हेमंत ब्रजवासी के मेरे रश्क के कमर.. पर झूम उठे आगराइट्स
आगरा। मेरे रश्के कमर, तूने पहली नजरके साथ मथुरा के हेमंत ब्रजवासी ने परफॉर्मेस दी, तो श्रोता तालियां बजाने को मजबूर हो गए। शिल्पग्राम में चल रहे 29वें ताज महोत्सव के पांचवें दिन सांग्स और मस्ती की धूम रही। हेमंत ब्रजवासी की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों ने लोगों का दिल जीत लिया। उन्होंने कई गीत गाये।
इस दौरान मुक्ताकाशीय मंच से अपनी परर्फोमेंस देते हुए हेमंत ब्रजवासी ने कहा कि मैं कोई सेलीब्रेटी नहीें हूं। मैं तो आपका लाला हूं। बस आपका आशीर्वाद चाहिए। मैं अपने ब्रज आगरा में आया हूं। इससे पहले मुक्ताकाशीय मंच पर भाग्य श्री रॉय द्वारा लोक नृत्य पेश किया गया। इसके बाद नई दिल्ली से आयी भूमिका यादव ने गजल से महोत्सव में समां बांध दिया। नोएडा की कलाकार भावना ने सुगम संगीत पेश किया, तो जयपुर से आई संगीता शर्मा ने ब्रज की होली का गायन किया।दिल्ली के नन्हे तबला वादक अभिवन्दन विज ने बेहतरीन जुगलबंदी पेश की। इसको खूब सराहा गया। इमली घोष नई दिल्ली द्वारा कथक पेश किया गया। वंदना मिश्रा द्वारा गायन किया गया। कंचन पांडेय द्वारा काव्य पाठ किया गया। आगरा के राजवीर शर्मा की ओर से भी काव्य पाठ किया गया।
आईजी और कमिश्नर ने भी बांधा सुरों का संगमजिस दौरान मुक्ताकाशीय मंच पर हेमंत ब्रजवासी अपनी प्रस्तुति दे रहे थे, उसी दौरान गीत गाते-गाते वे मंच से नीचे उतर आए। उन्होंने सामने बैठे कमिश्नर अनिल कुमार और आईजी ए सतीश गणेश के हाथों में माइक थमाते हुए गाना गाने की रिक्वेस्ट की। अधिकारियों की जुवां से भी 'मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू, आयी रुत मस्तानी कब आएगी तू, चली आ-आ तू चली आ' के बोल निकल पड़े। अफसरों की ओर से गाये गए गीत को सुनकर श्रोता भी तालियां बजाने को मजबूर हो गए।