चोरी नहीं हुआ, मोबाइल कहीं गिर गया है ये लिखकर दो
तहरीर लेकर थाना पर पहुंची टीम
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्ट ने थाना एत्माद्दौला में मोबाइल चोरी की तहरीर दी थी। उसमें लिखा कि प्रार्थी आवश्यक कार्य से रामबाग चौराहे से भगवान टॉकीज जा रहा था। रास्ते में अचानक ऑटो चालक ने उतार दिया और मोबाइल फोन निकाल लिया। तहरीर लेकर जब रिपोर्टर थाने के कार्यालय में पहुंचा तो सुरक्षाकर्मी ने उसे टोका। क्या काम है? कहां जा रहे हैं? रिपोर्टर ने बताया कि मोबाइल चोरी हो गया है। इसकी सूचना देने आया हूं। कार्यालय में मौजूद मुंशी ने इशारा करते हुए कहा कि उनको एप्लीकेशन दे दीजिए। सीट पर कंप्यूटर के सामने मौजूद पुलिस कर्मचारी, ड्यूटी मुंशी को एप्लीकेशन दिया। उन्होंने पत्र लेकर पढ़ा। फिर कुछ सोचते हुए बोले, इसमें एक लाइन चेंज कर दो, चोरी को हटाकर गुम हो गया है। तब हम दर्ज कर लेंगे। आधार कार्ड भी लेकर आना, हो जाएगा।
समय । दोपहर 2.30 बजे
रिपोर्टर और मुंशी की बात-चीत
रिपोर्टर। मेरा मोबाइल गायब हो गया है। किसी ने जेब से निकाल लिया है.
मुंशी। एप्लीकेशन पढ़ते हुए जेब से गिर गया है ना, कहीं गिर गया होगा.
रिपोर्टर। ऑटो में बैठा था, जिसमें पहले से दो लोग बैठे थे, फिर उतार दिया।
मेरी एप्लीकेशन ले लीजिए।
मुंशी। ये देखिए, यहां चोरी मत लिखों, गिर गया है, ये लिखों, फिर आना।
मुंशी। हम कंप्यूटर में दर्ज कर देंगे। अपना आधार का फोटोकापी लेकर आइए। ओरिजनल लेकर आइए तभी लिखेंगे।
रिपोर्टर। आधार की कापी तो नहीं है। इसके बिना काम नहीं चलेगा क्या?
मुंशी। ये लाइन बदल दो, जेब से नहीं, कहीं गिर गया है। यही लिखकर लाओ।
रिपोर्टर से बातचीत
रिपोर्टर। मेरा मोबाइल गायब हो गया है.
मुंशी। एप्लीकेशन सही नहीं है, फिर से लिखो।
रिपोर्टर। क्या चेंज करना है इस एप्लीकेशन में
मुंशी। चोरी हो गया है या गिर गया है, आपको पता है?
रिपोर्टर। जेब से किसने निकाला है, तो चोरी लिखा है।
मुंशी। ये गलत है, गिर गया है लिखकर लाओ
मुंशी। तभी इसको बरामद कर पाएंगे।
रिपोर्टर। लेकिन मेरे ऑफिस से चोरी हुआ है.
मुंशी। आपकी समझ में नहीं आ रहा है।
मुंशी। अधिकारी से लिखवालो हम लिख देंगे।
तब चोरी में किया जाता है शामिल
शहर में मोबाइल चोरी होने के संबंध में रोजाना आठ से दस कंप्लेंन आ रही हैं। इनमें चोरी के मोबाइल की शिकायत भी शामिल होती है, लेकिन चोरी से बचने के लिए थानों की पुलिस इसे गुमशुदगी में बताकर दर्ज कर लेती है। बाद में किसी गैंग के पकड़े जाने पर जब ईएमआई से मिलान होता है, तो उसे चोरी में शामिल कर लिया जाता है।
पुलिस अधिकतर मोबाइल करती है बरामद
मोबाइल चोरी होने वाले अधिकतर लोगों का मोबाइल पुलिस बरामद कर लेती है। चोरी की एप्लीकेशन पर थाने की मुहर लगाने के बाद सर्विलांस पर लगाकर उनका मोबाइल वापस मिल जाता है। पुलिस चोरी लिख रही है कि गुमशुदगी इस पर बहस करने के बजाय लोग सिर्फ मोबाइल बरामद करने की बात कहकर चुप हो जाते हैं।
इसलिए नहीं होती चोरी दर्ज
इस खेल के पीछे सिर्फ एक कारण होता है। पुलिस ने अगर चोरी का मुकदमा दर्ज कर लिया तो उसे जांच करनी पड़ेगी। एफआईआर दर्ज होने पर क्राइम नंबर अलॉट हो जाएगा। फिर वह मोबाइल चोरी का ही मामला क्यों न हो, उसकी मॉनीटरिंग शुरू हो जाती है। पुलिस कार्यालय में इसकी जानकारी भी दी जाती है कि किस थाने में कितनी घटनाएं हुई हैं। यही एक कारण है कि चोरी की रिपोर्ट दर्ज नहीं होती है। बॉक्स
यूपी कॉप पर है रिपोर्ट की व्यवस्था
थानों पर मोबाइल चोरी का केस नहीं दर्ज होता है कि इसको लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है।
इस तरह की चोरी मेें आरोपी अज्ञात होते हैं। उनके बारे में यूपी पुलिस की वेबसाइट पर ई-एफआईआर का लाभ ले सकते हैं। इस वेबसाइट पर अज्ञात आरोपी पर एफआईआर दर्ज हो सकती है। वहीं यूपी कॉप के मोबाइल एप पर भी इसकी रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं।
पुलिस अधिकतर मोबाइल फोन बरामद कर लेती है। सैकड़ों की संख्या में मोबाइल फोन बरामद कर लोगों को दिए हैं, अगर कोई समस्या हो तो वो कार्यालय पर शिकायत कर सकता है।
सूरज राय, डीसीपी नगर जोन
-जिले में थानों की संख्या
46
-शहर में थानों की संख्या
19
-रोजाना आ रही मोबाइल चोरी की शिकायत
8 से 10
-तीन महीने में बरामद मोबाइल फोन
100 से अधिक