लिव-इन से पहले पार्टनर को पहचानें, खतरा तो नहीं
आगरा(ब्यूरो)। यह चर्चा हिंदुस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड कंप्यूटर स्टडीज (एचआईएमसीएस)में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑफ इंडियन थिंक एंड मैनेजमेंट, एमडीआई गुरुग्राम के सहयोग से युवाओं के लिए आयोजित पैनल, योग और ध्यान कार्यक्रम के आयोजन में हुई। इस अवसर पर एक्सपट्र्स ने ऐसे 10 बिंदु बताए जिन पर ध्यान देने से आने वाली मुसीबत को रोका जा सकता है। एचआईएमसीएस के निदेशक डॉ। नवीन गुप्ता ने कहा कि हम पश्चिमी संस्कृति को अपना रहे हैैं। इससे फायदे तो हुए हैैं लेकिन समाज में अशांति और बेचैनी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि हमारी पीढ़ी को सावधान रहने की जरूरत है।
विश्व के कई देशों में भारतीय संस्कृति के दर्शन
प्रशंसित दक्षिणपंथी विचारक और इंटरनेशनल न्यूज एजेंसी के एक्सपर्ट पैनलिस्ट डॉ। एस के दत्ता ने ग्रेटर इंडिया के प्राचीन भारतीय विचार और आज की प्रासंगिकता पर पुनर्विचार पर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह आज भी कलाकृतियों के रूप में स्पष्ट है और इसकी स्थानीय संस्कृति में अभी भी रामायण और महाभारत से कला, वास्तुकला, अनुष्ठान और सांस्कृतिक तत्व शामिल हैं जिन्हें एक क्षेत्रीय चरित्र के साथ तेजी से अपनाया और अनुकूलित किया गया है। पूर्व कुलपति एवं लेखक प्रो। गिरिरेश्वर मिश्रा ने भारतीय विचारधारा के मूल विचारों पर प्रकाश डाला और बताया कि वैज्ञानिक मनोविज्ञान का विकास हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप व्यक्तिपरकता और मानवीय अनुभव खो गए। इस प्रकार मनोविज्ञान आज एक खंडित समाज प्रदान करता है।
अनुसंधान सलाहकार आईआईएम सिरमौर के प्रो। राजेन गुप्ता ने बताया कि भारत की अनुसंधान संस्कृति स्वदेशी रूप से विकसित नहीं हुई है और शोधार्थी यहां मुख्य रूप से पश्चिमी अवधारणाओं को लागू करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और भारतीय संदर्भ में सिद्धांत या पश्चिम में किए गए अध्ययनों की नकल कर रहे हैैं। इस दौरान एफएमएस-विजडम, वनस्थली विद्यापीठ में सहायक प्रोफेसर प्रो। अंकुश जोशी, एमडीआई गुडग़ांव के प्रो। अजय के जैन, रेकी हीलिंग मास्टर श्वेता गुप्ता ने भी वक्तव्य दिए।
लिव इन में रहने का फैसला लेने से पहले इन बिंदुओं पर ध्यान दें
1. अपने साथी की आक्रामकता के स्तर का आंकलन करें। यदि यह आक्रामकता बेकाबू है, तो अपने रिश्ते पर पुनर्विचार करें।
2. उनके शराब पीने के व्यवहार का आंकलन करें। यदि पीने का व्यवहार अत्यधिक है, तो रिश्ते के बारे में दो बार सोचना जरूरी है।
3. मादक पदार्थों की लत के किसी भी लक्षण पर विचार करें।
4. सामाजिक संबंधों का मूल्यांकन करें।
5. किसी भी अजीब बर्ताव पर ध्यान दें।
6पारिवारिक पृष्ठभूमि पर विचार करें।
7. किसी भी यौन विकार के लक्षण देखें।
8. मूल्यांकन करें कि वे आपके माता-पिता और परिवार के सदस्यों के साथ आपके रिश्ते का कितना सम्मान करते हैं।
9. भौतिकवादी जीवनशैली पर विचार करें।
10. आध्यात्मिक मूल्यों का मूल्यांकन करें।