दयालबाग सत्संग सभा द्वारा एक बार फिर सड़क पर कब्जे के विरोध में पहुंची पुलिस और सत्संगियों के बीच जमकर बवाल हुआ. जैसे की बुल्डोजर ने गेट को तोडऩे का प्रयास किया वैसे ही सत्संगियों ने मोर्चा संभाले पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया. सत्संगियों को खदेडऩे के प्रयास में पुलिस ने लाठी फटकारी तो सत्संगियों ने पुलिस पर हमला बोल दिया. हमले में 20 से अधिक पुलिसकर्मी सत्संगी घायल हो गए जबकि एक पत्रकार भी गंभीर रूप से घायल हो गया. करीब दो घंटे तक दोनों ओर तनावपूर्ण स्थिति बनी रही. देर शाम 6:30 बजे डीसीपी सिटी जोन सूरज राय कीे अगुवाई में पहुंची पुलिस टीम घटनास्थल से वापस आ गई.


आगरा (ब्यूरो)। शनिवार में पुलिस-प्रशासन की दिनभर की बड़ी कार्रवाई के बाद दयालबाग क्षेत्र के बड़े हिस्सों को दयालबाग सत्संग सभा के कब्जे से मुक्त कराया था। पुलिस-प्रशासन और सत्संगियों के बीच जमकर नोंकझोक और हंगामे के बाद कब्जामुक्त कराए गए हिस्से पर शनिवार शाम तक सत्संगियों ने दोबारा कब्जा कर लिया। रविवार को सैकड़ों की संख्या में जुड़े सत्संगियों ने मुख्य रास्ते पर टूटे गेट को दोबारा लगा दिया। इसकी जानकारी के बाद शाम करीब 4 बजे डीसीपी सूरज राय कई थानों की पुलिस फोर्स, पीएससी को लेकर मौके पर पहुंचे। पुलिस-प्रशासन सत्संगियों पर अवैध कब्जा हटाने को लेकर दबाव बना रहे थे जबकि सत्संगी माइक पर कब्जे को वैध बता रहे थे। एक ओर जहां पुलिस की कार्रवाई का अंदाजा लगाते हुए हजारों की संख्या में सत्संगी मौके पर जुट गए। घटनास्थल के आसपास खेतों में भी सत्संगियों ने डेरा जमा लिया। वहीं, पुलिस बिना तैयारी के ही कार्रवाई करने पहुंच गई। यहां सत्संगी पुलिस की कार्रवाई को गलत ठहरा रहे थे।


बुल्डोजर के दहाड़ते ही भिड़ंत
शाम करीब 4:30 बजे पुलिसकर्मियों ने जैसे ही गेट को तोडऩे के लिए बुल्डोजर को आगे बढ़ाया वैसे ही सत्संगियों से हंगामा शुरू कर दिया। कुछ पुलिसकर्मी गेट को गिराने के लिए इस ओर ताकत लगा रहे थे। वहीं, दूसरी ओर सत्संगी भी महिलाओं और बच्चों के साथ गेट पर जम गए। इन्हेंं खदेडऩे के लिए पुलिस ने लाठियां फटकारी तो सत्संगियों की ओर से पत्थरबाजी शुरू हो गई। दोनों ओर से करीब 10 मिनट तक लाठियां और डंडे चले जिसमें 20 से अधिक पुलिसकर्मी और सत्संगी घायल हो गए। सत्संगियों के हमले में एक मीडियाकर्मी भी घायल हो गया। भिड़ंत के बाद सत्संगी फिर से गेट पर जम गए और माइक पर पुलिस की कार्रवाई का विरोध करने लगे। इस दौरान एबुलेंस से घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल पहुंचाया गया।


दो घंटे रहा तनाव
एक बार कार्रवाई में विफल होने के बाद पुलिस गेट के आसपास जम गई तो वहीं घटनास्थल पर पहुंचे डीसीपी सिटी जोन सूरज राय ने सत्संगियों से कार्रवाई में दखल न देने की हिदायत दी। माइक पर सत्संगी पुलिस कार्रवाई को विरोध कर रहे थे। वहीं, उनका यह भी कहना था कि पुलिस कार्रवाई अवैध है। उनके पास संपत्ति पर सत्संग सभा के हक के संबंध में कोर्ट के आदेश हैं। स्थिति तनावपूर्ण होते ही पुलिस ने बेरीकेडिंग लगाकर ट्रैफिक को रोक दिया। हालांकि दूसरे दिन की कार्रवाई को देखने के लिए आसपास की छतों पर लोग चढ़े रहे। वहीं, ग्रामीण भी सड़कों पर कार्रवाई को देखते रहे। शाम करीब 6:30 पर डीसीपी के आदेश बाद बुल्डोजर को गेट से हटा लिया। और बड़ी संख्या में जुटे पुलिसकर्मी भी घटनास्थल से चले गए। हालांकि सत्संगी मौके पर ही जमे रहे।


अधूरी तैयारी के साथ पहुंची पुलिस
बड़े ऑपरेशन पर आधी अधूरी तैयारी के साथ पहुंची पुलिस को कार्रवाई को बीच में छोड़कर बैकफुट पर आना पड़ा। अधूरी तैयार की ही परिणाम है के एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए जिसमें एक पुलिसकर्मी के पैर को सत्संगियों ने हमला कर तोड़ दिया, कई के सिर में गंभीर चोटें आईं। आलम यह था कि ज्यादातर पुलिसकर्मियों के पर सिर पर लगाने के लिए हेलमेट नहीं था वहीं चेस्ट गार्ड एवं जैकेट की तलाश में पुलिसकर्मियों को भटकते देखा गया। वहीं, दूसरी ओर सत्संगियों ने पुलिस से मोर्चा लेेने के लिए पूरी तैयारी करके रखी थी। पुलिस को सत्संगियों के


रेवेन्यू विभाग की मांग पर चकरोड पर अवैध कब्जे हो हटाने पहुंची पुलिस टीम पर कुछ लोगों ने पथराव किया। जब इन लोगों ने वार्ता का प्रयास किया गया तो इन्होंने वार्ता से इनकार कर दिया। रेवेन्यू विभाग और पुलिस की आपसी बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया कि सत्संग सभा को अपनी बात रखने के लिए वक्त दिया जाए। जिसके बाद कार्रवाई को रोकते हुए पुलिस को हटा लिया गया।
-सूरज राय, डीसीपी, सिटी जोन, कमिश्नरेट आगरा

Posted By: Inextlive