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आगरा: ( ब्यूरो) शहर में गर्मी सितम ढा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को दिन में घर से न निकलने की एडवाइजरी जारी की है। भीषण गर्मी कई बार सेहत पर बहुत भारी पड़ सकती है आप लू के शिकार बन सकते हैं। ऐसे मौसम में घर से बाहर निकलने से पहले उचित सावधानी बरतना जरूरी होता है। लू लगने से हीट स्ट्रोक का खतरा रहता है। लोग इसको हल्के में लेते हैं लेकिन कई बार हीट स्ट्रोक जानलेवा साबित भी हो सकता है। क्या होता है हीट स्ट्रोक हीट स्ट्रोक को आम बोलचाल की भाषा में लू लगना भी बोला जा सकता है। ये तब होता है जब आपका शरीर अपने तापमान को कंट्रोल नहीं कर पाता। हीट-स्ट्रोक होने पर शरीर का तापमान काफी तेजी से बढ़ता है और कम नहीं हो पाता है। अगर किसी को लू लगती है तो शरीर का स्वेटिंग मैकेनिज्म यानी पसीना तंत्र भी फेल हो जाता है और इंसान को बिल्कुल पसीना नहीं आता। हीट-स्ट्रोक की चपेट में आने पर किसी भी मरीज के शरीर का तापमान 10 से 15 मिनट के अंदर ही शरीर 106 या इससे अधिक हो सकता है। अगर समय रहते मरीज को इसका इलाज नहीं मिला तो मरीज की मौत या ऑर्गन फेल भी हो सकता है।
कब हो सकते हैं हीट स्ट्रोक के शिकार-डॉ। ऋषि गोपाल वशिष्ठ बताते हैं कि अधिक गर्म जगह पर लंबे समय तक रहने से लू लग सकती है। यदि कोई ठंडे मौसम से अचानक से गर्म जगह पर जाता है तो उसे भी हीट स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। गर्म मौसम में अधिक एक्सरसाइज करना भी हीट-स्ट्रोक का मुख्य कारण हो सकता है। गर्मी में अधिक पसीना आने के बाद पर्याप्त पानी न पीने की वजह से या अगर कोई अधिक शराब का सेवन करता है तो इससे उसका शरीर अपना टेम्प्रेचर सही करने की ताकत खो देता है। इससे लू जल्दी लगती है। इसके अलावा आप गर्मी में ऐसे कपड़े पहनते हैं जिनसे पसीना और हवा पास नहीं हो रही है तो यह भी हीट-स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है। ये हैं लक्षण.
- अगर गर्मी में अधिक समय तक बाहर हैं और इनमें से कोई लक्षण है तो हीट स्ट्रोक हो सकता है इसके अलावा ये लक्षण हो सकते हैं.
-सिर दर्द-डिमेंशिया
-तेज बुखार
-होश खो देना
-मानसिक स्थिति बिगडऩा
-मतली और उल्टी
-त्वचा का लाल होना
-हार्ट रेट बढऩा
-त्वचा का नर्म होना
-त्वचा का सूखना
हीट स्ट्रोक से इस तरह करे बचाव
-अगर किसी व्यक्ति को लू लगी हो प्रारम्भिक उपचार के तौर पर ये एहतियात बरत सकते हैं.
-कपड़ों की मोटी लेयर हटा दें और हवा लगने दें.
-शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए कूलर या पंखे में बैठाएं
-ठंडे पानी से नहलाएं-शरीर को ठंडे पानी के कपड़े से पोछें.
-सिर पर आइस पैक या कपड़े को ठंडे पानी से गीला करके रखें.
-ठंडे पानी में भीगे तौलिये को सिर, गर्दन, बगल और कमर पर रखें.
-हीट स्ट्रोक में कोई लापरवाही न बरतें प्रारंभिक लक्षणों के बाद ही डॉक्टर से परामर्श लें.
-आने वाले दिनों में गर्मी और बढ़ सकती है ऐसे में विशेष एहतियात बरतें हीट स्ट्रोक को लेकर लापरवाही न बरतें.
डॉ। विनय गोयल, इमरजेंसी विभाग जिला अस्पताल