ई- गुरुकुल से आशा करेंगी टीबी का खात्मा
आगरा। चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि प्रधानमंत्री की ओर से निर्धारित लक्ष्य के तहत हमें 2025 तक टीबी का खात्मा करना है। इसके लिए हम जनपद में युद्धस्तर पर कार्य कर रहे हैं। इसमें आशाओं का सहयोग भी लिया जाता है लेकिन अब उन्हें और ज्यादा प्रशिक्षित कर समुदाय स्तर पर टीबी के प्रति जागरूक करने की योजना है। इसके लिए स्वस्थ ई-गुरुकुल एप के जरिए आशाओं को प्रशिक्षित करने का पायलट प्रोजेक्ट प्रदेश में सबसे पहले आगरा में शुरू किया जा रहा है।
लोकल भाषा में देंगी जानकारी
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ। संत कुमार ने बताया कि स्वस्थ ई-गुरुकुल एप के जरिए पायलट प्रोजेक्ट में 210 आशाओं को टीबी के बारे में नवीनतम और अधिकतम जानकारी दी जाएगी। इससे वह कम्युनिटी स्तर पर लोगों को टीबी की रोकथाम करने के लिए उनकी भाषा में बता सकें और क्षय रोगियों को चिन्हित कर उनका उपचार दिला सकें।
डीटीडीसी कंसल्टेंट डॉ। अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश सबसे पहले आगरा में शुरु हुए पायलेट प्रोजेक्ट के तहत सोमवार 30 मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया गया। इनमें 24 आगरा और दो-दो मथुरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी जनपद से आए थे। इसके बाद ये मास्टर ट्रेनर आशाओं को प्रशिक्षित करेंगे।
मरीज के उपचार की हो सकेगी ट्रैकिंग
जिला पीपीएम समन्वयक अब तक आशाएं टीबी के मरीजों को दवाई खिलाने और केंद्र तक ले जाने का कार्य करती थीं। स्वस्थ ई-गुरुकुल एप द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद आशाएं समुदाय में टीबी के बारे में लोगों को जागरुक करेंगी, संभावित क्षय रोगियों की पहचान करेंगी, उनके परिवार की काउंसलिंग करेंगी और उन्हें टीबी से बचाव के उपाय बताएंगी। इसके साथ ही इस एप पर ही मरीज की सभी जानकारी आशाएं ट्रैक कर पाएंगी। मरीज की जांच रिपोर्ट से लेकर उनकी दवाइयों के बारे में सारी जानकारी इस एप के माध्यम से आशाओं तक पहुंच जाएगी।
ई-गुरुकुल एप के माध्यम से आशाओं को टीबी रोग के बारे में संपूर्ण जानकारी दी जाएगी। आगरा में इसका पायलेट प्रोजेक्ट शुरु हो गया है। इससे आशाएं और ज्यादा स्क्ल्डि होकर टीबी के खात्मे के लिए काम करेंगी।
-डॉ। अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ
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ऐसे टीबी का खात्मा करेंगी आशाएं
-आशाएं समुदाय में टीबी के बारे में लोगों को जागरुक करेंगी।
-संभावित क्षय रोगियों की पहचान करेंगी।
- उनके परिवार की काउंसलिंग करेंगी और उन्हें टीबी से बचाव के उपाय बताएंगी।
-इसके साथ ही इस एप पर ही मरीज की सभी जानकारी आशाएं ट्रैक कर पाएंगी।
-मरीज की जांच रिपोर्ट से लेकर उनकी दवाइयों के बारे में सारी जानकारी इस एप के माध्यम से आशाओं तक पहुंच जाएगी।
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7320 कुल टीबी रोगी खोजे गए 2022 में
87.5 परसेंट मरीजों के ठीक होने की दर है आगरा में