जिले के असलाह धारकों को एक-एक गोली चलाने से लेकर उसका पूरा हिसाब रखना पड़ेगा. अब पुलिस घर पर आकर पूरी पड़ताल करेगी. असलाह धारकों को बताना होगा कि शस्त्र लाइसेंस पर कुल कितने कारतूस खरीदे और उनका इस्तेमाल कब-कब और किन परिस्थितियों में किया.


आगरा(ब्यूरो)। ऐसे में सटीक जानकारी न देने पर कार्रवाई के साथ ही लाइसेेंस रद्द भी हो सकता है। जिले में करीब 46 हजार से अधिक असलाहा धारक हैं। हिसाब किताब लेने के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं।

आए दिन आ रहे फायरिंग के मामले
जिले में बड़े पैमाने पर लाइसेंसी असलहों के दुरुपयोग, जिसके चलते आए दिन फायरिंग के मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही में थाना सदर क्षेत्र में प्रॉपर्टी डीलर की दुकान में एक युवक सिर में गोली मार दी गई, इससे उसकी मौत हो गई। वहीं शहर और देहात में हर्ष फायरिंग के कई मामले प्रकाश में आए हैं। इसको ध्यान में रखते हुए गन हाउस और लाइसेंसधारकों की पड़ताल करने के निर्देश अपर पुलिस आयुक्त पूर्वी सोमेन्द्र मीणा ने इस संबंध में रुटीन चेकिंग करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में गुरुवार को थाना फतेहाबाद क्षेत्र में गन हाउस में छापामार कार्रवाई की गई।

कारतूसों की हो सकती है कालाबाजारी
कारतूसों के अवैध बिक्री समेत अन्य मामले सामने आए हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि लाइसेंस पर कारतूस खरीदकर बदमाशों को बेचे जा सकते हैं। इससे क्रिमिनल्स के नेटवर्क में तमंचे का नेटवर्क तो टूट रहा है लेकिन गोलियों को लेकर पुलिस कार्रवाई नहीं कर पा रही। हाल ही में पुलिस ने दर्जनों मामलों में पकड़े गए क्रिमिनल्स के पास से कारतूस पाए गए, जो लाइसेंसी असलाह पर खरीदे गए थे। ऐेसे में कारतूसों की कालाबाजारी पड़े पैमाने पर हो सकती है।

घर-घर करेगी कारतूसों की जांच
दुरुपयोग की आशंका के चलते क्षेत्र में जांच के निर्देश दिए हैं। इसके लिए असलहा धारकों के घर-घर जाकर कारतूसों की जांच के निर्देश पुलिस को दिए गए हैैं। जिले में अभी देहात स्तर पर टीमें गठित की जा रही हैं। यह टीमें घर-घर पहुंचकर कारतूसों का हिसाब किताब मांगेगी। जांच की हर सप्ताह रिपोर्ट दर्ज कर अधिकारियों को देनी होगी। अपर पुलिस आयुक्त पूर्वी ने बताया कि अवैध रूप से बिक्री करने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा साथ ही कानूनी कार्रवाई भी कराई जाएगी।


इस तरह के होंगे सवाल-जवाब
-किस कारतूस को कब, कहां फायर किया, देने होगी जानकारी
-आत्मरक्षा में गोली चलाई है तो मुकदमों की फाइल खंगाली जाएगी।
-लाइसेंस पर दर्ज कारतूसों का ब्यौरा दुकान से मिलाया किया जाएगा।
-गड़बड़ी पाए जाने पर दुकानदार भी जिम्मेदार होंगे, शस्त्र की भी होगी जांच।
-पुलिस लाइसेंस पर चढ़े कारतूस, खोखे और बंदूक का मिलान होगा।
-लाइसेंस धारकों की होगी जांच, सूचना छिपाकर लाइसेंस हासिल कर लिया।
-असलाह धारकों को हर हाल में अपने कारतूसों का जवाब देना होगा।
-जांच के लिए टीमें गठित की हैं, जो कारतूसों की जानकारी जुटाएगी।


कारतूसों के दुरुपयोग की आशंका के चलते जांच के निर्देश दिए हैं। इसके लिए असलाह धारकों के पास जाकर कारतूसों की जांच करेगी, यह टीमें घर-घर पहुंचकर कारतूसों का हिसाब किताब मेंटेन किया जाएगा। पुलिस हर स्तर सेे अपनी जांच करेगी।
विकास कुमार, डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस


फतेहाबाद क्षेत्र में लगातार कार्रवाई की जा रही है, इस संबंध में पुलिस की टीमों का गठन किया गया है। गन हाउस के अलावा लाइसेंस धारकों से भी इसका हिसाब मांगा जाएगा। इसके अलावा कहा और कब इसका इस्तेमाल किया गया इसकी भी डिटेल रखी जाएगी।
सोमेन्द्र मीणा, अपर पुलिस आयुक्त पूर्वी

-कमिश्नरेट में असलाह धारक
47 हजार
-आगरा कमिश्नरेट में थाने
50

Posted By: Inextlive