गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीज को यहां बस दुआ का ही सहारा है. तीमारदारों ने यदि दवा देकर इलाज कराना चाहा तो निश्चित ही मरीज की जान पर बन जाएगी. नकली जहरीली दवाओं की खरीद-फरोख्त आगरा में थमने का नाम नहीं ले रही है.

आगरा(ब्यूरो)। मरीज की जान से दवा माफिया जिस तरह खेल रहे हैं, वो वास्तव में मानवता को शर्मसार करने वाला है। आगरा में गुरुवार को एक बार फिर औषधि विभाग ने कार्रवाई करते हुए एक हॉकर को पकड़ा है। इस हॉकर के थैले से टीम को नकली दवाओं का जखीरा मिला है। यह नकली दवा हॉकर खेरिया मोड़ के आसपास के मेडिकल स्टोर्स पर खपाने जा रहा था।

यमुनापार से में बैठा माफिया
सहायक औषधि आयुक्त अतुल कुमार उपाध्याय ने बताया कि खेरिया मोड़ पर मंटोला निवासी हाशिम को टीम में शामिल औषधि निरीक्षक नवनीत कुमार और कपिल शर्मा ने एक सूचना के बाद खेरिया मोड़ चौराहे से धर दबोचा। सूचना मिली थी कि हॉकर थैले में रखकर मेडिकल स्टोर पर नकली दवा की सप्लाई कर रहा है। उसने बताया कि दवाएं सनबक्स फार्मेसी टेढ़ी बगिया से खरीदी हैं, टीम वसीम को लेकर यमुनापार स्थित टेढ़ी बगिया पहुंची। फार्मेसी का खुदरा का लाइसेंस सलाउद्दीन उर्फ सादिक के नाम से था। एंटीबायोटिक, नींद के लिए इस्तेमाल होने वाली एल्प्राजोलम टैबलेट सहित हॉकर से 98 हजार की दवाएं जब्त की गई हैं। जबकि टीम ने मेडिकल स्टोर से 28 हजार की दवाएं जब्त की। टीम का कहना है कि दवाएं नकली लग रहीं हैं, एंटीबायोटिक और एल्प्राजोलम सहित नौ दवाओं के नमूने लिए गए हैं। हॉकर को पुलिस को सौंप दिया। थाना ट्रांसयमुना में हॉकर और मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ तहरीर दी गई है।


टीम को गुमराह करता रहा
थैले में नकली दवाओं का जखीरा लिए घूम रहे हॉकर हाशिम को जब टीम ने रोका तो उसने खुद बचाव में जमकर कोशिश की। टीम को लगातार गुमराह करता रहा। कड़ाई से पूछताछ की गई तो मालूम चला कि यह दवा वसीम यमुनापार के टेढ़ी बगिया स्थित सनबक्स फार्मेसी से लेकर आया है। बिल को जब्त करके हॉकर के सााथ टीम जब टेढ़ी बगिया पहुंची तो यहां संचालक ने दुकान नहीं खोली। टीम यहां एक घंटे तक खड़ी रही। संचालक सादिक से फोन पर बात की। वह गुमराह करता रहा, एक घंटे बाद अपने रिश्तेदार को भेजा। इसके बाद टीम ने जांच की। दवाओं के बिल भी जब्त किए गए हैं।

पकड़ी दवाएं मोनोपाली कंपनी की
सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय ने बताया कि हॉकर से जब्त की गईं दवाएं मोनोपाली कंपनी की हैं। ये ऐसी दवा कंपनी हैं जो डॉक्टर, दवा कंपनी के प्रतिनिधि, थोक दवा कारोबारी द्वारा संचालित की जा रही हैं। हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा में दवाओं का निर्माण कराया जाता है, इन कंपनियों की मार्केङ्क्षटग इनके द्वारा की जाती है। सस्ती दवा बनवाकर बाजार में अधिक रेट में बेची जाती हैं। जिला आगरा केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशु शर्मा का कहना है कि मोनोपाली दवा कंपनियों पर रोक लगनी चाहिए। मरीजों को सस्ती दवाएं महंगी दर पर दी जा रही हैं। डॉक्टर और दवा कंपनी संचालक मोटी कमाई कर रहे हैं।
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इतनी दवाओं को पकड़ा
औषधि निरीक्षक नवनीत ने बताया कि हाशिम से तीन तरह के एंटीबायोटिक और 3540 एल्प्राजोलम की गोलियों को बरामद किया गया। वहीं सनबैक्ट फार्मेसी से चार तरह की एंटीबायोटिक व एल्प्राजोलम सहित पांच दवाओं को पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि सभी दवाओं के बिल उपलब्ध नहीं थे। ऐसे में सभी दवाओं के नमूने लिए गए हैैं। जांच के बाद में उनके नकली होने के बारे में पता चलेगा।


खेरिया मोड़ पर मंटोला निवासी हाशिम को विभाग की टीम में शामिल औषधि निरीक्षक नवनीत कुमार और कपिल शर्मा ने एक सूचना के बाद खेरिया मोड़ चौराहे से धर दबोचा। हाशिम की निशानदेही पर यमुनापार के टेढ़ी बगिया में एक मेडिकल स्टोर पर छापा मारकर दवाएं जब्त की गई हैं। 9 दवाओं का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। कार्रवाई जारी है।
- अतुल कुमार उपाध्याय, सहायक औषधि आयुक्त

Posted By: Inextlive