फ्लोटिंग कचरा भी हटाया जा रहा है। ऐसे स्थानों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां पूर्व में जलभराव होता रहा है।
डॉ। अतुल भारती, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

Posted By: Inextlive