इसमें कैसे लगाएंगे आस्था की डुबकी!
नहीं छोड़ा जा रहा यमुना में पानी
पर्यावरणविद् ब्रज खंडेलवाल बताते हैं कि वर्ष 1994 में राजस्थान, दिल्ली व उत्तर प्रदेश के बीच समझौता हुआ था कि 65 क्यूसेक पानी हर सेकेंड की दर से यमुना में निरंतर पानी छोड़ा जाएगा। इससे यमुना में पानी रहेगा और जलचर भी। लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ। गोकुल बैराज से पानी छोडऩे में मनमानी की जा रही है।
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बचपन में गंगा दशहरा वाले दिन दादी के साथ ताजमहल के पीछे जाते थे, वह यमुना में स्नान करती थीं और हम पतंग उड़ाते थे।
- कपिल माना, राजपुर चुंगी गंगा दशहरा वाले दिन दान करने की प्रथा है, यमुना में स्नान करने से पुण्य मिलता है। लेकिन अब नदी में पानी ही नहीं है, बस यादें हैं।
ध्रुव चौहान, आवास विकास
यमुना में सालों से पानी नहीं है। शासन-प्रशासन और शहरवासियों की लापरवाही से यमुना दूषित है। त्योहार के नाम पर खानापूर्ति हो रही है।
- जुगल श्रोत्रिय, यमुना आरती महंत
जब कोई अधिकारी आता है तभी यमुना के किनारों की सफाई की जाती है। नहीं तो घाटों पर ऐसे ही गंदगी का अंबार लगा रहता है।
-यश, हाथीघाट
यमुना में पानी कम, कीचड़ ज्यादा
कभी कल- कल बहती कालिंदी (यमुना) बदहाल होती जा रही है। यह नाले का रूप लेती जा रही है। इसमें पानी कम और कीचड़ ज्यादा नजर आता है। जबकि वर्ष 2015 में यमुना को प्रदूषित होने से बचाने के लिए सख्त आदेश कर चुकी है। इसके अनुसार, यमुना में धार्मिक सामग्री डालने पर पांच और मलबा डालने पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाने का आदेश दिया। इस आदेश को आठ साल हो गए हैं। इन आदेशों पर अमल नहीं हो रहा है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है मंगलवार को गंगा दशहरा है। लेकिन घाट पर गंदगी है और नदी से पानी गायब है।
पोस्ट हुआ वायरल
सोमवार को यमुना की दुर्दशा को लेकर पर्यावरणविद् ब्रज खंडेलवाल ने सोमवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया। जिसमें यमुना की बहदाल स्थिति का उन्होंने जिक्र किया। सोशल मीडिया पर छलका दर्द हे यमुना मैया, कितना गंदा कर हम सबने आपको। आप खुद शुद्ध होकर निर्मल हमेशा बहती रहें। ऐसी प्रार्थना है।
दिनेश शर्मा जनप्रतिनिधियों को इस समस्या की ओर ध्यान देना चाहिए। जिससे शहर को जीवन देने वाली इस नदी की स्थिति सुधारी जा सके।
मयंक सिंह सरकार बदलती रहीं, लेकिन यमुना की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया। इस ओर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है।
राकेश कुमार